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रेलवे ने अवैध सॉफ्टवेयरों का सफाया किया, अब अधिक तत्काल टिकट होंगे उपलब्ध

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि सफाई अभियान का अर्थ है कि यात्रियों के लिए अब तत्काल टिकट घंटों तक उपलब्ध होंगे जबकि पहले बुकिंग खुलने के बाद एक या दो मिनट पहले तक ही उपलब्ध होते थे.

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Published : Feb 18, 2020, 7:52 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 6:35 PM IST

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रेलवे ने अवैध सॉफ्टवेयरों का सफाया किया, अब अधिक तत्काल टिकट होंगे उपलब्ध

नई दिल्ली: रेलवे ने अवैध सॉफ्टवेयरों का सफाया करते हुए उन 60 एजेंटों को गिरफ्तार किया है जो ऐसे तरीकों से टिकटों की बुकिंग कर लेते थे. रेलवे के इस कदम से अब यात्रियों के लिए अधिक संख्या में तत्काल टिकट उपलब्ध हो सकेंगे. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि सफाई अभियान का अर्थ है कि यात्रियों के लिए अब तत्काल टिकट घंटों तक उपलब्ध होंगे जबकि पहले बुकिंग खुलने के बाद एक या दो मिनट पहले तक ही उपलब्ध होते थे.

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि एएनएमएस, मैक और जगुआर जैसे अवैध सॉफ्टवेयर आईआरसीटीसी के लॉगिन कैप्चा, बुकिंग कैप्चा और बैंक ओटीपी की बाईपास करते वास्तविक ग्राहक को इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा.

उन्होंने बताया कि एक सामान्य ग्राहक के लिए बुकिंग प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग 2.55 मिनट लगते हैं, लेकिन ऐसे सॉफ्टवेयरों का उपयोग करने वाले इसे लगभग 1.48 मिनट में पूरी कर लेते.

ये भी पढ़ें: कोरोना वायरस से उद्योगों पर पड़ने वाले प्रभाव से निपटने के उपायों की घोषणा जल्द: सीतारमण

रेलवे एजेंटों को तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं देता और पिछले दो महीनों में आरपीएफ ने लगभग 60 अवैध एजेंटों को पकड़ा जो इन सॉफ्टवेयरों के जरिए टिकट बुक कर रहे थे. ऐसे में अन्य लोगों के लिए तत्काल टिकट प्राप्त करना वस्तुत: असंभव हो गया.

कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, "आज मैं कह सकता हूं कि अवैध सॉफ्टवेयरों के जरिए एक भी टिकट नहीं बुक किया जा रहा है. हमने आईआरसीटीसी से जुड़े सभी मुद्दों को हल कर लिया है तथा उन लोगों को भी पकड़ लिया जो सॉफ्टवेयर के प्रमुख ऑपरेटर थे."

कुमार ने कहा कि इन गिरफ्तारियों के साथ ही अधिकतर अवैध सॉफ्टवेयरों को ब्लॉक कर दिया गया है जो सालाना 50 करोड़ -100 करोड़ रुपये का कारोबार करते थे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: रेलवे ने अवैध सॉफ्टवेयरों का सफाया करते हुए उन 60 एजेंटों को गिरफ्तार किया है जो ऐसे तरीकों से टिकटों की बुकिंग कर लेते थे. रेलवे के इस कदम से अब यात्रियों के लिए अधिक संख्या में तत्काल टिकट उपलब्ध हो सकेंगे. एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी.

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि सफाई अभियान का अर्थ है कि यात्रियों के लिए अब तत्काल टिकट घंटों तक उपलब्ध होंगे जबकि पहले बुकिंग खुलने के बाद एक या दो मिनट पहले तक ही उपलब्ध होते थे.

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि एएनएमएस, मैक और जगुआर जैसे अवैध सॉफ्टवेयर आईआरसीटीसी के लॉगिन कैप्चा, बुकिंग कैप्चा और बैंक ओटीपी की बाईपास करते वास्तविक ग्राहक को इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा.

उन्होंने बताया कि एक सामान्य ग्राहक के लिए बुकिंग प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग 2.55 मिनट लगते हैं, लेकिन ऐसे सॉफ्टवेयरों का उपयोग करने वाले इसे लगभग 1.48 मिनट में पूरी कर लेते.

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रेलवे एजेंटों को तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं देता और पिछले दो महीनों में आरपीएफ ने लगभग 60 अवैध एजेंटों को पकड़ा जो इन सॉफ्टवेयरों के जरिए टिकट बुक कर रहे थे. ऐसे में अन्य लोगों के लिए तत्काल टिकट प्राप्त करना वस्तुत: असंभव हो गया.

कुमार ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, "आज मैं कह सकता हूं कि अवैध सॉफ्टवेयरों के जरिए एक भी टिकट नहीं बुक किया जा रहा है. हमने आईआरसीटीसी से जुड़े सभी मुद्दों को हल कर लिया है तथा उन लोगों को भी पकड़ लिया जो सॉफ्टवेयर के प्रमुख ऑपरेटर थे."

कुमार ने कहा कि इन गिरफ्तारियों के साथ ही अधिकतर अवैध सॉफ्टवेयरों को ब्लॉक कर दिया गया है जो सालाना 50 करोड़ -100 करोड़ रुपये का कारोबार करते थे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 1, 2020, 6:35 PM IST
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