ETV Bharat / business

हमारे बम निरोधक रोबोट भारतीय ट्रेनों, वाहनों में उपयोग के लिए तैयार: डीआरडीओ - दक्ष

डीआरडीओ ने दक्ष और दक्ष मिनी रोबोट को डिजाइन और विकसित किया है जो भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निर्माताओं द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं.

business news, drdo, defence expo, indian army, daksh robot, कारोबार न्यूज, डीआरडीओ, डिफेंस एक्सपो, भारतीय सेना, दक्ष, दक्ष मिनी
हमारे बम निरोधक रोबोट भारतीय ट्रेनों, वाहनों में उपयोग के लिए तैयार: डीआरडीओ
author img

By

Published : Feb 10, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 9:51 PM IST

लखनऊ: भारत का प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन - डीआरडीओ दूर से संचालित वाहनों या रोबोटों के नए मोर्चे पर काम कर रहा है क्योंकि ये मशीनें जोखिम को कम कर सकती हैं और बम निपटान जैसी खतरनाक नौकरियों से निपटने में घातक परिणाम कम कर सकती हैं.

ये मशीनें या रोबोट, जिन्हें देश के सशस्त्र बलों द्वारा कई अभियानों में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, विशेष रूप से डिज़ाइन और विकसित किए गए हैं ताकि वे भारतीय ट्रेनों और वाहनों पर काम कर सकें.

जानकारी देते डीआरडीओ के आयुध और कॉम्बैट इंजीनियरिंग डिवीजन के महानिदेशक पीके मेहता.

डीआरडीओ ने दक्ष और दक्ष मिनी रोबोट को डिजाइन और विकसित किया है जो भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निर्माताओं द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं.

दो फीट ऊंचे दक्ष रोबोट को भारतीय सेना में शामिल किया गया है, वहीं इसके छोटे संस्करण दक्ष मिनी (सीएसआरओवी) और उससे छोटे संस्करणों को अभी शामिल नहीं किया गया है.

डीआरडीओ के आयुध और कॉम्बैट इंजीनियरिंग डिवीजन के महानिदेशक पीके मेहता ने कहा, "हम कई अन्य आरओवी विकसित कर रहे हैं जिन्हें सीमित या छोटे स्थानों में संचालित किया जा सकता है."

ये भी पढ़ें: बेरोजगारी बढ़ने, खपत घटने से देश के सामने बढ़ रहा है अर्थ संकट: चिदंबरम

लखनऊ डिफेंस एक्सपो में एक्सक्लूसिव बातचीत में ईटीवी भारत को बताया, "यह सिस्टम बहुत छोटी जगहों पर जा सकता है और सर्वे कर सकता है, वहां कुछ सर्विलांस सिस्टम का इस्तेमाल या प्लांट कर सकता है."

दक्ष इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस को संभालने, डिटेक्ट करने और डिफ्यूज करने में सक्षम है. डीआरडीओ दक्ष बैटरी से चलने वाला वाहन है जो शहरी और क्रॉस कंट्री इलाके में काम कर सकता है. यह 2.5 किलोग्राम की ऊंचाई पर 20 किलोग्राम तक उठा सकता है. यह पता लगाने के लिए अपने स्वयं के एक्स-रे का उपयोग कर सकता है कि क्या किसी संदिग्ध वस्तु में वास्तव में विस्फोटक है या नहीं. डीआरडीओ इंजीनियरों के अनुसार इसका उपयोग मुंबई आतंकवादी हमले जैसी स्थिति में किया जा सकता है.

डीआरडीओ ने इसका छोटा संस्करण भी विकसित किया है, जिसे लोकप्रिय रूप से दक्ष मिनी या सीएसआरओवी के रूप में जाना जाता है, जो सीमित स्थानों में काम कर सकता है. दक्ष मिनी और इसके छोटे संस्करणों को विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के लिए तैयार किया गया है.

डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी मेहता ने कहा, "अगर मैं इस सीएसआरओवी की बात करूं तो इसे इस तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि इसका इस्तेमाल हमारे देश में चलने वाली ट्रेनों और बसों में किया जा सके."

पीके मेहता ने यह भी पुष्टि की कि भारतीय सेना और सुरक्षा बलों द्वारा सैनिकों के बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए किए गए कई मुश्किल अभियानों में दक्ष का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है.

रक्षा में मेक इन इंडिया
स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए, डीआरडीओ ने अपने दूर से संचालित वाहनों (आरओवी) की तकनीक को देश में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के खिलाड़ियों को हस्तांतरित कर दिया है.

रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में शीर्ष अनुसंधान और विकास निकाय ने पहले से ही भारतीय उद्योग के साथ अपने पेटेंट और अन्य प्रौद्योगिकी को साझा किया है और निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र के खिलाड़ियों द्वारा निर्मित किया गया है.
(वरिष्ठ पत्रकार कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख)

लखनऊ: भारत का प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन - डीआरडीओ दूर से संचालित वाहनों या रोबोटों के नए मोर्चे पर काम कर रहा है क्योंकि ये मशीनें जोखिम को कम कर सकती हैं और बम निपटान जैसी खतरनाक नौकरियों से निपटने में घातक परिणाम कम कर सकती हैं.

ये मशीनें या रोबोट, जिन्हें देश के सशस्त्र बलों द्वारा कई अभियानों में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, विशेष रूप से डिज़ाइन और विकसित किए गए हैं ताकि वे भारतीय ट्रेनों और वाहनों पर काम कर सकें.

जानकारी देते डीआरडीओ के आयुध और कॉम्बैट इंजीनियरिंग डिवीजन के महानिदेशक पीके मेहता.

डीआरडीओ ने दक्ष और दक्ष मिनी रोबोट को डिजाइन और विकसित किया है जो भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निर्माताओं द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं.

दो फीट ऊंचे दक्ष रोबोट को भारतीय सेना में शामिल किया गया है, वहीं इसके छोटे संस्करण दक्ष मिनी (सीएसआरओवी) और उससे छोटे संस्करणों को अभी शामिल नहीं किया गया है.

डीआरडीओ के आयुध और कॉम्बैट इंजीनियरिंग डिवीजन के महानिदेशक पीके मेहता ने कहा, "हम कई अन्य आरओवी विकसित कर रहे हैं जिन्हें सीमित या छोटे स्थानों में संचालित किया जा सकता है."

ये भी पढ़ें: बेरोजगारी बढ़ने, खपत घटने से देश के सामने बढ़ रहा है अर्थ संकट: चिदंबरम

लखनऊ डिफेंस एक्सपो में एक्सक्लूसिव बातचीत में ईटीवी भारत को बताया, "यह सिस्टम बहुत छोटी जगहों पर जा सकता है और सर्वे कर सकता है, वहां कुछ सर्विलांस सिस्टम का इस्तेमाल या प्लांट कर सकता है."

दक्ष इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस को संभालने, डिटेक्ट करने और डिफ्यूज करने में सक्षम है. डीआरडीओ दक्ष बैटरी से चलने वाला वाहन है जो शहरी और क्रॉस कंट्री इलाके में काम कर सकता है. यह 2.5 किलोग्राम की ऊंचाई पर 20 किलोग्राम तक उठा सकता है. यह पता लगाने के लिए अपने स्वयं के एक्स-रे का उपयोग कर सकता है कि क्या किसी संदिग्ध वस्तु में वास्तव में विस्फोटक है या नहीं. डीआरडीओ इंजीनियरों के अनुसार इसका उपयोग मुंबई आतंकवादी हमले जैसी स्थिति में किया जा सकता है.

डीआरडीओ ने इसका छोटा संस्करण भी विकसित किया है, जिसे लोकप्रिय रूप से दक्ष मिनी या सीएसआरओवी के रूप में जाना जाता है, जो सीमित स्थानों में काम कर सकता है. दक्ष मिनी और इसके छोटे संस्करणों को विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के लिए तैयार किया गया है.

डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी मेहता ने कहा, "अगर मैं इस सीएसआरओवी की बात करूं तो इसे इस तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि इसका इस्तेमाल हमारे देश में चलने वाली ट्रेनों और बसों में किया जा सके."

पीके मेहता ने यह भी पुष्टि की कि भारतीय सेना और सुरक्षा बलों द्वारा सैनिकों के बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए किए गए कई मुश्किल अभियानों में दक्ष का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है.

रक्षा में मेक इन इंडिया
स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए, डीआरडीओ ने अपने दूर से संचालित वाहनों (आरओवी) की तकनीक को देश में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के खिलाड़ियों को हस्तांतरित कर दिया है.

रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में शीर्ष अनुसंधान और विकास निकाय ने पहले से ही भारतीय उद्योग के साथ अपने पेटेंट और अन्य प्रौद्योगिकी को साझा किया है और निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र के खिलाड़ियों द्वारा निर्मित किया गया है.
(वरिष्ठ पत्रकार कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख)

Intro:Body:

लखनऊ: भारत का प्रमुख रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन - डीआरडीओ दूर से संचालित वाहनों या रोबोटों के नए मोर्चे पर काम कर रहा है क्योंकि ये मशीनें जोखिम को कम कर सकती हैं और बम निपटान जैसी खतरनाक नौकरियों से निपटने में घातक परिणाम कम कर सकती हैं.

ये मशीनें या रोबोट, जिन्हें देश के सशस्त्र बलों द्वारा कई अभियानों में सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है, विशेष रूप से डिज़ाइन और विकसित किए गए हैं ताकि वे भारतीय ट्रेनों और वाहनों पर काम कर सकें.

डीआरडीओ ने दक्ष और दक्ष मिनी रोबोट को डिजाइन और विकसित किया है जो भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के निर्माताओं द्वारा निर्मित किए जा रहे हैं.

दो फीट ऊंचे दक्ष रोबोट को भारतीय सेना में शामिल किया गया है, वहीं इसके छोटे संस्करण दक्ष मिनी (सीएसआरओवी) और उससे छोटे संस्करणों को अभी शामिल नहीं किया गया है.

डीआरडीओ के आयुध और कॉम्बैट इंजीनियरिंग डिवीजन के महानिदेशक पीके मेहता ने कहा, "हम कई अन्य आरओवी विकसित कर रहे हैं जिन्हें सीमित या छोटे स्थानों में संचालित किया जा सकता है."

लखनऊ डिफेंस एक्सपो में एक्सक्लूसिव बातचीत में ईटीवी भारत को बताया, "यह सिस्टम बहुत छोटी जगहों पर जा सकता है और सर्वे कर सकता है, वहां कुछ सर्विलांस सिस्टम का इस्तेमाल या प्लांट कर सकता है."

दक्ष इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस को संभालने, डिटेक्ट करने और डिफ्यूज करने में सक्षम है. डीआरडीओ दक्ष बैटरी से चलने वाला वाहन है जो शहरी और क्रॉस कंट्री इलाके में काम कर सकता है. यह 2.5 किलोग्राम की ऊंचाई पर 20 किलोग्राम तक उठा सकता है. यह पता लगाने के लिए अपने स्वयं के एक्स-रे का उपयोग कर सकता है कि क्या किसी संदिग्ध वस्तु में वास्तव में विस्फोटक है या नहीं. डीआरडीओ इंजीनियरों के अनुसार इसका उपयोग मुंबई आतंकवादी हमले जैसी स्थिति में किया जा सकता है.

डीआरडीओ ने इसका छोटा संस्करण भी विकसित किया है, जिसे लोकप्रिय रूप से दक्ष मिनी या सीएसआरओवी के रूप में जाना जाता है, जो सीमित स्थानों में काम कर सकता है. दक्ष मिनी और इसके छोटे संस्करणों को विशेष रूप से भारतीय परिस्थितियों के लिए तैयार किया गया है.

डीआरडीओ के वरिष्ठ अधिकारी मेहता ने कहा, "अगर मैं इस सीएसआरओवी की बात करूं तो इसे इस तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि इसका इस्तेमाल हमारे देश में चलने वाली ट्रेनों और बसों में किया जा सके."

पीके मेहता ने यह भी पुष्टि की कि भारतीय सेना और सुरक्षा बलों द्वारा सैनिकों के बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए किए गए कई मुश्किल अभियानों में दक्ष का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है.

मेक इन इंडिया डिफेंस

स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए, डीआरडीओ ने अपने दूर से संचालित वाहनों (आरओवी) की तकनीक को देश में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के खिलाड़ियों को हस्तांतरित कर दिया है.

रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में शीर्ष अनुसंधान और विकास निकाय ने पहले से ही भारतीय उद्योग के साथ अपने पेटेंट और अन्य प्रौद्योगिकी को साझा किया है और निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र के खिलाड़ियों द्वारा निर्मित किया गया है.

(वरिष्ठ पत्रकार कृष्णानन्द त्रिपाठी का लेख)


Conclusion:
Last Updated : Feb 29, 2020, 9:51 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.