नई दिल्ली: बरसात के कारण कीमतों में वृद्धि से पहले प्याज ने देश के आम उपभोक्ता को रुलाया, लेकिन अब टमाटर की बारी है. देश की राजधानी दिल्ली में बीते एक सप्ताह में टमाटर के दाम में 70 फीसदी का इजाफा हो चुका है. टमाटर के लाल होने से इस त्योहारी सीजन में लोग परेशान हैं.
महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत दक्षिण भारत के राज्यों में हुई भारी बारिश के कारण प्याज की सप्लाई बाधित होने के कारण इसकी कीमतों में बीते दिनों भारी इजाफा हुआ, लेकिन अब इसका असर टमाटर पर भी दिखने लगा है.
दिल्ली-एनसीआर में टमाटर बीते कुछ दिनों से खुदरा में 40-60 रुपये बिकने लगा है और आने वाले दिनों में कीमतों में और इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है.
नोएडा निवासी मंजू सिंह ने बताया कि प्याज और टमाटर के दाम में बेशुमार इजाफा होने से रसोई का बजट बिगड़ गया है. उन्होंने बताया कि पहले 30 रुपये में जहां एक किलो टमाटर मिलता था वहां अब इसके लिए दोगुने पैसे खर्च करने पड़ते हैं.
दिल्ली ही नहीं, पूरे देश में टमाटर की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाइट के अनुसार, चंडीगढ़ में बुधवार को प्याज का भाव 52 रुपये किलो था.
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निजी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चंडीगढ़ में प्याज का भाव 50-60 रुपये प्रति किलो था.
दिल्ली की आजादपुर मंडी में गुरुवार को औसत से अच्छी वेरायटी के टमाटर का 25 किलो का पैकेट 800 रुपये से ऊपर के भाव बिक रहा था. वहीं, औसत से नीचे की वेरायटी का टमाटर 500 रुपये प्रति पैकेट था.
आजाद कृषि उत्पादन मार्केट कमेटी (एपीएमसी) की कीमत सूची के अनुसार, एक दिन पहले बुधवार को टमाटर का थोक भाव आठ रुपये से लेकर 34 रुपये प्रति किलो था और आवक 560.3 टन थी.
जबकि एक सप्ताह पहले 19 सितंबर को दिल्ली में एपीएमसी के रेट के अनुसार, टमाटर का थोक भाव 4.50-20 रुपये प्रति किलो था, जबकि आवक 1,700 टन थी.
एपीएमसी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी बारिश होने और बाढ़ आने से खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे टमाटर की आवक घटकर एक तिहाई से भी कम रह गई है.
आजादपुर मंडी के कारोबारी और टमाटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मिंटो चौहान ने भी आईएएनएस को बताया कि टमाटर की आवक में फिलहाल सुधार की उम्मीद नहीं है, इसलिए आने वाले दिनों में टमाटर के दाम और इजाफा हो सकता है.
उन्होंने कहा कि खेतों में पानी भरे होने के कारण एक तो टमाटर की फसल खराब हो रही है, दूसरी बात किसान इसकी तुड़ाई भी ढंग से नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जहां पहले 40 ट्रक की रोजाना आवक थी और इतनी रोजाना की खपत भी है. वहां अब ज्यादा से ज्यादा 20 ट्रक की आवक हो रही है.
आजादपुर मंडी में इस समय कर्नाटक और महाराष्ट्र के अलावा हिमाचल से टमाटर की आवक हो रही है.
चौहान ने बताया कि हिमाचल में टमाटर की फसल का सीजन तकरीबन समाप्त होने को है और आसपास के किसी राज्य से टमाटर इस सीजन में नहीं आता है. हरियाणा में टमाटर तैयार होने का सीजन अप्रैल-मई रहता है.
उन्होंने बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र के अलावा, आंध्रप्रदेश में भी इस समय टमाटर की फसल है, लेकिन वहां भी बारिश के कारण फसल खराब हो रही है.
कारोबारियों के अनुसार, खेतों से पानी निकलने के बाद ही दिनों में टमाटर की आवक बढ़ सकती है. ऐसे में त्योहारी सीजन के दौरान मांग बढ़ने से आने वाले दिनों में देशभर में टमाटर के दाम में और इजाफा हो सकता है.