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15 अगस्त तक लॉन्च हो सकती है देश की पहली कोरोना वैक्सीन, मानव परीक्षण 7 जुलाई से

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Published : Jul 3, 2020, 9:58 AM IST

Updated : Jul 3, 2020, 6:02 PM IST

देश में पहली कोरोना वैक्सीन 15 अगस्त तक आ सकती है. आईसीएमआर और भारत बायोटेक इसका मानव परीक्षण कर रहे हैं. बता दें 15 अगस्त से पहले वैक्सीन का मानव परीक्षण पूरा हो सकता है. अधिकारियों ने बताया कि अगर परीक्षण हर चरण में सफल होता है तो 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन बाजार में आ जाएगी.

15 अगस्त को लॉन्च हो सकती है देश की पहली कोरोना वैक्सीन, मानव परीक्षण 7 जुलाई से शुरू
15 अगस्त को लॉन्च हो सकती है देश की पहली कोरोना वैक्सीन, मानव परीक्षण 7 जुलाई से शुरू

नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक अच्छी खबर आ रही है. 15 अगस्त को कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन लॉन्च हो सकती है.

इस वैक्सीन को फार्मास्यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है. भारत बायोटेक और आईसीएमआर की तरफ से वैक्सीन लॉन्चिंग संभव है. भारत बायोटेक को हाल ही में अपने टीके के के मानव ​​परीक्षण के लिए अनुमति मिली थी.

ये भी पढ़ें-रिलायंस जियो पर फिर बरसा पैसा, इंटेल कैपिटल ने किया 1,895 करोड़ का निवेश

यह भारत में विकसित होने वाली पहली स्वदेशी वैक्सीन है और सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक है. जिसकी निगरानी सरकार के शीर्ष स्तर पर की जा रही है.

आईसीएमआर
आईसीएमआर की ओर से जारी विज्ञप्ति

कोविड-19 के टीके के क्लीनिकल ट्रायल के लिए आईसीएमआर ने 12 संस्थानों का चयन किया

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश के पहले स्वदेशी कोविड-19 टीके के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 12 संस्थानों का चयन किया है.

विशाखापत्तनम स्थित मिंग जॉर्ज अस्पताल, रोहतक स्थित पं. बीडी शर्मा पीजीआईएमएस, स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नई दिल्ली स्थित एम्स, पटना स्थित एम्स, बेलगाम स्थित जीवन रेखा अस्पताल, नागपुर स्थित गिल्लुरकर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गोरखपुर स्थित राणा अस्पताल, चेंगलपट्टू (तमिलनाडु) स्थित एसआरएम मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, हैदराबाद ( तेलंगाना) स्थित निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, भुवनेश्वर स्थित भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, कानपुर स्थित प्रखर अस्पताल प्रा. लिमिटेड और गोवा में एक संस्थान को नैदानिक ​​परीक्षण स्थल के रूप में चुना गया है.

अगर ये ट्रायल सफल रहा तो भारत के पास कोरोना से जंग के लिए बड़ा हथियार मिल जाएगा. बता दें कि भारत बायोटेक के अलावा जायडस कैडिला भी कोरोना वायरस वैक्सीन को तैयार करने में जुटा है. इसे भी आईसीएमआर से वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मिल गई है.

'समय पर क्लीनिकल ट्रायल पूरा होगा या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा'

ईटीवी भारत से बात करते हुए एम्स आरडीए के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अमरिंदर सिंह मल्ही ने क्लीनिकल ट्रायल के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि समय पर इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल हो पायेगा या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन ये जरुर है कि भारत सरकार इसे बहुत सीरियसली ले रही है.

जानकारी देते एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अमरिंदर सिंह मल्ही

हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि 15 अगस्त से पहले वैक्सीन का आम लोगों तक पहुंच पाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है. यह साल के अंत तक ही बाजार में उपलब्ध होगा.

बता दें कि आईसीएमआर ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर स्वदेशी कोविड-19 टीका (बीबीवी152 कोविड वैक्सीन) विकसित किया है.

नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक अच्छी खबर आ रही है. 15 अगस्त को कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन लॉन्च हो सकती है.

इस वैक्सीन को फार्मास्यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने तैयार किया है. भारत बायोटेक और आईसीएमआर की तरफ से वैक्सीन लॉन्चिंग संभव है. भारत बायोटेक को हाल ही में अपने टीके के के मानव ​​परीक्षण के लिए अनुमति मिली थी.

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यह भारत में विकसित होने वाली पहली स्वदेशी वैक्सीन है और सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में से एक है. जिसकी निगरानी सरकार के शीर्ष स्तर पर की जा रही है.

आईसीएमआर
आईसीएमआर की ओर से जारी विज्ञप्ति

कोविड-19 के टीके के क्लीनिकल ट्रायल के लिए आईसीएमआर ने 12 संस्थानों का चयन किया

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने देश के पहले स्वदेशी कोविड-19 टीके के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 12 संस्थानों का चयन किया है.

विशाखापत्तनम स्थित मिंग जॉर्ज अस्पताल, रोहतक स्थित पं. बीडी शर्मा पीजीआईएमएस, स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नई दिल्ली स्थित एम्स, पटना स्थित एम्स, बेलगाम स्थित जीवन रेखा अस्पताल, नागपुर स्थित गिल्लुरकर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गोरखपुर स्थित राणा अस्पताल, चेंगलपट्टू (तमिलनाडु) स्थित एसआरएम मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, हैदराबाद ( तेलंगाना) स्थित निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, भुवनेश्वर स्थित भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, कानपुर स्थित प्रखर अस्पताल प्रा. लिमिटेड और गोवा में एक संस्थान को नैदानिक ​​परीक्षण स्थल के रूप में चुना गया है.

अगर ये ट्रायल सफल रहा तो भारत के पास कोरोना से जंग के लिए बड़ा हथियार मिल जाएगा. बता दें कि भारत बायोटेक के अलावा जायडस कैडिला भी कोरोना वायरस वैक्सीन को तैयार करने में जुटा है. इसे भी आईसीएमआर से वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति मिल गई है.

'समय पर क्लीनिकल ट्रायल पूरा होगा या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा'

ईटीवी भारत से बात करते हुए एम्स आरडीए के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर अमरिंदर सिंह मल्ही ने क्लीनिकल ट्रायल के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि समय पर इस वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल हो पायेगा या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन ये जरुर है कि भारत सरकार इसे बहुत सीरियसली ले रही है.

जानकारी देते एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अमरिंदर सिंह मल्ही

हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि 15 अगस्त से पहले वैक्सीन का आम लोगों तक पहुंच पाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है. यह साल के अंत तक ही बाजार में उपलब्ध होगा.

बता दें कि आईसीएमआर ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर स्वदेशी कोविड-19 टीका (बीबीवी152 कोविड वैक्सीन) विकसित किया है.

Last Updated : Jul 3, 2020, 6:02 PM IST

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