ETV Bharat / business

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने किए 5 एमओयू पर हस्ताक्षर, तोमर ने कहा मिलेगा रोजगार - खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उपक्रम योजना के क्रियान्वयन के लिए ट्राइफेड और नाफेड सहित पांच संस्थानों और सहकारिताओं के साथ सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने किए 5 एमओयू पर हस्ताक्षर, तोमर ने कहा मिलेगा रोजगार
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने किए 5 एमओयू पर हस्ताक्षर, तोमर ने कहा मिलेगा रोजगार
author img

By

Published : Dec 19, 2020, 1:46 PM IST

नई दिल्ली: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को विभिन्न निगमों और सरकारी कम्पनियों के साथ पांच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि इससे सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ये एमओयू जनजातीय मामले मंत्रालय, जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के साथ किए.

इस मौके पर तोमर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री रामेश्वर तेली भी मौजूद थे.

तोमर ने कहा, "इन एमओयू के माध्यम से सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रो में रोजगार उपलब्ध कराने, जीवन स्तर में बदलाव लाने व सरकार की योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों का जीवन संवारने में मदद मिलेगी."

उन्होंने कहा कि आमलोगों, खासतौर से गरीबों तक लाभ पहुंचाने के लिए फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय ने सभी विभागोंसे समन्वय बनाने की कोशिश की है और पीएमएफएमई स्कीम में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बजट 2021-22: स्वास्थ्य, डिजिटल इंडिया, बुनियादी ढांचे और नौकरियों पर होगा ध्यान

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कहा कि इस स्कीम में 800 करोड़ रुपये की उपलब्धता अनुसूचित जाति के लोगों के लिए है, जिससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा और वे स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.

केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि इन एमओयू से आत्मनिर्भर भारत के तहत पूरे देश को सबल बनाने का महत्वपूर्ण अवसर है. इनके माध्यम से लिंक बनने से विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को लाभ पहुंचेगा.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ एक संयुक्त पत्र भी हस्ताक्षर किए.

उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त पत्र से लघु वनोपज सहित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में जनजातीय उद्यमों व समूहों की पहचान में आसानी होगी. यह ट्राइफूड उत्पादों जैसे जनजातीय इंडिया, आड़ी महोत्सव, जनजातीय मेलों और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे उपलब्ध मार्केटिंग चैनलों के माध्यम से मददगार होगा.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को विभिन्न निगमों और सरकारी कम्पनियों के साथ पांच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि इससे सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ये एमओयू जनजातीय मामले मंत्रालय, जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ लिमिटेड (ट्राइफेड), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी), राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के साथ किए.

इस मौके पर तोमर, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत, जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री रामेश्वर तेली भी मौजूद थे.

तोमर ने कहा, "इन एमओयू के माध्यम से सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्रो में रोजगार उपलब्ध कराने, जीवन स्तर में बदलाव लाने व सरकार की योजनाओं के माध्यम से हितग्राहियों का जीवन संवारने में मदद मिलेगी."

उन्होंने कहा कि आमलोगों, खासतौर से गरीबों तक लाभ पहुंचाने के लिए फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय ने सभी विभागोंसे समन्वय बनाने की कोशिश की है और पीएमएफएमई स्कीम में 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: बजट 2021-22: स्वास्थ्य, डिजिटल इंडिया, बुनियादी ढांचे और नौकरियों पर होगा ध्यान

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गहलोत ने कहा कि इस स्कीम में 800 करोड़ रुपये की उपलब्धता अनुसूचित जाति के लोगों के लिए है, जिससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा और वे स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे.

केंद्रीय मंत्री मुंडा ने कहा कि इन एमओयू से आत्मनिर्भर भारत के तहत पूरे देश को सबल बनाने का महत्वपूर्ण अवसर है. इनके माध्यम से लिंक बनने से विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को लाभ पहुंचेगा.

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ एक संयुक्त पत्र भी हस्ताक्षर किए.

उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त पत्र से लघु वनोपज सहित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में जनजातीय उद्यमों व समूहों की पहचान में आसानी होगी. यह ट्राइफूड उत्पादों जैसे जनजातीय इंडिया, आड़ी महोत्सव, जनजातीय मेलों और अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों जैसे उपलब्ध मार्केटिंग चैनलों के माध्यम से मददगार होगा.

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.