नई दिल्ली : भारत ने बुधवार को तेल एवं गैस ब्लॉक नीलामी के लिए पांचवें दौर की बोलियां आमंत्रित करने की घोषणा की. इस दौर में संशोधित वित्तीय शर्तों के साथ 11 ब्लॉक नीलाम किए जा रहे हैं.
खनिज तरल कार्बनिक ईंधन का उत्पादन बढ़ाने के उद्येश्य से हाइड्रोकार्बन खोज एवं लाइसेंसिंग नीति (एचईएलपी) के तहत सरकार ढाई साल की छोटी अवधि में ही अबतक उत्खनन के लिए देश के अधिकार क्षेत्र में पड़ने वाले 94 ब्लॉक की पेशकश कर चुकी है.
हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) ने एक बयान में कहा कि ये ब्लॉक भारत के अधिकार क्षेत्र के 16 अवसादी बेसिनों में कुल 1,36,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हैं.
महानिदेशालय के अनुसार, 'खोज एवं उत्पादन गतिविधियों को आक्रमक तरीके से जारी रखने के तहत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के लिए पांचवें दौर की बोली शुरू की है...इसमें निवेशकों की बोली के लिए 19,800 वर्ग किलोमटर क्षेत्र में फैले 11 ब्लॉक की पेशकश की जाएगी.
पिछले दौर की बोली में सात ब्लॉक के लिए केवल 8 बोलियां आई थीं. डीजीएच के अनुसार एचईएलपी व्यवस्था में चौथे दौर की बोली में खुला क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) जमीन पर स्थित सात ब्लॉक की पेशकश की गयी थी. ये ब्लॉक 18,510 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले थे. सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) सभी सात तेल एवं गैस ब्लॉक लेने में सफल रही.
ओएएलपी-4 संशोधित शर्तों पर पहले दौर की बोली थी. इसे फरवरी 2019 में मंजूरी मिली थी. जहां पिछली दौर की बोलियों में जहां ब्लॉक उन कंपनियों को दिये जाते थे जो सरकार को तेल एवं गैस में अधिकतम हिस्सेदारी की पेशकश करती थीं वहीं छोटे और अबतक खोज से वंचित श्रेणी-दो और तीन बेसिन अब उन कंपनियों को दिये जा रहे हैं जो सर्वाधिक खोज एवं उत्पादन कार्यक्रम की पेशकश करती हैं.
डीजीएच ने कहा कि ओएएलपी-5 के लिए बोलियां 18 मार्च तक जमा करई जा सकती हैं.
ओएएलपी के पांचवें दौर की बोली के कुल 11 ब्लॉक 8 अवसादी बेसिन में फैले हैं. इसमें 8 जमीनी ब्लॉक हैं. इसमें छह श्रेणी-1 बेसिन और एक-एक श्रेणी दो और श्रेणी तीन बेसिन में हैं. वहीं दो छिछले जल क्षेत्र (एक-एक श्रेणी-1 और श्रेणी-दो बेसिन) तथा एक गहरे जल क्षेत्र (श्रेणी 1 बेसिन) में स्थित है.
डीजीएच के बयान के अनुसार, 'उम्मीद है कि ओएएलपी के पांच दौर के तहत खोज कार्य तुंरत शुरू होगा. इसमें 40 से 45 करोड़ डॉलर के निवेश का अनुमान है.'
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बयान में कहा गया है, 'अबतक पहले, दूसरे, तीसरे और चौथे दौर की बोलियों में 1,36,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में स्थित ब्लॉक आवंटित किये गये हैं. वहीं पांचवें दौर में 19,800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले ब्लॉक की पेशकश की गयी है. इस प्रकार, इस दौर की बोली के बाद कुल खोज क्षेत्र बढ़कर 236,600 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा.'