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लॉकडाउन की वजह से रेस्तरां इंडस्ट्री का राजस्व 50 फीसदी तक गिरने का अनुमान: रिपोर्ट - कोविड-19: रेस्तरां इंडस्ट्री का कारोबार 50 फीसदी तक गिरने का अनुमान

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते फूड एंड बेवरेज सेक्टर बुरी तरह प्रभावित है. वित्त वर्ष 2020-21 में संगठित डाइन-इन रेस्तरां का राजस्व 40-50 प्रतिशत घटने की संभावना है.

लॉकडाउन की वजह से रेस्तरां इंडस्ट्री का कारोबार 50 फीसदी तक गिरने का अनुमान: रिपोर्ट
लॉकडाउन की वजह से रेस्तरां इंडस्ट्री का कारोबार 50 फीसदी तक गिरने का अनुमान: रिपोर्ट
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Published : May 15, 2020, 2:31 PM IST

हैदराबाद: भारत के संगठित डाइन-इन रेस्तरां कोरोना महामारी के कारण बंद पड़ें हुए हैं. जिसके चलते इनकी कमाई में लगभग 50 फीसदी तक गिरावट होने की संभावना है.

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते फूड एंड बेवरेज सेक्टर बुरी तरह प्रभावित है. वित्त वर्ष 2020-21 में संगठित डाइन-इन रेस्तरां का राजस्व 40-50 प्रतिशत घटने की संभावना है.

रिपोर्ट के मुताबिक, संगठित रेस्तरां का भारत के रेस्तरां उद्योग में करीब 35 फीसदी की हिस्सेदारी है. वित्त वर्ष 2019 में इसका रेवेन्यू करीब 4.2 लाख करोड़ रुपए था. वहीं, डाइन-इन के करीब 75 प्रतिशत संगठित रेस्तरां हैं. इसमें ऑनलाइन डिलीवरी और टेकअवे शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने बिल गेट्स से की बातचीत, कोरोना वैक्सीन के उत्पादन पर चर्चा

बता दें कि 25 मार्च से हुए लॉकडाउन के कारण मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में भोजन-मनोरंजन और सार्वजनिक मनोरंजन पूरी तरह से बंद हैं. हालांकि, मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, कोलकाता, पुणे और भुवनेश्वर जैसे कई शहरों में ऑनलाइन डिलीवरी चालू है.

क्रिसिल रिसर्च के निदेशक, राहुल पृथ्वी ने कहा, "संगठित क्षेत्र में लॉकडाउन के बाद से बिक्री में 90% की कमी देखी गई है. डाइन-इन चालू नहीं है और ऑनलाइन ऑर्डर में 50-70% की गिरावट आई है और जब लॉकडाउन उठाया जाता है तो रिबाउंड कम होने की की उम्मीद है."

उन्होंने यह भी कहा कि कम मांग और सामाजिक सुरक्षा मानदंडों को देखते हुए. लॉकडाउन उठाने के बाद पहले 45 दिनों में रेस्तरां अपने मासिक सेवा स्तर के 25-30% पर काम करेंगे.

हैदराबाद: भारत के संगठित डाइन-इन रेस्तरां कोरोना महामारी के कारण बंद पड़ें हुए हैं. जिसके चलते इनकी कमाई में लगभग 50 फीसदी तक गिरावट होने की संभावना है.

क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोनोवायरस महामारी के चलते फूड एंड बेवरेज सेक्टर बुरी तरह प्रभावित है. वित्त वर्ष 2020-21 में संगठित डाइन-इन रेस्तरां का राजस्व 40-50 प्रतिशत घटने की संभावना है.

रिपोर्ट के मुताबिक, संगठित रेस्तरां का भारत के रेस्तरां उद्योग में करीब 35 फीसदी की हिस्सेदारी है. वित्त वर्ष 2019 में इसका रेवेन्यू करीब 4.2 लाख करोड़ रुपए था. वहीं, डाइन-इन के करीब 75 प्रतिशत संगठित रेस्तरां हैं. इसमें ऑनलाइन डिलीवरी और टेकअवे शामिल हैं.

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बता दें कि 25 मार्च से हुए लॉकडाउन के कारण मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में भोजन-मनोरंजन और सार्वजनिक मनोरंजन पूरी तरह से बंद हैं. हालांकि, मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, कोलकाता, पुणे और भुवनेश्वर जैसे कई शहरों में ऑनलाइन डिलीवरी चालू है.

क्रिसिल रिसर्च के निदेशक, राहुल पृथ्वी ने कहा, "संगठित क्षेत्र में लॉकडाउन के बाद से बिक्री में 90% की कमी देखी गई है. डाइन-इन चालू नहीं है और ऑनलाइन ऑर्डर में 50-70% की गिरावट आई है और जब लॉकडाउन उठाया जाता है तो रिबाउंड कम होने की की उम्मीद है."

उन्होंने यह भी कहा कि कम मांग और सामाजिक सुरक्षा मानदंडों को देखते हुए. लॉकडाउन उठाने के बाद पहले 45 दिनों में रेस्तरां अपने मासिक सेवा स्तर के 25-30% पर काम करेंगे.

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