नई दिल्ली : हाल ही में इंडस्ट्री बॉडी एसोचैम ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि 2023 तक प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ जाएगी और इससे प्रदूषणरोधी मास्क का मार्केट 43 करोड़ से बढ़कर 118 करोड़ तक पहुंच जाएगा. इसका प्रभाव दिल्ली पर क्या पड़ेगा और इस बारे में मेडिकल के कारोबार से जुड़े लोगों ने अपने कुछ विचार हमें बताए.
दिल्ली केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य और सरोजिनी मार्केट में केमिस्ट की दुकान चलाने वाले कपिल वर्मा ने बताया कि जैसा कि यह रिपोर्ट कहती है, प्रदूषण आगामी दिनों में लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही घातक साबित हो सकती है. इसलिए जरूरी है कि समय रहते सरकार को बढ़ते प्रदूषण के लिए उचित इंतजाम देखने चाहिए.
उन्होंने बताया कि यह अलग बात है कि प्रदूषण बढ़ने से मास्क की बिक्री पर असर पड़ेगा. उनका मानना है कि हमारे पास जो भी लोग खरीदारी करने आते हैं वह स्वास्थ्य को लेकर बेहद परेशान होते हैं. इसलिए हम यह कभी नहीं चाहते कि प्रदूषण का स्तर बढ़ें. उनका कहना है कि अगर प्रदूषण की मात्रा बढ़ेगी तो उसमें हमारे परिवार के भी सदस्य होंगे. इसलिए बिक्री बढ़ना एक अलग मुद्दा है लेकिन प्रदूषण की मात्रा को रोकना बेहद जरूरी है.
कपिल ने बताया कि दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण लोगों के लिए आज बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है. लोगों को खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले पांच साल में इसमें काफी बढ़ोतरी हुई है
उन्होंने यह भी कहा कि मौसम के साथ प्रदूषण रोधी मास्कों की डिमांड में वृद्धि हो जाती है, लेकिन इसका बढ़ता कारोबार वास्तविकता में चिंता की बात है.
फिलहाल एसोचैम की यह रिपोर्ट बताती है कि प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि समय रहते प्रदूषण और इससे होने वाली बीमारियों पर शिकंजा कसा जा सके.
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