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कारों की बिक्री 45% तक गिरी, विशेषज्ञों ने जीएसटी को बताया बड़ी वजह

ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार मंदी का दौर देखा जा रहा है. पिछले नौ महीनों में सबसे ज्यादा मंदी ऑटोमोबाइल सेक्टर में देखी गई है. लोग गाड़ियां नहीं खरीद रहे हैं. जिसके चलते ज्यादातर कंपनियों की गाड़ियों का उत्पादन गिर गया है.

कारों की बिक्री 45% तक गिरी, विशेषज्ञों ने जीएसटी को बताया बड़ी वजह
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Published : Aug 17, 2019, 6:04 PM IST

Updated : Sep 27, 2019, 7:43 AM IST

हल्द्वानी: ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब एक साल से मंदी देखी जा रही है. जुलाई माह में वाहनों की बिक्री में लगातार 9वें महीने गिरावट दर्ज की गई है. कारों की बिक्री में पिछले 6 महीने में 20 से 45% की गिरावट दर्ज की गई है. डिमांड नहीं होने के चलते ऑटो सेक्टर का उत्पादन गिर गया है.

कुमाऊं की आर्थिक राजधानी हल्द्वानी के ऑटो शोरूम में लगातार वाहनों की बिक्री कम होती जा रही है. वाहन शोरूम स्वामियों का कहना है कि ऑटो सेक्टर लगातार मंदी के दौर से गुजर रहा है. ग्राहकों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब एक साल से मंदी देखी जा रही है

टाटा मोटर्स के मैनेजर गुरमीत सिंह ने बताया कि पहले हर महीने में 80 से 100 गाड़ियां बेची जाती थी, जो घटकर 40 से 50 हो गई हैं.

ये भी पढ़ें: महिंद्रा ने किया श्रीलंका में पहले वाहन असेंबली संयंत्र का उद्घाटन

अर्थशास्त्री रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. बीसी उप्रेती ने बताया कि ऑटो सेक्टर के मंदी के दौर से गुजरने का मुख्य कारण है कि लोगों के पास परचेजिंग पावर की कमी है. लोगों की आय सीमित हो चुकी है. आमदनी में कोई वृद्धि नहीं हो पा रही है. ऐसे में लोगों की क्रय शक्ति में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है.

साथ ही बताया कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. साथ ही वाहनों पर भी 28% जीएसटी है. अगर सरकार जीएसटी को कम करती है. तो वाहनों के रेट में काफी कमी आएगी. जिसके चलते लोग नए वाहन खरीद सकेंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि अगर नए परिवर्तन के साथ नई टेक्नोलॉजी और नए मॉडल के वाहन बाजार में आएंगे तो लोग वाहन खरीदने पर विचार कर सकते हैं.

हल्द्वानी: ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब एक साल से मंदी देखी जा रही है. जुलाई माह में वाहनों की बिक्री में लगातार 9वें महीने गिरावट दर्ज की गई है. कारों की बिक्री में पिछले 6 महीने में 20 से 45% की गिरावट दर्ज की गई है. डिमांड नहीं होने के चलते ऑटो सेक्टर का उत्पादन गिर गया है.

कुमाऊं की आर्थिक राजधानी हल्द्वानी के ऑटो शोरूम में लगातार वाहनों की बिक्री कम होती जा रही है. वाहन शोरूम स्वामियों का कहना है कि ऑटो सेक्टर लगातार मंदी के दौर से गुजर रहा है. ग्राहकों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब एक साल से मंदी देखी जा रही है

टाटा मोटर्स के मैनेजर गुरमीत सिंह ने बताया कि पहले हर महीने में 80 से 100 गाड़ियां बेची जाती थी, जो घटकर 40 से 50 हो गई हैं.

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अर्थशास्त्री रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. बीसी उप्रेती ने बताया कि ऑटो सेक्टर के मंदी के दौर से गुजरने का मुख्य कारण है कि लोगों के पास परचेजिंग पावर की कमी है. लोगों की आय सीमित हो चुकी है. आमदनी में कोई वृद्धि नहीं हो पा रही है. ऐसे में लोगों की क्रय शक्ति में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है.

साथ ही बताया कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. साथ ही वाहनों पर भी 28% जीएसटी है. अगर सरकार जीएसटी को कम करती है. तो वाहनों के रेट में काफी कमी आएगी. जिसके चलते लोग नए वाहन खरीद सकेंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि अगर नए परिवर्तन के साथ नई टेक्नोलॉजी और नए मॉडल के वाहन बाजार में आएंगे तो लोग वाहन खरीदने पर विचार कर सकते हैं.

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हल्द्वानी: ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब एक साल से मंदी देखी जा रही है. जुलाई माह में वाहनों की बिक्री में लगातार 9वें महीने गिरावट दर्ज की गई है. कारों की बिक्री में पिछले 6 महीने में 20 से 45% की गिरावट दर्ज की गई है. डिमांड नहीं होने के चलते ऑटो सेक्टर का उत्पादन गिर गया है.

कुमाऊं की आर्थिक राजधानी हल्द्वानी के ऑटो शोरूम में लगातार वाहनों की बिक्री कम होती जा रही है. वाहन शोरूम स्वामियों का कहना है कि ऑटो सेक्टर लगातार मंदी के दौर से गुजर रहा है. ग्राहकों की संख्या में काफी गिरावट दर्ज की गई है.

टाटा मोटर्स के मैनेजर गुरमीत सिंह ने बताया कि पहले हर महीने में 80 से 100 गाड़ियां बेची जाती थी, जो घटकर 40 से 50 हो गई हैं.

अर्थशास्त्री रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. बीसी उप्रेती ने बताया कि ऑटो सेक्टर के मंदी के दौर से गुजरने का मुख्य कारण है कि लोगों के पास परचेजिंग पावर की कमी है. लोगों की आय सीमित हो चुकी है. आमदनी में कोई वृद्धि नहीं हो पा रही है. ऐसे में लोगों की क्रय शक्ति में बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है.

साथ ही बताया कि डीजल-पेट्रोल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. साथ ही वाहनों पर भी 28% जीएसटी है. अगर सरकार जीएसटी को कम करती है. तो वाहनों के रेट में काफी कमी आएगी. जिसके चलते लोग नए वाहन खरीद सकेंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि अगर नए परिवर्तन के साथ नई टेक्नोलॉजी और नए मॉडल के वाहन बाजार में आएंगे तो लोग वाहन खरीदने पर विचार कर सकते हैं.

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Last Updated : Sep 27, 2019, 7:43 AM IST
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