नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने आसुस टेक्नॉलजजी प्रा. लि. को जेन, जेनफोन या इससे मिलते-जुलते किसी ट्रेडमार्क के नाम से अपने मोबाइल फोन और एक्सेसरीज को बेचने या विज्ञापन करने पर रोक लगा दी है.
न्यायमूर्ति मनमोहन ने यह आदेश टेलीकेयर नेटवर्क द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें आसुस को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मोबाइल फोन, एक्ससेसरीज या किसी अन्य सामान को जेन, जेनफोन या मिलते-जुलते नामों से बेचने या विज्ञापन करने से रोकने की मांग की गई थी.
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अदालत ने कहा, "प्रतिवादी (आसुस) ने समान व्यापार चैनल वाले समान सामान (मोबाइल फोन) के संबंध में भ्रामक समान/समान ट्रेडमार्क (जेनफोन) का उपयोग किया है."
अदालत ने आगे कहा, "नतीजतन प्रतिवादी (आसुस) ने एक भ्रामक समान चिन्ह अपनाया है, जिसमें प्रतिवादी (टेलीकेयर) के चिन्ह जेनफोन का प्रयोग किया है. इससे प्रथम दृष्ट्या पता चलता है कि इसमें भ्रम है और प्रतिवादी को क्षति हो सकता है."
टेलीकेयर नेटवर्क ने तर्क दिया है कि आसुस के निशान से जनता के मन में भ्रम पैदा होने की संभावना थी कि दोनों किसी तरह जुड़े हुए थे और आसुस ने फायदा उठाने के लिए ऐसा किया.
इस पर पलटवार करते हुए आसुस ने कहा कि उपभोक्ताओं के मन में भ्रम या धोखे की कोई गुंजाइश नहीं थी, क्योंकि जेनफोन अपने प्रसिद्ध पंजीकृत हाउस मार्क आसुस के साथ जुड़ा है, जिससे उसके उत्पादों की पहचान जुड़ी हुई है.