मुंबई : एयर इंडिया के पायलट यूनियनों आईपीजी और आईसीपीए ने सोमवार को एयरलाइन को अपने निदेशक (वाणिज्यिक) मीनाक्षी मल्लिक को बदलने का आग्रह किया. यूनियन ने आरोप लगाया है कि मल्लिक का कर्मचारी संघ के प्रमुख के रूप में कार्य जारी रखना 'हितों के टकराव' को प्रेरित करेगा, क्योंकि उन्होंने पहले ही विमानन कंपनी के लिए बोली प्रस्तुत की है.
एयरलाइन के सीएमडी राजीव बंसल को लिखे गए एक पत्र में, भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ (आईसीपीए) और भारतीय पायलट गिल्ड (आईपीजे) ने कहा, "वाणिज्यिक विभाग के प्रमुख के रूप में उनके फैसले सीधे एयरलाइन के स्वास्थ्य और बोलीदाताओं के लिए बाजार मूल्य को प्रभावित करते हैं. यहां हितों का टकराव संभव है."
आरोप का जवाब देते हुए, मल्लिक ने पीटीआई से कहा कि वह विनिवेश पर बोर्ड की बैठक से पहले ही अलग हो चुकी हैं, और केवल एयरलाइन के दैनिक कामकाज में शामिल हैं.
मल्लिक ने कहा, "30 नवंबर को, मैंने अध्यक्ष और बोर्ड को लिखा कि मैं बोलियों में भाग ले रहा हूं, जब भी विनिवेश से संबंधित कोई चर्चा सामने आएगी, मैं खुद को बोर्ड से अलग कर लूंगी."
मल्लिक ने कहा, "मुझे पत्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है. जहां तक बोली लगाने की बात है, भारत सरकार ने मुझे बोली लगाने के अधिकार दिए हैं. मैं केवल उसी का अनुसरण कर रही हूं."
मल्लिक ने कहा कि पिछले साल 20 जनवरी को जारी प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) में, सरकार बोली प्रक्रिया में एयरलाइन में पूर्णकालिक निदेशकों की भागीदारी की अनुमति देती है.
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