नई दिल्ली: कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू सार्वजनिक प्रतिबंधों के दूसरे चरण में कृषि तथा डेयरी, मछली पालन के कार्यों के साथ साथ चाय, कॉफी और रबर के बागानों में सावधानियां बरतते हुए काम काज चलाने की अनुमति दी गयी है. बगानों में श्रमिकों की ज्यादा से ज्यादा आधी संख्या के साथ काम चलाने को कहा गया है. इस बाबत सरकार ने बुधवार को दिशा-निर्देश जारी किए. इन दिशानिर्देश में चाय, कॉफी और रबड़ बागानों को मजदूरों की आधी संख्या के साथ काम करने की अनुमति है ताकि कार्यस्थल पर व्यक्तियों के बीच सुरक्षित अंतर बना रहे.
काजू के प्रसंस्करण, पैकेजिंग, बिक्री और विपणन का काम भी अधिकतम 50 प्रतिशत श्रमिकों के साथ करने की अनुमति दी गई है. गृह मंत्रालय ने, "तीन मई तक बढ़ायी गयी सार्वजनिक रोक के दूसरे चरण में लागू करने के लिए दिशानिर्देशों के नये स्वरूप" को जारी करते हुए कहा, कृषि और बागवानी के सभी कार्यों को करने की पूरी छूट हैं. कोरोना लॉकडाऊन (प्रतिबंधों) के दौरान सरकार ने खेती-बाड़ी और खेत-मजदूरों के काम चालू करने की अनुमति दी है.
इस दौरान एमएसपी (कृषि उत्पादों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने) कार्यक्रम संबंधी कामकाज सहित कृषि उत्पादों की खरीद में लगी एजेंसियों को भी काम करने की छूट दी गयी है. यहां तक कि कृषि मंडी समितियों द्वारा संचालित मंडियों या राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित और साथ ही राज्य सरकार या उद्योग द्वारा सीधे किसानों या किसान उत्पादक संगठनों द्वारा सीधे अनाज खरीद कार्य संचालित करने की अनुमति है.
सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे ग्रामीण स्तर पर विपणन और कृषि वस्तुओं की खरीद के काम को विकेंद्रीकृत करने को बढ़ावा दें. गेहूं जैसे रबी की फसलों की कटाई चल रही है, इसलिए सरकार ने कटाई और बुआई से संबंधित मशीनों और अन्य कृषि और बागवानी उपकरणों के राज्य के भीतर किसी स्थान पर या एक राज्य से दूसरे राज्य में लाने, ले जाने की अनुमति दी गयी हैं. इसके अलावा, सरकार ने कृषि मशीनरी, उसके स्पेयर पार्ट्स सहित उसकी आपूर्ति श्रृंखला और मरम्मत की दुकाननों को खुली रहने की अनुमति दी है.
फार्म मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग केंद्रों को भी लॉकडाउन के दौरान खुले रहने की अनुमति है. चालू खरीफ फसलों की बुवाई के दौरान खेती के काम में उपयोग होने वाली वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति के लिए, सरकार ने उर्वरकों, कीटनाशकों और बीजों के विनिर्माण, वितरण और खुदरा कारोबार को अनुमति दी है.
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लॉकडाउन के दौरान मत्स्यपालन क्षेत्र को नुकसान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मछली और मछली उत्पादों, मछली के जरवे और चारा के साथ-साथ इन गतिविधियों में लगे कामगारों को काम करने की अनुमति है. समुद्री और अंतर्देशीय मछली पकड़ने के काम और साथ ही साथ जलीय कृषि उद्योग जिसमें भोजन, रखरखाव, कटाई, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, कोल्ड चेन, बिक्री और विपणन शामिल हैं - को काम करने की अनुमति है. हैचरी, फीड प्लांट और वाणिज्यिक एक्वेरिया की भी काम करने की अनुमति है.
उपभोक्ताओं को दूध की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने और किसानों की सुरक्षा के लिए, सरकार ने दूध और दूध उत्पादों के संग्रह, प्रसंस्करण, वितरण और बिक्री करने की अनुमति दी है. दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों तक परिवहन और आपूर्ति श्रृंखला सहित संबंधित कामों की भी अनुमति है. लॉकडाऊन के दौरान पोल्ट्री फार्म और हैचरी के साथ-साथ पशुधन से खेती के कामकाज करने की भी अनुमति है.
पशुधन क्षेत्र को पशु आहार की सुचारू आपूर्ति के लिए, सरकार ने मक्का और सोया जैसे कच्चे माल की आपूर्ति सहित पशुचारा बनाने वाले संयंत्रों को भी काम करने की अनुमति दी है. सरकार ने लॉकडाऊन के दौरान गौशालाओं सहित पशु आश्रय गृहों की भी काम करने की अनुमति दी है.
(पीटीआई-भाषा)