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1,862 स्टार्टअप्स जीईएम पोर्टल के साथ पंजीकृत: डीपीआईआईटी सचिव - डीपीआईआईटी

उद्योग और आतंरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि स्टार्टअप सरकारी आर्डर जीईएम स्टार्टअप रनवे से प्राप्त कर सकते हैं. उन्हें कारोबार, अनुभव और बयाना राशि जमा करने की शर्तों से छूट दी गयी है.

1,862 स्टार्टअप्स जीईएम पोर्टल के साथ पंजीकृत: डीपीआईआईटी सचिव
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Published : Jun 4, 2019, 4:02 PM IST

Updated : Jun 4, 2019, 4:11 PM IST

नई दिल्ली: सरकार के ई-खरीद-बिक्री मंच (जीईएम) से 1,862 स्टार्टअप ने पंजीकरण कराया है और अप्रैल तक उन्हें 275 करोड़ रुपये मूल्य के आर्डर मिले हैं. एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह कहा. केंद्र सरकार के सभी मंत्रलयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिये पोर्टल की शुरूआत अगस्त 2016 में हुई.

उद्योग और आतंरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि स्टार्टअप सरकारी आर्डर जीईएम स्टार्टअप रनवे से प्राप्त कर सकते हैं. उन्हें कारोबार, अनुभव और बयाना राशि जमा करने की शर्तों से छूट दी गयी है.

ये भी पढ़ें: स्टार्टअप इंडिया में एक तिहाई लाभ महिलाओं को पहुंचाया जाएगा: डीपीआईआईटी सचिव

उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "कुल 1,862 स्टार्टअप ने पंजीकरण कराया है. उन्हें अप्रैल तक 275 करोड़ रुपये के 7,697 आर्डर मिले हैं." अभिषेक ने यह भी कहा कि 16,105 स्टार्टअप ने 1,87,004 नौकरियों के बारे में सूचना दी है.

उन्होंने कहा, "प्रत्यक्ष रूप से एक नौकरी सृजित होने से परोक्ष तौर पर 3 गुना रोजगार सृजित होते हैं. इस तरह इन स्टार्टअप द्वारा कुल 5.6 लाख रोजगार सृजित किये गये हैं."

सचिव ने कहा कि सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) ने 45 उद्यम पूंजी कोष को 2,570 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जतायी है. इससे 25,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश को गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि 244 स्टार्टअप को 1,561 करोड़ रुपये का वित्त पोषण मिला है.

पेटेंट के बारे में अभिषेक ने कहा कि पेटेंट आवेदन शुल्क में 1,496 उपक्रमों को 80 प्रतिशत छूट मिली है. वहीं 2,761 को ट्रेडमार्क के लिये आवेदन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट प्राप्त हुई है.

नई दिल्ली: सरकार के ई-खरीद-बिक्री मंच (जीईएम) से 1,862 स्टार्टअप ने पंजीकरण कराया है और अप्रैल तक उन्हें 275 करोड़ रुपये मूल्य के आर्डर मिले हैं. एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह कहा. केंद्र सरकार के सभी मंत्रलयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिये पोर्टल की शुरूआत अगस्त 2016 में हुई.

उद्योग और आतंरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि स्टार्टअप सरकारी आर्डर जीईएम स्टार्टअप रनवे से प्राप्त कर सकते हैं. उन्हें कारोबार, अनुभव और बयाना राशि जमा करने की शर्तों से छूट दी गयी है.

ये भी पढ़ें: स्टार्टअप इंडिया में एक तिहाई लाभ महिलाओं को पहुंचाया जाएगा: डीपीआईआईटी सचिव

उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, "कुल 1,862 स्टार्टअप ने पंजीकरण कराया है. उन्हें अप्रैल तक 275 करोड़ रुपये के 7,697 आर्डर मिले हैं." अभिषेक ने यह भी कहा कि 16,105 स्टार्टअप ने 1,87,004 नौकरियों के बारे में सूचना दी है.

उन्होंने कहा, "प्रत्यक्ष रूप से एक नौकरी सृजित होने से परोक्ष तौर पर 3 गुना रोजगार सृजित होते हैं. इस तरह इन स्टार्टअप द्वारा कुल 5.6 लाख रोजगार सृजित किये गये हैं."

सचिव ने कहा कि सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) ने 45 उद्यम पूंजी कोष को 2,570 करोड़ रुपये देने की प्रतिबद्धता जतायी है. इससे 25,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश को गति मिलेगी. उन्होंने कहा कि 244 स्टार्टअप को 1,561 करोड़ रुपये का वित्त पोषण मिला है.

पेटेंट के बारे में अभिषेक ने कहा कि पेटेंट आवेदन शुल्क में 1,496 उपक्रमों को 80 प्रतिशत छूट मिली है. वहीं 2,761 को ट्रेडमार्क के लिये आवेदन शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट प्राप्त हुई है.

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नई दिल्ली: सरकारी ई-मार्केटप्लेस(जीईएम) पोर्टल के साथ अप्रैल तक 1,862 स्टार्टअप्स ने पंजीकरण किया है और 275 करोड़ रुपये के ऑर्डर प्राप्त किए हैं. एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

सभी केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों और विभागों द्वारा वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद के लिए अगस्त 2016 में पोर्टल लॉन्च किया गया था.

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि शुरुआती कारोबार, पूर्व अनुभव और बयाना राशि जमा से छूट प्राप्त करते हुए स्टार्ट-अप अब जीईएम स्टार्टअप रनवे पर सरकारी आदेश प्राप्त कर सकते हैं.

उन्होंने ट्वीट की एक श्रृंखला में कहा, "अप्रैल तक 1,862 स्टार्ट-अप ने 275 करोड़ रुपये के 7,697 ऑर्डर प्राप्त किए हैं."

उन्होंने यह भी कहा कि 1,87,004 नौकरियां 16,105 स्टार्ट-अप द्वारा बताई गई हैं, जिन्हें विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त है.

इसके अलावा, सचिव ने बताया कि सिडबी ने 25,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को उत्प्रेरित करने के लिए फंड ऑफ फंड्स से 45 वेंचर फंड्स तक 2,570 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

उन्होंने कहा, "244 स्टार्ट-अप को 1,561 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है."

पेटेंट के मोर्चे पर, उन्होंने कहा कि 1,496 उद्यमों को पेटेंट फाइलिंग फीस में 80 फीसदी छूट मिली है, जबकि 2,761 को ट्रेडमार्क फाइलिंग फीस में 50 फीसदी की छूट मिली है.

अभिषेक ने कहा, "389 परीक्षाओं में तेजी आई. 103 पेटेंट दिए गए. सबसे तेज पेटेंट 81 दिनों में दिया गया."

स्टार्टअप इंडिया, जनवरी 2016 में शुरू की गई सरकार की प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य स्टार्ट-अप व्यवसायों की वृद्धि के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है ताकि स्थायी आर्थिक विकास हो सके और रोजगार के अवसर पैदा हो सकें. स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान टैक्स और अन्य प्रोत्साहन प्रदान करता है.


Conclusion:
Last Updated : Jun 4, 2019, 4:11 PM IST
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