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ओखला औधोगिक क्षेत्र: लगी आग तो मच जाएगी तबाही, नहीं पहुंच पाएंगी फायरबिग्रेड की गाड़ियां - safety and security

औद्योगिक क्षेत्र ओखला में 5000 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं. यहां हालत इतनी बदतर है कि मुख्य सड़क पर ही बड़े-बड़े ट्रक खड़े रहते हैं. ऐसे में अगर यहां पर आग लगती है तो फायर डिपार्टमेंट की गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकती हैं.

अरुण पोपली, चेयरमैन, ओखला चेंबर ऑफ इंडस्ट्रियल
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Published : Jun 1, 2019, 5:59 PM IST

Updated : Jun 1, 2019, 11:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्रों की बात की जाए तो ओखला ऐसा एरिया है जहां 5000 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं. ऐसे में गर्मियों में यहां आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं. यहां पर सड़कों की हालत ऐसी है कि यहां अगर आग लगती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकती. इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ने ओखला औद्योगिक क्षेत्र का जायजा लिया और ओखला चेंबर ऑफ इंडस्ट्रियल के चेयरमैन अरुण पोपली से बात की.

रोड पर खड़े होते हैं भारी ट्रक
ओखला औद्योगिक क्षेत्र तीन फेज में बंटा हुआ है, इनमें 16 ब्लॉक हैं. ऐसे में इन सभी एरिया की हालत इतनी बदतर है कि मुख्य सड़क पर ही बड़े-बड़े ट्रक खड़े रहते हैं. ऐसे में अगर यहां पर आग लगती है तो फायर डिपार्टमेंट की गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकेंगी.

नियमों का पालन कैसे करें
ओखला चेंबर ऑफ इंडस्ट्रियल के चेयरमैन अरुण पोपली ने बताया कि इस इंडस्ट्रियल एरिया के हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि यहां पर अगर आग लगी तो काफी दिक्कतें हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अहम बात यह है कि अग्निशमन विभाग की तरफ से कई नॉर्म्स तो बनाए गए हैं. लेकिन उसका पालन कम ही होता है.
उन्होंने बताया कि अग्निशमन विभाग ने सभी फैक्ट्रियों में 50 हजार लीटर से लेकर एक लाख लीटर तक टैंक बनाने के लिए कहा है. लेकिन यहां पर पानी की इतनी ज्यादा समस्या है कि वह टंकियां हमेशा खाली रहती हैं. ऐसे में इस नियम का पालन हम कैसे करें.

अधिकारी पहले ही खड़े कर चुके हैं हाथ
अरुण पोपली ने बताया कि यहां पर नो पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों की संख्या बेहद ज्यादा है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम, यातायात पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को भी कई बार लिखित में शिकायत की गई है, लेकिन कोई भी अधिकारी उचित कदम नहीं उठाता है.

आगजनी जैसी घटनाओं को लेकर कोई इंतजाम नहीं
अरुण पोपली ने कहा कि अग्निशमन विभाग के अधिकारी खुद इस बात को लेकर काफी परेशान रहते हैं और वह खुद यह कहते हैं कि अगर यहां आग लगी तो गाड़ियां नहीं पहुंचा सकेंगे.

नई दिल्ली: दिल्ली में औद्योगिक क्षेत्रों की बात की जाए तो ओखला ऐसा एरिया है जहां 5000 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं. ऐसे में गर्मियों में यहां आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं. यहां पर सड़कों की हालत ऐसी है कि यहां अगर आग लगती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकती. इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ने ओखला औद्योगिक क्षेत्र का जायजा लिया और ओखला चेंबर ऑफ इंडस्ट्रियल के चेयरमैन अरुण पोपली से बात की.

रोड पर खड़े होते हैं भारी ट्रक
ओखला औद्योगिक क्षेत्र तीन फेज में बंटा हुआ है, इनमें 16 ब्लॉक हैं. ऐसे में इन सभी एरिया की हालत इतनी बदतर है कि मुख्य सड़क पर ही बड़े-बड़े ट्रक खड़े रहते हैं. ऐसे में अगर यहां पर आग लगती है तो फायर डिपार्टमेंट की गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकेंगी.

नियमों का पालन कैसे करें
ओखला चेंबर ऑफ इंडस्ट्रियल के चेयरमैन अरुण पोपली ने बताया कि इस इंडस्ट्रियल एरिया के हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि यहां पर अगर आग लगी तो काफी दिक्कतें हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अहम बात यह है कि अग्निशमन विभाग की तरफ से कई नॉर्म्स तो बनाए गए हैं. लेकिन उसका पालन कम ही होता है.
उन्होंने बताया कि अग्निशमन विभाग ने सभी फैक्ट्रियों में 50 हजार लीटर से लेकर एक लाख लीटर तक टैंक बनाने के लिए कहा है. लेकिन यहां पर पानी की इतनी ज्यादा समस्या है कि वह टंकियां हमेशा खाली रहती हैं. ऐसे में इस नियम का पालन हम कैसे करें.

अधिकारी पहले ही खड़े कर चुके हैं हाथ
अरुण पोपली ने बताया कि यहां पर नो पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों की संख्या बेहद ज्यादा है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम, यातायात पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को भी कई बार लिखित में शिकायत की गई है, लेकिन कोई भी अधिकारी उचित कदम नहीं उठाता है.

आगजनी जैसी घटनाओं को लेकर कोई इंतजाम नहीं
अरुण पोपली ने कहा कि अग्निशमन विभाग के अधिकारी खुद इस बात को लेकर काफी परेशान रहते हैं और वह खुद यह कहते हैं कि अगर यहां आग लगी तो गाड़ियां नहीं पहुंचा सकेंगे.
Intro:ओखला औधोगिक क्षेत्र में लगी आग तो नहीं पहुंच सकेगी फायर ब्रिगेड, अधिकारी भी कर चुके हैं हाथ खड़े

दक्षिणी दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली के औद्योगिक क्षेत्रों की बात की जाए तो ओखला ऐसा एरिया है जहां करीब 5000 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं.ऐसे में गर्मियों में जहां आग की घटनाएं बढ़ जाती हैं तो इसको लेकर अग्निशमन विभाग और यहां के फैक्ट्री मालिक अपने आप को कितना सुरक्षित मानते हैं. इस बाबत ईटीवी भारत की टीम ओखला औद्योगिक क्षेत्र में जायजा लेने पहुंची.जहां पर प्रवेश करने से लेकर सभी सड़कों पर हालात ऐसे मिले की यहां अगर आग लगती है तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तक घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकेंगी.


Body:रोड पर खड़े होते हैं भारी ट्रक
आपको बता दें कि ओखला औद्योगिक क्षेत्र तीन फेज में बंटा हुआ है, इनमें 16 ब्लॉक है.ऐसे में इन सभी एरिया की हालत इतनी बदतर है कि यहां पर मुख्य सड़क पर ही बड़े-बड़े ट्रक खड़े रहते हैं. ऐसे में अगर यहां पर आग लगती है तो फायर डिपार्टमेंट की गाड़ियां घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकेंगी.आप वीडियो देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि बीच सड़क पर किस तरीके से बड़े-बड़े ट्रक खड़े हुए हैं. ऐसे में अगर यहां पर फायर की गाड़ियां आती है तो वह नहीं निकल सकेंगी.

नियम तो बने लेकिन क्या फायदा उनका पालन करने से
ओखला चेंबर ऑफ इंडस्ट्रियल के चेयरमैन अनूप पोपली ने बताया कि इस इंडस्ट्रियल एरिया के हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि यहां पर अगर आग लगी तो काफी दिक्कतें हो सकती हैं. उन्होंने बताया कि सबसे अहम बात यह है कि अग्निशमन विभाग की तरफ से कई नॉर्म्स तो बनाए गए हैं. लेकिन उनका पालन कैसे सफल हो सकता है. उन्होंने बताया कि अग्निशमन विभाग ने सभी फैक्ट्रियों में 50 हजार लीटर से लेकर एक लाख लीटर तक टैंक बनाने के लिए कहा है. लेकिन यहां पर पानी की इतनी ज्यादा समस्या है कि वह टंकियां हमेशा खाली रहती हैं.ऐसे में इस नियम का पालन हम कैसे करें.

नहीं लेते अधिकारी संज्ञान
अनूप पोपली ने बताया कि यहां पर नो पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों की संख्या बेहद ज्यादा है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम, यातायात पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को भी कई बार लिखित में शिकायत की गई है. लेकिन कोई भी अधिकारी उचित कदम नहीं उठाता है. ऐसे में हमें रोज समस्या का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि जरूरी है कि सूरत जैसा हादसा यहां अगर विभाग नहीं चाहता है तो जरूरी है कि वक्त रहते उचित कदम उठा लिया जाए.

अधिकारी खुद कर चुके हैं हाथ खड़े
उन्होंने बताया कि इन सभी शिकायतों को लेकर हम कई बार अधिकारियों पर गए. जिसमें कि खासकर अग्निशमन विभाग को इस बात की जानकारी कई बार दी गई कि यहां पर इतना ज्यादा अतिक्रमण है कि अगर आग लगी तो गाड़ियां यहां तक नहीं पहुंच सकेंगी. ऐसे में अनूप पोपली ने कहा कि अग्निशमन विभाग के अधिकारी खुद इस बात को लेकर काफी परेशान रहते हैं और वह खुद यह कहते हैं कि अगर यहां आग लगी तो गाड़ियां नहीं पहुंचा सकेंगे.


Conclusion:फिलहाल जिस तरीके से ओखला औद्योगिक क्षेत्र में आग की घटना से निपटने के लिए जो परेशानियां हैं वह बेहद ही चिंतनीय हैं.ऐसे में जरूरी है कि अग्निशमन विभाग से लेकर संबंधित अधिकारी इस बात का संज्ञान लें और समय रहते उचित कदम उठाएं.
Last Updated : Jun 1, 2019, 11:47 PM IST
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