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सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ रही धज्जियां, नहीं थम रहा अरावली में अवैध निर्माण

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Published : Apr 12, 2019, 10:44 AM IST

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अरावली में बने कई अवैध भवनों पर प्रशासन ने अपना पंजा चलाया था. लेकिन अरावली में फिर भी माफियाओं ने अपना अड्डा जमा रखा है. अरावली में धड़ल्ले से निर्माण और माइनिंग का काम जारी है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

फरीदाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद में अरावली पर बने अवैध निर्माण ढहाने का आदेश दे दिए हैं. फिर भी अरावली में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है. अवैध निर्माण करते हुए कर्मचारियों का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसे बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर ने खुद अपने फोन से बनाकर वायरल किया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

पाराशर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कांत एन्कलेव के सात निर्माण मालिकों की याचिका को खारिज कर दी थी. अब इन सात निर्माणों को कभी भी तोड़ा जा सकता है. वहीं दूसरी तरह फरीदाबाद-सूरजकुंड रोड पर कई जगहों पर अब भी निर्माण कार्य जारी हैं.

ये अवैध निर्माण नेता और संबंधित विभाग की मिलीभगत से हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि कांत एन्क्लेव मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को है. कांत बिल्डर्स के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कार्रवाई का आदेश दे सकता है. इसलिए उसे उपस्थित रहने का आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट न होता तो फरीदाबाद के माफिया अरावली को पूरी तरह खत्म कर देते.

फरीदाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद में अरावली पर बने अवैध निर्माण ढहाने का आदेश दे दिए हैं. फिर भी अरावली में अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी है. अवैध निर्माण करते हुए कर्मचारियों का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसे बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर ने खुद अपने फोन से बनाकर वायरल किया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उड़ रही धज्जियां

पाराशर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कांत एन्कलेव के सात निर्माण मालिकों की याचिका को खारिज कर दी थी. अब इन सात निर्माणों को कभी भी तोड़ा जा सकता है. वहीं दूसरी तरह फरीदाबाद-सूरजकुंड रोड पर कई जगहों पर अब भी निर्माण कार्य जारी हैं.

ये अवैध निर्माण नेता और संबंधित विभाग की मिलीभगत से हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि कांत एन्क्लेव मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को है. कांत बिल्डर्स के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कार्रवाई का आदेश दे सकता है. इसलिए उसे उपस्थित रहने का आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट न होता तो फरीदाबाद के माफिया अरावली को पूरी तरह खत्म कर देते.

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एंकर- सुप्रीम कोर्ट एक तरफ जहाँ फरीदाबाद में अरावली पर बने अवैध निर्माण ढहाने का आदेश दे रहा है वहीं दूसरी तरफ अरावली पर अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी हैं। अवैध निर्माण करते हुए कर्मचारियों का एक विडियो वायरल हो रहा है, जिसे बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पाराशर ने खुद अपने फोन से बनाकर वायरल किया है। पराशर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने कांत एन्कलेव के सात निर्माण मालिकों की याचिका को खारिज कर दिया। अब इन सात निर्माणों को कभी भी तोड़ा जा सकता है। वहीं दूसरी तरह फरीदाबाद-सूरजकुंड रोड पर कई जगहों पर अब भी निर्माण कार्य जारी हैं। जो कि नेता और संबंधित विभाग की मिलीभगत से हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कांत एन्क्लेव मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को है और कांत बिल्डर्स के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट कार्रवाई का आदेश दे सकता है इसलिए उसे उपस्थित रहने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट न होता तो फरीदाबाद के माफिया अरावली को पूरी तरह खत्म कर देते। 

बाईट- एल एन पाराशर, बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान।


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