नई दिल्ली: कहते हैं प्रतिभा कभी किसी चीज की मोहताज नहीं होती है. इसी बात को सिध्द करके दिखाया है दिल्ली के स्लम इलाके में रहने वाले 21 साल के मयंक सोरेन ने. मयंक दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में रहते हैं जिन्होंने यूक्रेन से मैन फिजिक इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया.
इस खेल में मयंक ने 22 खिलाड़ियों को हराकर भारत का नाम और झंडा दोनों ऊंचा किया. 16 जून को मयंक ने भारत के लिए मैन फिजिक खेल में गोल्ड मेडल जीता था.
इस गोल्ड मेडल को जीतने के बाद मयंक ने सारा श्रेय अपने माता-पिता को दिया. जिन्होंने तंगहाली में रहकर मयंक की सारी जरूरतों को पूरा किया है और मयंक ने भी अपने माता-पिता का नाम खूब रोशन किया है.
कैसे आया फिटनेस का खुमार
मयंक के पिता का बिल्डिंग मटेरियल का छोटा सा काम है और इनकी मां गृहणी है. मयंक अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं. इनकी स्कूलिंग आदर्श नगर के गुरु नानक पब्लिक स्कूल में हुई और बाद में ग्रेजुएशन के लिए आईपी यूनिवर्सिटी के जिम्स कॉलेज से बीबीए किया. उसी दौरान मयंक को बॉडी बिल्डिंग का शौक चढ़ा और मयंक जी जान से अपने शौक को पूरा करने में जुट गए.
मयंक ने दिया संदेश
मयंक स्लम इलाके में रहते हैं लेकिन उन्होंने इलाके के और युवाओं की तरह नशे को नहीं अपनाया. मयंक का कहना है कि नशा करना है तो उस चीज का नशा करो जिससे परिवार, समाज और देश का नाम हो.