नई दिल्ली : जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत ने बुधवार को बताया कि उनकी कंपनी सेबी से एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) बनाने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. देश की सबसे बड़ी डिस्काउंड ब्रोकर कंपनी ने फरवरी 2021 में म्यूचुअल फंड लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. अब सेबी की मंजूरी मिलने के बाद Zerodha कभी भी एसेट मैनेजमेंट कंपनी शुरू कर सकती है.
इससे पहले अगस्त में बजाज फिनसर्व को सेबी से एएमसी शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी. भारत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री 35 लाख करोड़ रुपए की है.
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जेरोधा के डिस्काउंड ब्रोकरेज बिजनेस का फोकस ट्रांजैक्शन कॉस्ट को कम करना है. कंपनी ने सस्ते फंड लॉन्च करने की योजना बनाई थी. कामत ने तब कहा था, 'पैसिव, सिंपल, सस्ते-इंडेक्स पर ट्रेड होने वाले फंड पेश किए जाएंगे.' कामत का कहना है कि अगर म्यूचुअल फंड प्रोडक्ट्स आसान होंगे तभी निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा.
कंपनी ने अपना सफर 2010 में '20 रुपए प्रति ऑर्डर ब्रोकर' के तौर पर शुरू किया था. कोई अतिरिक्त शुल्क ना होने और कम ब्रोकरेज होने के कारण धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई. खासतौर पर ज्यादा वॉल्यूम वाले डेरिवेटिव्स ट्रेडर्स के बीच जेरोधा की लोकप्रियता सबसे ज्यादा रही. जेरोधा एक दिन में एक्सचेंज पर 40 लाख ट्रेडर्स हैंडल करता है. रिटेल इनवेस्टर्स के बीच भी इस प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता है. वो Coin प्लेटफॉर्म के जरिए म्यूचुअल फंड स्कीम में डायरेक्ट निवेश कर पाते हैं. Coin अभी 5500 करोड़ रुपए का एसेट मैनेज करती है.