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तेलंगाना-एमपी में गैरदलों से आने वालों का स्वागत, लेकिन टिकट की कोई गारंटी नहीं : कांग्रेस - Madhya Pradesh CP Mittal

कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया है कि वह विपक्षी पार्टियों से आने वाले नेताओं का स्वागत करते हैं, लेकिन टिकट की कोई गारंटी नहीं है. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2023, 5:55 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के नेताओं का स्वागत है, लेकिन टिकट की कोई गारंटी नहीं है. कांग्रेस का ये बयान उस संदर्भ में आया है जिसमें बीते दिनों भाजपा और बीआरएस के कुछ नेता ने कांग्रेस का दामन थामा था.

मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल (AICC secretary in charge of Madhya Pradesh CP Mittal) ने ईटीवी भारत के बताया कि 'पिछले कुछ हफ्तों में बीजेपी के कई नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इनमें से अधिकतर नेता हमारे पास आए हैं क्योंकि उन्हें भाजपा में सम्मान नहीं मिला और उन्हें भगवा पार्टी में कोई भविष्य नजर नहीं आया. हम उनका स्वागत करते हैं क्योंकि वे कांग्रेस की विचारधारा और नेतृत्व के अनुरूप होने पर सहमत हुए हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इन नेताओं को ये गारंटी दी गई है कि उन्हें अपने आप टिकट मिल जाएगा.'

उन्होंने कहा कि 'यदि ऐसी स्थिति है जहां किसी विशेष सीट पर हमारे दो प्रबल दावेदार हैं, तो हमारे कार्यकर्ता को प्राथमिकता दी जाएगी जो वर्षों से जमीन पर लड़ रहा है. यदि किसी सीट पर हमारे पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है और कोई योग्य नेता भाजपा से आया है, तो हम निश्चित रूप से उसके मामले पर विचार करेंगे. लेकिन टिकट की कोई गारंटी नहीं है. टिकट चाहने वाले की जीतने की क्षमता मुख्य विचार होगी.' पिछले छह महीनों में 40 से अधिक वरिष्ठ भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

मित्तल ने कहा कि 'खासकर उम्मीदवारों की दो सूचियों के बाद बीजेपी में जबरदस्त अंदरूनी कलह है. आने वाले दिनों में और भी नेता हमसे जुड़ने के लिए दौड़ेंगे. हम उन्हें शामिल कर सकते हैं लेकिन कोई टिकट का वादा नहीं किया जाएगा.'

इस साल के अंत में पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होंगे, लेकिन मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर नेताओं का बीजेपी से कांग्रेस में पलायन देखा गया है. तेलंगाना में, सत्तारूढ़ बीआरएस और भाजपा दोनों के वरिष्ठ नेता हाल ही में सबसे पुरानी पार्टी में शामिल हुए हैं.

कांग्रेस हलकों में, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में प्रतिद्वंद्वी नेताओं के पाला बदलने की तुलना उस प्रवृत्ति से की गई है जो कुछ महीने पहले कर्नाटक में देखी गई थी. मई में कर्नाटक चुनावों से पहले, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और एक पूर्व मुख्यमंत्री सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके बाद पार्टी ने 135/224 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जनादेश दर्ज किया था.

तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी सचिव पीसी विष्णुनाथ ने ईटीवी भारत को बताया कि 'यह सच है कि हमने तेलंगाना में बीआरएस और बीजेपी से कई नेताओं को लिया है, लेकिन ये सभी बिना शर्त शामिल हुए हैं. इन पार्टियों के कुछ नेता टिकट का आश्वासन लेकर आना चाहते थे लेकिन हमने उन्हें खारिज कर दिया.'

उन्होंने कहा कि 'जी हां, तेलंगाना में टिकट चाहने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. ऐसा तीन कारणों से था. पहला, भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव, दूसरा कर्नाटक विधानसभा चुनाव और तीसरा राज्य टीम का प्रयास. बहुत खींचतान और दबाव है लेकिन हम टिकट वितरण को सुचारु तरीके से पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.'

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश और तेलंगाना दोनों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची महीने के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में आ जाएगी. मित्तल ने कहा कि 'हम सूची को लेकर जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं, भले ही भाजपा ने मध्य प्रदेश के लिए दो सूचियों की घोषणा की है.'

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नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के नेताओं का स्वागत है, लेकिन टिकट की कोई गारंटी नहीं है. कांग्रेस का ये बयान उस संदर्भ में आया है जिसमें बीते दिनों भाजपा और बीआरएस के कुछ नेता ने कांग्रेस का दामन थामा था.

मध्य प्रदेश के प्रभारी एआईसीसी सचिव सीपी मित्तल (AICC secretary in charge of Madhya Pradesh CP Mittal) ने ईटीवी भारत के बताया कि 'पिछले कुछ हफ्तों में बीजेपी के कई नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं. इनमें से अधिकतर नेता हमारे पास आए हैं क्योंकि उन्हें भाजपा में सम्मान नहीं मिला और उन्हें भगवा पार्टी में कोई भविष्य नजर नहीं आया. हम उनका स्वागत करते हैं क्योंकि वे कांग्रेस की विचारधारा और नेतृत्व के अनुरूप होने पर सहमत हुए हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इन नेताओं को ये गारंटी दी गई है कि उन्हें अपने आप टिकट मिल जाएगा.'

उन्होंने कहा कि 'यदि ऐसी स्थिति है जहां किसी विशेष सीट पर हमारे दो प्रबल दावेदार हैं, तो हमारे कार्यकर्ता को प्राथमिकता दी जाएगी जो वर्षों से जमीन पर लड़ रहा है. यदि किसी सीट पर हमारे पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है और कोई योग्य नेता भाजपा से आया है, तो हम निश्चित रूप से उसके मामले पर विचार करेंगे. लेकिन टिकट की कोई गारंटी नहीं है. टिकट चाहने वाले की जीतने की क्षमता मुख्य विचार होगी.' पिछले छह महीनों में 40 से अधिक वरिष्ठ भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

मित्तल ने कहा कि 'खासकर उम्मीदवारों की दो सूचियों के बाद बीजेपी में जबरदस्त अंदरूनी कलह है. आने वाले दिनों में और भी नेता हमसे जुड़ने के लिए दौड़ेंगे. हम उन्हें शामिल कर सकते हैं लेकिन कोई टिकट का वादा नहीं किया जाएगा.'

इस साल के अंत में पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होंगे, लेकिन मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर नेताओं का बीजेपी से कांग्रेस में पलायन देखा गया है. तेलंगाना में, सत्तारूढ़ बीआरएस और भाजपा दोनों के वरिष्ठ नेता हाल ही में सबसे पुरानी पार्टी में शामिल हुए हैं.

कांग्रेस हलकों में, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में प्रतिद्वंद्वी नेताओं के पाला बदलने की तुलना उस प्रवृत्ति से की गई है जो कुछ महीने पहले कर्नाटक में देखी गई थी. मई में कर्नाटक चुनावों से पहले, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और एक पूर्व मुख्यमंत्री सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ भाजपा नेता कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके बाद पार्टी ने 135/224 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जनादेश दर्ज किया था.

तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी सचिव पीसी विष्णुनाथ ने ईटीवी भारत को बताया कि 'यह सच है कि हमने तेलंगाना में बीआरएस और बीजेपी से कई नेताओं को लिया है, लेकिन ये सभी बिना शर्त शामिल हुए हैं. इन पार्टियों के कुछ नेता टिकट का आश्वासन लेकर आना चाहते थे लेकिन हमने उन्हें खारिज कर दिया.'

उन्होंने कहा कि 'जी हां, तेलंगाना में टिकट चाहने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी. ऐसा तीन कारणों से था. पहला, भारत जोड़ो यात्रा का प्रभाव, दूसरा कर्नाटक विधानसभा चुनाव और तीसरा राज्य टीम का प्रयास. बहुत खींचतान और दबाव है लेकिन हम टिकट वितरण को सुचारु तरीके से पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.'

कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश और तेलंगाना दोनों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची महीने के अंत या अक्टूबर की शुरुआत में आ जाएगी. मित्तल ने कहा कि 'हम सूची को लेकर जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं, भले ही भाजपा ने मध्य प्रदेश के लिए दो सूचियों की घोषणा की है.'

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