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Exclusive : कोई आंदोलनजीवी कहे तो बुरा नहीं लगता, भारत का उदय भी आंदोलन से हुआ था - योगेंद्र यादव

भारत जोड़ो यात्रा में स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव भी हैं. उन्होंने इस पूरी यात्रा को ही एक आंदोलन बताया है, साथ ही कहा कि देश में जब भी आंदोलन हुए हैं, तो बदलाव नजर आया है. भारत का उदय भी आंदोलन से ही हुआ था. ऐसे में अगर उन्हें कोई आंदोलनजीवी कहे तो उन्हें बुरा नहीं लगता है. यह एक सम्मान जैसी बात है.

Yogendra Yadav in Kota, Bharat Jodo Yatra
भारत जोड़ो यात्रा में स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव.
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Published : Dec 7, 2022, 5:22 PM IST

कोटा. राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जारी है. इस यात्रा में स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव भी हैं. कोटा जिले में यात्रा के दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आंदोलनजीवी शब्द कहा, जैसे ये कोई गाली हो. यादव का मानना है कि पीएम मोदी को आंदोलन के बारे में कोई पता नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत देश ही आंदोलन के बाद पैदा हुआ था, जिसका नाम भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन था.

ऐसे में जिस देश का जन्म ही आंदोलन से हुआ हो, उस देश में कुछ लोगों को आंदोलनजीवी कहेंगे तो बुरा क्यों मानेंगे. साथ ही उन्होंने यह कह दिया कि (Yogendra Yadav Targets BJP) इनके पुरखे अंग्रेजों से माफी मांग रहे थे और दलाली कर रहे थे. ये अंग्रेजों से स्टाइपेंड 65 रुपये महीना ले रहे थे.

भारत जोड़ो यात्रा में स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव.

बदली राजनीति से ही देश में समस्याएं खड़ी हुईं : योगेंद्र यादव ने कहा कि आपको चुनाव और राजनीति में अंतर करना होगा. हमारा कहना है कि राजनीति होनी चाहिए, क्योंकि देश को बांटने की कोशिश राजनीति के द्वारा ही की गई. उन्होंने सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर हमला किया और कहा कि बिल्कुल अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो का काम कर रही है. ये देश के मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी, भाई से भाई को लड़ाना को दूर रखे हुए हैं और केवल हिंदू-मुस्लिम करके यह देश में आग लगा रहे हैं, ताकि चुनावी रोटियां अच्छे से सीख सकें.

इसका मुकाबला राजनीति से ही करना होगा. लोकतंत्र में राजनीति नहीं होगी तो यह खत्म हो जाएगा. राजनीतिक शुभकामनाएं हैं और मेरा मानना है कि (Yogendra Yadav Big Statement) अन्य पार्टियों को भी राजनीति करनी आनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था हो गई है, इसे बदलने की कोशिश होनी चाहिए. रही बात चुनाव की तो यह सब चिंता का विषय मेरा नहीं है. मैं कांग्रेस में भी नहीं हूं. इस देश के अंदर जो डर हो गया है कि कोई भी बोलेगा, सोशल मीडिया, मोहल्ले या किसी और प्लेटफार्म पर तो उसे डरा दिया जाता है, डर को ही तोड़ना है. वोट और सीट गिनने का काम मेरा नहीं है.

भारत जोड़ो यात्रा नदी का रूप ले चुकी है : योगेन्द्र यादव ने कहा कि कन्याकुमारी से यात्रा शुरू हुई. पहले यह केवल एक बूंद, बीज और विचार था, लेकिन धीरे-धीरे जब यह दक्षिण भारत के 5 राज्यों से निकली और धारा में बदल गई, तब सड़क के किनारे लोग खड़े थे और जुड़ रहे थे. नए-नए लोग मिल रहे थे और सतपुड़ा की पहाड़ी को पार करके जब यह यात्रा महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में निकली तब नदी बन गई. इस देश को तोड़ने के लिए जानबूझकर लगाई गई आग को बुझाने का काम करेगी. यह नदी सच्चे मुद्दों को बहाकर लेकर आई है, जिन मुद्दों को दबाने की कोशिश की गई है. गरीबी का सवाल, बेरोजगारी, अमीर गरीब के बीच बढ़ती खाई जैसे मसलों को सामने ला रही है. नफरत की दीवार खड़ी की गई थी, उसमें छेद करेगी.

पढ़ें : योगेंद्र यादव भी देंगे कांग्रेस का साथ, राहुल से हुई मुलाकात

चुनाव में जाते तो समस्या, नहीं गए तो भी समस्या : राहुल गांधी चुनाव में भाग लेने नहीं जा रहे हैं, लेकिन यात्रा निकाल रहे हैं. इस सवाल पर योगेन्द्र यादव ने कहा कि हमारे सार्वजनिक जीवन में हर बार सवाल उठाए जाते हैं. उन्होंने उदाहरण के जरिए कहा कि कुछ करने पर भी सवाल उठता है और कुछ नहीं करने पर भी सवाल ही उठाया जाता है. इसी तरह से गुजरात चुनाव में जाते तो कहते कि चुनाव के लिए ही केवल गुजरात में आ गए हैं और नहीं गए तो लोग कह रहे हैं कि चुनाव में भी नहीं गए. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया वालों को भी सवाल उठाने वाले लोगों के जरिए रोजगार दिया हुआ है.

मुद्दा हम नहीं, जनता बना रही : राहुल गांधी की यात्रा से कौन सा मुद्दा निकल कर देश की जनता के सामने आने वाला है. इस पर योगेंद्र यादव ने कहा कि मुद्दा हम नहीं जनता पहुंचा रही है. हमारे कहने से मुद्दा नहीं बन सकता है. बेरोजगार आ रहे हैं और वे सवाल उठा रहे हैं. दो करोड़ रोजगार का वादा था, क्यों नहीं दिया गया. किसान पूछ रहे हैं कि उनकी आमदनी दोगुनी 6 साल में करने का वादा किया था, लेकिन 6 साल होने के बाद एक शब्द भी इस पर नहीं बोला जा रहा है.

लॉकडाउन में लोगों की आय कम हुई, अडानी की बढ़ी : योगेन्द्र यादव ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अडानी की संपत्ति कई गुना बढ़ गई है, जबकि देश की 97 फीसदी आमजनता की संपत्ति कम हुई है. अडानी की संपत्ति देश में कितनी बढ़ गई है. यादव ने आरोप लगाया कि पहले अडानी की कुल संपत्ति 66 हजार करोड़ रुपये थी, ढाई साल में यह 14 लाख करोड़ रुपये हो गई है. यह क्या चमत्कार था, इसमें किसका हाथ है. पूरा देश देख रहा है कि हम दो (मोदी व शाह) और हमारे दो (अडाणी व अंबानी) का नारा दोबारा शुरू हो गया है.

कोटा. राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जारी है. इस यात्रा में स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव भी हैं. कोटा जिले में यात्रा के दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आंदोलनजीवी शब्द कहा, जैसे ये कोई गाली हो. यादव का मानना है कि पीएम मोदी को आंदोलन के बारे में कोई पता नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत देश ही आंदोलन के बाद पैदा हुआ था, जिसका नाम भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन था.

ऐसे में जिस देश का जन्म ही आंदोलन से हुआ हो, उस देश में कुछ लोगों को आंदोलनजीवी कहेंगे तो बुरा क्यों मानेंगे. साथ ही उन्होंने यह कह दिया कि (Yogendra Yadav Targets BJP) इनके पुरखे अंग्रेजों से माफी मांग रहे थे और दलाली कर रहे थे. ये अंग्रेजों से स्टाइपेंड 65 रुपये महीना ले रहे थे.

भारत जोड़ो यात्रा में स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव.

बदली राजनीति से ही देश में समस्याएं खड़ी हुईं : योगेंद्र यादव ने कहा कि आपको चुनाव और राजनीति में अंतर करना होगा. हमारा कहना है कि राजनीति होनी चाहिए, क्योंकि देश को बांटने की कोशिश राजनीति के द्वारा ही की गई. उन्होंने सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर हमला किया और कहा कि बिल्कुल अंग्रेजों की तरह फूट डालो और राज करो का काम कर रही है. ये देश के मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी, भाई से भाई को लड़ाना को दूर रखे हुए हैं और केवल हिंदू-मुस्लिम करके यह देश में आग लगा रहे हैं, ताकि चुनावी रोटियां अच्छे से सीख सकें.

इसका मुकाबला राजनीति से ही करना होगा. लोकतंत्र में राजनीति नहीं होगी तो यह खत्म हो जाएगा. राजनीतिक शुभकामनाएं हैं और मेरा मानना है कि (Yogendra Yadav Big Statement) अन्य पार्टियों को भी राजनीति करनी आनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यवस्था हो गई है, इसे बदलने की कोशिश होनी चाहिए. रही बात चुनाव की तो यह सब चिंता का विषय मेरा नहीं है. मैं कांग्रेस में भी नहीं हूं. इस देश के अंदर जो डर हो गया है कि कोई भी बोलेगा, सोशल मीडिया, मोहल्ले या किसी और प्लेटफार्म पर तो उसे डरा दिया जाता है, डर को ही तोड़ना है. वोट और सीट गिनने का काम मेरा नहीं है.

भारत जोड़ो यात्रा नदी का रूप ले चुकी है : योगेन्द्र यादव ने कहा कि कन्याकुमारी से यात्रा शुरू हुई. पहले यह केवल एक बूंद, बीज और विचार था, लेकिन धीरे-धीरे जब यह दक्षिण भारत के 5 राज्यों से निकली और धारा में बदल गई, तब सड़क के किनारे लोग खड़े थे और जुड़ रहे थे. नए-नए लोग मिल रहे थे और सतपुड़ा की पहाड़ी को पार करके जब यह यात्रा महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश में निकली तब नदी बन गई. इस देश को तोड़ने के लिए जानबूझकर लगाई गई आग को बुझाने का काम करेगी. यह नदी सच्चे मुद्दों को बहाकर लेकर आई है, जिन मुद्दों को दबाने की कोशिश की गई है. गरीबी का सवाल, बेरोजगारी, अमीर गरीब के बीच बढ़ती खाई जैसे मसलों को सामने ला रही है. नफरत की दीवार खड़ी की गई थी, उसमें छेद करेगी.

पढ़ें : योगेंद्र यादव भी देंगे कांग्रेस का साथ, राहुल से हुई मुलाकात

चुनाव में जाते तो समस्या, नहीं गए तो भी समस्या : राहुल गांधी चुनाव में भाग लेने नहीं जा रहे हैं, लेकिन यात्रा निकाल रहे हैं. इस सवाल पर योगेन्द्र यादव ने कहा कि हमारे सार्वजनिक जीवन में हर बार सवाल उठाए जाते हैं. उन्होंने उदाहरण के जरिए कहा कि कुछ करने पर भी सवाल उठता है और कुछ नहीं करने पर भी सवाल ही उठाया जाता है. इसी तरह से गुजरात चुनाव में जाते तो कहते कि चुनाव के लिए ही केवल गुजरात में आ गए हैं और नहीं गए तो लोग कह रहे हैं कि चुनाव में भी नहीं गए. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया वालों को भी सवाल उठाने वाले लोगों के जरिए रोजगार दिया हुआ है.

मुद्दा हम नहीं, जनता बना रही : राहुल गांधी की यात्रा से कौन सा मुद्दा निकल कर देश की जनता के सामने आने वाला है. इस पर योगेंद्र यादव ने कहा कि मुद्दा हम नहीं जनता पहुंचा रही है. हमारे कहने से मुद्दा नहीं बन सकता है. बेरोजगार आ रहे हैं और वे सवाल उठा रहे हैं. दो करोड़ रोजगार का वादा था, क्यों नहीं दिया गया. किसान पूछ रहे हैं कि उनकी आमदनी दोगुनी 6 साल में करने का वादा किया था, लेकिन 6 साल होने के बाद एक शब्द भी इस पर नहीं बोला जा रहा है.

लॉकडाउन में लोगों की आय कम हुई, अडानी की बढ़ी : योगेन्द्र यादव ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अडानी की संपत्ति कई गुना बढ़ गई है, जबकि देश की 97 फीसदी आमजनता की संपत्ति कम हुई है. अडानी की संपत्ति देश में कितनी बढ़ गई है. यादव ने आरोप लगाया कि पहले अडानी की कुल संपत्ति 66 हजार करोड़ रुपये थी, ढाई साल में यह 14 लाख करोड़ रुपये हो गई है. यह क्या चमत्कार था, इसमें किसका हाथ है. पूरा देश देख रहा है कि हम दो (मोदी व शाह) और हमारे दो (अडाणी व अंबानी) का नारा दोबारा शुरू हो गया है.

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