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यति नरसिंहानंद गिरी ने लिखा 'खूनी' खत, पोप और ब्लादिमीर पुतिन को भेजा - ब्लादिमीर पुतिन को नरसिंहानंद गिरी ने लिखा खत

यति नरसिंहानंद गिरी ने सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरु पोप और ब्लादिमीर पुतिन को खून से खत लिखा है. इस खत में यति नरसिंहानंद गिरी ने इस्लाम के बारे में सचेत करवाया है. साथ ही पत्र में भारत के हिंदुओं की दुर्दशा का भी जिक्र किया गया है.

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यति नरसिंहानंद गिरी ने पोप और ब्लादिमीर पुतिन को लिखी खून से चिट्ठी
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Published : Jul 2, 2023, 5:15 PM IST

Updated : Jul 2, 2023, 6:27 PM IST

यति नरसिंहानंद गिरी ने पोप और ब्लादिमीर पुतिन को लिखी खून से चिट्ठी

हरिद्वार(उत्तराखंड): जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी आजकल हरिद्वार दौरे पर हैं. आज यति नरसिंहानंद गिरी ने श्री परशुराम घाट से ईसाई धर्मगुरू और ब्लादिमीर पुतिन को खून से पत्र लिखा. इस पत्र में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने हिन्दुओं के अंजाम से सबक लेने का आह्वान किया. महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की प्रतिनिधि डॉ उदिता त्यागी दिल्ली में पोप के प्रतिनिधि और रूस के दूतावास को ये पत्र देंगी.

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने बताया की यह दोनों रक्त लिखित पत्र स्थिति की भयावहता को प्रकट करने के लिये लिखे गए हैं. सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरु पोप को लिखे रक्त भरे पत्र में इस्लामिक जिहाद के परिपेक्ष्य में हिन्दुओं की स्थिति का ठोस अध्ययन करने की बात कही गई है. साथ ही हिन्दुओं की दुर्गति से शिक्षा लेते हुए गलतियां न दोहराने की बात लिखी गई है. पत्र मेंयति नरसिंहानंद गिरी ने लिखा हिंदू इस्लामिक जिहाद के विगत 1300 से भी अधिक वर्षो से सबसे निरीह शिकार हैं. इस्लाम के जिहादियों ने हमारे करोड़ो लोगों को मारा, हमारी औरतों की हर तरह से दुर्गति की. हमारे लाखों मठ मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई. अधिकांश भूभाग पर कब्जा कर लिया. आज हमारे पास सम्पूर्ण विश्व मे भारत के अलावा कोई और शरणस्थली नहीं है. हमारे तथाकथित धर्मगुरु इस स्थिति को देखते रहे. उन्होंने इस बुराई को समाप्त करने या इससे संघर्ष करने का कोई ठोस प्रयास कभी नहीं किया. उनकी इस मूर्खता और अकर्मण्यता के कारण आम हिन्दूओं को कभी इस्लाम की सच्चाई का पता ही नहीं चल सकी.

पढ़ें-हरिद्वार धर्म संसद पर बोले स्वामी नरसिंहानंद गिरि, बयान को दिया जा रहा तूल, मेरी हत्या की रची जा रही साजिश

उन्होंने लिखा भारत के मुसलमान रात दिन बच्चे पैदा करके अपनी जनसंख्या बढ़ाने में लगे हैं. बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान,म्यांमार, श्रीलंका भी ना जाने कहां कहां से मुस्लिम अपना देश छोड़कर भारत मे आ बसे हैं. अब स्थिति ये है कि केवल 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम बनने वाला है. यह 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम नहीं बना तो 2034 में हर हाल में बनेगा. भारत मे इस्लाम के इतिहास और वर्तमान मुस्लिम आकांक्षाओं का अध्ययन करके इस नतीजे पर पहुंचे हैं.

पढ़ें-हरिद्वार धर्म संसद हेट स्पीच मामला: बयान सोशल मीडिया पर वायरल, कई लोगों पर मुकदमा दर्ज

वहीं, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर ब्लादिमिरोविच पुतिन को लिखे रक्त से पत्र में निवेदन किया कि पुतिन ने जो अभी 28 जून 2023 को कुरान को लेकर जो कहा है, वो कुरान के प्रति उनकी अज्ञानता को प्रदर्शित करता है. उन्हें कुरान और इस्लाम के इतिहास का विस्तृत अध्ययन करना चाहिये. कुरान से विषय में जो वे बोल रहे हैं, ये बाते हमने हमेशा अपने नेताओं के श्रीमुख से सुनी हैं. अधिकांश हिन्दुओं ने इस पर विश्वास कर लिया. इसका परिणाम यह निकला कि हम अपना सब कुछ खोकर सम्पूर्ण रूप से नष्ट होने के बिल्कुल मुहाने पर खड़े हैं. आपको हम हिन्दुओं के नेताओं द्वारा की गई गलती को नहीं करना चाहिये. आप एक महान देश और स्वाभिमानी कौम के नेता हैं.

पढ़ें-हरिद्वार धर्म संसद विवाद पर यति और प्रमोद कृष्णम आमने सामने, आचार्य बोले- खतरे में बीजेपी

6 जुलाई को कावड़ यात्रा करेंगे यति नरसिंहानंद: यती नरसिंहानंद ने जानकारी देते हुए बताया कि वह 6 जुलाई को हरिद्वार से कांवड़ यात्रा करेंगे. जिसके लिए वे हर की पैड़ी से गंगाजल उठाएंगे. जिसके बाद वे कांवड़ यात्रा अपनी डासना पीठ में जाकर संपन्न करेंगे.

यति नरसिंहानंद गिरी ने पोप और ब्लादिमीर पुतिन को लिखी खून से चिट्ठी

हरिद्वार(उत्तराखंड): जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी आजकल हरिद्वार दौरे पर हैं. आज यति नरसिंहानंद गिरी ने श्री परशुराम घाट से ईसाई धर्मगुरू और ब्लादिमीर पुतिन को खून से पत्र लिखा. इस पत्र में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने हिन्दुओं के अंजाम से सबक लेने का आह्वान किया. महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की प्रतिनिधि डॉ उदिता त्यागी दिल्ली में पोप के प्रतिनिधि और रूस के दूतावास को ये पत्र देंगी.

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने बताया की यह दोनों रक्त लिखित पत्र स्थिति की भयावहता को प्रकट करने के लिये लिखे गए हैं. सर्वोच्च ईसाई धर्मगुरु पोप को लिखे रक्त भरे पत्र में इस्लामिक जिहाद के परिपेक्ष्य में हिन्दुओं की स्थिति का ठोस अध्ययन करने की बात कही गई है. साथ ही हिन्दुओं की दुर्गति से शिक्षा लेते हुए गलतियां न दोहराने की बात लिखी गई है. पत्र मेंयति नरसिंहानंद गिरी ने लिखा हिंदू इस्लामिक जिहाद के विगत 1300 से भी अधिक वर्षो से सबसे निरीह शिकार हैं. इस्लाम के जिहादियों ने हमारे करोड़ो लोगों को मारा, हमारी औरतों की हर तरह से दुर्गति की. हमारे लाखों मठ मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई. अधिकांश भूभाग पर कब्जा कर लिया. आज हमारे पास सम्पूर्ण विश्व मे भारत के अलावा कोई और शरणस्थली नहीं है. हमारे तथाकथित धर्मगुरु इस स्थिति को देखते रहे. उन्होंने इस बुराई को समाप्त करने या इससे संघर्ष करने का कोई ठोस प्रयास कभी नहीं किया. उनकी इस मूर्खता और अकर्मण्यता के कारण आम हिन्दूओं को कभी इस्लाम की सच्चाई का पता ही नहीं चल सकी.

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उन्होंने लिखा भारत के मुसलमान रात दिन बच्चे पैदा करके अपनी जनसंख्या बढ़ाने में लगे हैं. बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान,म्यांमार, श्रीलंका भी ना जाने कहां कहां से मुस्लिम अपना देश छोड़कर भारत मे आ बसे हैं. अब स्थिति ये है कि केवल 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम बनने वाला है. यह 2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम नहीं बना तो 2034 में हर हाल में बनेगा. भारत मे इस्लाम के इतिहास और वर्तमान मुस्लिम आकांक्षाओं का अध्ययन करके इस नतीजे पर पहुंचे हैं.

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वहीं, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर ब्लादिमिरोविच पुतिन को लिखे रक्त से पत्र में निवेदन किया कि पुतिन ने जो अभी 28 जून 2023 को कुरान को लेकर जो कहा है, वो कुरान के प्रति उनकी अज्ञानता को प्रदर्शित करता है. उन्हें कुरान और इस्लाम के इतिहास का विस्तृत अध्ययन करना चाहिये. कुरान से विषय में जो वे बोल रहे हैं, ये बाते हमने हमेशा अपने नेताओं के श्रीमुख से सुनी हैं. अधिकांश हिन्दुओं ने इस पर विश्वास कर लिया. इसका परिणाम यह निकला कि हम अपना सब कुछ खोकर सम्पूर्ण रूप से नष्ट होने के बिल्कुल मुहाने पर खड़े हैं. आपको हम हिन्दुओं के नेताओं द्वारा की गई गलती को नहीं करना चाहिये. आप एक महान देश और स्वाभिमानी कौम के नेता हैं.

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6 जुलाई को कावड़ यात्रा करेंगे यति नरसिंहानंद: यती नरसिंहानंद ने जानकारी देते हुए बताया कि वह 6 जुलाई को हरिद्वार से कांवड़ यात्रा करेंगे. जिसके लिए वे हर की पैड़ी से गंगाजल उठाएंगे. जिसके बाद वे कांवड़ यात्रा अपनी डासना पीठ में जाकर संपन्न करेंगे.

Last Updated : Jul 2, 2023, 6:27 PM IST
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