नई दिल्ली : सुशील चंद्रा ने मंगलवार को देश के 24वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) का पदभार संभाल लिया. उन्होंने कहा कि वह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से सुनिश्चित कराना चाहेंगे, ताकि संवेदनशील क्षेत्रों में भी मतदाता बगैर किसी भय के अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.
चंद्रा ने सुनील अरोड़ा का स्थान लिया है, जिनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद सोमवार को चंद्रा को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था.
नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रा ने कहा, मैं यह सुनिश्चित करना चाहूंगा कि चुनाव (पश्चिम बंगाल में शेष चरणों के) बहुत शांतिपूर्ण, बहुत स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों, ताकि संवेदनशील क्षेत्रों में भी मतदाता बगैर किसी भय के अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें.
बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार में एड़ी-चोटी का जोर लगाने वाली भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने एक दूसरे पर बेधड़क निशाना साधा है और चुनाव आयोग ने आपत्तिजनक भाषणों को लेकर दोनों दलों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है.
राज्य में प्रथम चार चरण के चुनावों के दौरान हिंसक घटनाएं देखने को मिलीं.
असम में तीन चरणों में और तमिलनाडु, केरल तथा पुडुचेरी में एकमात्र चरण में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. वहीं, बंगाल में आठ चरणों में चुनाव हो रहे हैं और पांचवें चरण का चुनाव 17 अप्रैल को है.
चंद्रा ने कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों के लिए एक माहौल बनाना होगा.
यह पूछे जाने पर कि चुनाव आयोग इस दिशा में कैसे आगे बढ़ेगा, सीईसी ने कहा कि आयोग निगरानी कर रहा है और जमीनी स्तर पर मौजूद सभी अधिकारियों तथा पर्यवेक्षकों से बात कर रहा है. उन्होंने कहा कि विस्तृत बैठकें की जा रही हैं.
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चंद्रा को लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी 2019 को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया था. उनका कार्यकाल 14 मई 2022 तक है.
उनके नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव करवाएगा.
उप्र विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 14 मई को समाप्त हो रहा है. वहीं, गोवा, मणिपुर, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभाओं का कार्यकाल अगले वर्ष मार्च में समाप्त होने जा रहा है.
चंद्रा भारतीय राजस्व सेवा के 1980 बैच के अधिकारी हैं.
वह 18 फरवरी, 2020 से परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य हैं और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में प्रक्रियाओं को देख रहे हैं.
करीब 39 वर्ष तक आयकर विभाग में विभिन्न पदों पर रहने के बाद चंद्रा को एक नवंबर 2016 को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
आयोग ने मंगलवार को कहा, काला धन की समस्या के खिलाफ सीबीडीटी अध्यक्ष के तौर पर चंद्रा ने जो अभियान शुरू किया था, उसे उन्होंने चुनाव आयुक्त के पद पर रहने के दौरान चुनावी प्रक्रिया में धन बल के इस्तेमाल को रोकने के लिए तत्परता से जारी रखा.
आयोग ने कहा कि उन्होंने निरंतर ही प्रलोभन मुक्त चुनावों की अवधारणा पर जोर दिया है.