देवघरः सावन की पांचवी सोमवारी और मलमास के तीसरे सोमवार पर भक्त काफी उमड़ रहे हैं. देवघर में राजकीय श्रावणी मेला के अवसर पर सोमवारी को लेकर सुबह 03 बजकर 48 मिनट पर बाबा धाम के कपाट खोल दिये गये. इसके बाद यहां भक्तों ने यहां अरघा के माध्यम से जलार्पण शुरू कर दिया. कांवरियों की कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इधर बीएड कॉलेज से होकर कतारबद्ध तरीके से श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं.
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आज बाबा बैद्यनाथ मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए 3:48 में जलार्पण के लिए पट खोल दिया गया. इससे पहले 3:10 में मंदिर का पट खुला जिसके बाद बाबा बैद्यनाथ कांचा जल पूजा के उपरांत सरदारी पूजा होने के बाद अरघा लगा दिया गया. जिसके माध्यम से श्रद्धालु बाबा पर जल अर्पण कर रहे हैं. वहीं देवघर उपायुक्त विशाल सागर ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर तमाम तैयारियां कर ली गई हैं. लगातार सीसीटीवी से सभी जगह की निगरानी रखी जा रही है. बाबा बैजनाथ मंदिर में एक गर्भगृह में और दूसरा मंदिर प्रांगण में अरघा लगाया गया है ताकि कांवरिया सुलभता पूर्वक बाबा बैद्यनाथ का जलार्पण कर सके. इस मौके पर डीसी, एसपी और एसडीओ रूट लाइन और मंदिर में मौजूद रहे. इस कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पांचवी सोमवारी को श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन और जल अर्पण कराया जा रहा है. देवघर एसडीओ और मंदिर प्रभारी दीपांकर चौधरी ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं श्रावणी मेला की तर्ज पर दुरुस्त की गई है.
देवघर के बैजनाथ धाम में कांवरियों का जनसैलाब उमड़ा जाता है. सोमवार बाबा भोलेनाथ को अत्यंत पसंद है जो भक्त बाबा बैद्यनाथ का गंगाजल से जलाभिषेक और बेलपत्र, धतूरा चढ़ाते हैं उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. मंदिर के पुरोहित बताते हैं कि आज के दिन हर किसी को उपवास करना चाहिए और बाबा पर जल अर्पण करना चाहिए इससे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
दुमका बासुकीनाथ धामः इसी प्रकार दुमका के बासुकीनाथ धाम में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है. कांवर लिए शिव भक्त देर रात से ही कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए. सुबह में जैसी ही मंदिर के द्वार खोले गये. भक्त बोल बम का जयकारा लगाते हुए बाबा भोलेनाथ दे दर्शन किये. इसी प्रकार राजधानी रांची, खूंटी के आम्रेश्वर धाम और गिरिडीह के हरिहर धाम शिव मंदिर समेत जिला के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की काफी भीड़ है. सावन की पांचवी सोमवारी को लेकर मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की ओर से व्यवस्था पुख्ता की गयी है.
इस वर्ष सावन माह 2 महीनों का है. 19 वर्षों के बाद ऐसा संयोग लगा है, जहां सावन माह अधिकमास यानी मलमास या पुरुषोत्तम मास का योग बना है. आज सावन की पांचवी और मलमास या पुरुषोत्तम मास की तीसरी सोमवारी है. सावन की पांचवी सोमवार पर अधिकमास की सप्तमी तिथि है. आज पूरे दिन शिव पूजा का समय रहेगा. इस दिन अश्विनी नक्षत्र सुबह से लेकर देर रात 01:16 मिनट तक है. श्रावण मास के पांचवी सोमवारी पर रवि योग और शूल योग बन रहा है. रवि योग में शुभ कार्य, पूजा करने से मान और सम्मान में वृद्धि और धन की प्राप्ति होती है.