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World Milk Day 2023 : दुग्ध उत्पादन में भारत बना ग्लोबल लीडर, लेकिन बढ़ती कीमतों से आमजन परेशान - भारत में विश्व दुग्ध दिवस 2023 थीम

World Milk Day 2023 : भारत दुग्ध उत्पादन में पूरे विश्व में नंबर एक पर है, लेकिन बढ़ती कीमतों से आम लोगों के लिए खरीदना मुश्किल हो रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

World Milk Day 2023
दूध की कीमत
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Published : Jun 1, 2023, 7:07 AM IST

हैदराबाद: दुग्ध उत्पादन के मामलों में भारत ग्लोबल लीडर बन गया है, लेकिन कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते दूध आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश में दूध की कीमतों में पिछले साल 2022 में 5 बार बढ़ोतरी की गई. 2022 से अब तक दूध की कीमतों में 3 से 4 रुपये तक बढ़ोतरी हो चुकी है.

दुग्ध और इसके उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे तर्क दिया जाता है कि मांग-आपूर्ति के बीच बड़ी खाई, चारा की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और हाल के वर्षों में लंपी सहित अन्य रोगों के कारण बड़ी संख्या में पशुओं की मौतें हैं. 2011-12 में 68वें दौर के नेशनल सैंपल सर्वे के अनुसार पहले 116-187 रुपये खर्च करते थे, अनुमान के मुताबित अब कई गुना बढ़ चुका है.

क्यों मनाते हैं वर्ल्ड मिल्क डे
संयुक्त राष्ट्र के अधीन खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की ओर से ग्लोबल फूड के रूप में दूध की महत्ता को दर्शाने के लिए 2001 में वर्ल्ड मिल्क डे मनाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद से डेयरी क्षेत्र में हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. इस दिन दूध के उत्पादन को बढ़ाने. दुग्ध उत्पादकों के जीवन स्तर को आर्थिक रूप से बेहतर बनाने पर पहल किया जाता है.

डेयरी सेक्टर का भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी योगदान
भारत दुग्ध उत्पादन के मामले में ग्लोबल लीडर बनकर उभरा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के ताजा आंकडों के अनुसार विश्व में कुल दुग्ध उत्पादन में 24 फीसदी हिस्सेदारी के साथ भारत पहले स्थान पर है. 7 फरवरी 2023 को भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से खाद्य और कृषि संगठन के आंड़कों जारी किया गया है. इसमें बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से बीते 8 साल में भारत में दुग्ध उत्पादन में 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2021-22 में भारत में 22 करोड़ टन दुग्ध का उत्पादन हुआ था. वहीं आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार डेयरी उद्योग का कृषि सेक्टर का एक मात्र उत्पाद है जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी योगदान है. इस क्षेत्र से सीधे तौर पर 8 करोड़ किसान जुडे़ हुए हैं.

गाय के दूध की तुलना में भैंस में औसतन दोगुनी होता है फैट
दूध में एक साथ कई आवश्यक पोषक तत्व एक साथ मौजूद है. यह ऊर्जा, उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन और वसा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. दूध में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 12 और पैंटोथेनिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं. दूध और दुग्ध उत्पाद पोषक तत्वों से भरपूर होता है. स्वस्थ मानव के लिए दुध और इसके उत्पाद मत्वपूर्ण उत्पाद हैं. दुधारू पशुओं की प्रजातियां, उनकी नस्ल, आयु और आहार, दुग्धस्रवण की अवस्था पर दुध उत्पाद के उसमें अलग-अलग अव्यव पाये जाते हैं. गाय के दूध में वसा लगभग 3 से 4 प्रतिशत, प्रोटीन लगभग 3.5 प्रतिशत और लैक्टोज 5 प्रतिशत होता है. भैंस के दूध में वसा (फैट) की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो गाय के दूध की तुलना में औसतन दोगुनी होती है. भैंस के दूध में वसा से प्रोटीन का अनुपात लगभग 2:1 होता है.

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Milk Production : भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश, लेकिन डेयरी उत्पादों के वैश्विक निर्यात में हिस्सेदारी कम

हैदराबाद: दुग्ध उत्पादन के मामलों में भारत ग्लोबल लीडर बन गया है, लेकिन कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते दूध आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश में दूध की कीमतों में पिछले साल 2022 में 5 बार बढ़ोतरी की गई. 2022 से अब तक दूध की कीमतों में 3 से 4 रुपये तक बढ़ोतरी हो चुकी है.

दुग्ध और इसके उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे तर्क दिया जाता है कि मांग-आपूर्ति के बीच बड़ी खाई, चारा की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और हाल के वर्षों में लंपी सहित अन्य रोगों के कारण बड़ी संख्या में पशुओं की मौतें हैं. 2011-12 में 68वें दौर के नेशनल सैंपल सर्वे के अनुसार पहले 116-187 रुपये खर्च करते थे, अनुमान के मुताबित अब कई गुना बढ़ चुका है.

क्यों मनाते हैं वर्ल्ड मिल्क डे
संयुक्त राष्ट्र के अधीन खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की ओर से ग्लोबल फूड के रूप में दूध की महत्ता को दर्शाने के लिए 2001 में वर्ल्ड मिल्क डे मनाने का निर्णय लिया गया. इसके बाद से डेयरी क्षेत्र में हर साल 1 जून को वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. इस दिन दूध के उत्पादन को बढ़ाने. दुग्ध उत्पादकों के जीवन स्तर को आर्थिक रूप से बेहतर बनाने पर पहल किया जाता है.

डेयरी सेक्टर का भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी योगदान
भारत दुग्ध उत्पादन के मामले में ग्लोबल लीडर बनकर उभरा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के ताजा आंकडों के अनुसार विश्व में कुल दुग्ध उत्पादन में 24 फीसदी हिस्सेदारी के साथ भारत पहले स्थान पर है. 7 फरवरी 2023 को भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ओर से खाद्य और कृषि संगठन के आंड़कों जारी किया गया है. इसमें बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से बीते 8 साल में भारत में दुग्ध उत्पादन में 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 2021-22 में भारत में 22 करोड़ टन दुग्ध का उत्पादन हुआ था. वहीं आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार डेयरी उद्योग का कृषि सेक्टर का एक मात्र उत्पाद है जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी योगदान है. इस क्षेत्र से सीधे तौर पर 8 करोड़ किसान जुडे़ हुए हैं.

गाय के दूध की तुलना में भैंस में औसतन दोगुनी होता है फैट
दूध में एक साथ कई आवश्यक पोषक तत्व एक साथ मौजूद है. यह ऊर्जा, उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन और वसा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. दूध में कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 12 और पैंटोथेनिक एसिड जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं. दूध और दुग्ध उत्पाद पोषक तत्वों से भरपूर होता है. स्वस्थ मानव के लिए दुध और इसके उत्पाद मत्वपूर्ण उत्पाद हैं. दुधारू पशुओं की प्रजातियां, उनकी नस्ल, आयु और आहार, दुग्धस्रवण की अवस्था पर दुध उत्पाद के उसमें अलग-अलग अव्यव पाये जाते हैं. गाय के दूध में वसा लगभग 3 से 4 प्रतिशत, प्रोटीन लगभग 3.5 प्रतिशत और लैक्टोज 5 प्रतिशत होता है. भैंस के दूध में वसा (फैट) की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो गाय के दूध की तुलना में औसतन दोगुनी होती है. भैंस के दूध में वसा से प्रोटीन का अनुपात लगभग 2:1 होता है.

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