ETV Bharat / bharat

विश्व पर्यावरण दिवस: जानें इसका इतिहास और महत्व

विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है. इस बार पाकिस्तान इसकी मेजबानी करेगा. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण लगी पाबंदियां पर्यावरण के लिए बेहतर साबित हुई हैं. लेकिन महामारी के दौरान कीटाणुनाशक, मास्क, दस्ताने जैसे मेडिकल वेस्ट के निपटारे का बोझ कई गुना बढ़ गया है.

विश्व पर्यावरण दिवस
विश्व पर्यावरण दिवस
author img

By

Published : Jun 5, 2021, 5:06 PM IST

हैदराबाद : विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है. इस दिन वैश्विक स्तर पर लोगों को प्रकृति के महत्व के बारे में जागरुक किया जाता है. साथ ही प्रकृति के विनाशकारी पहलू और उसके मूल्यों से भी रूबरू कराया जाता है.

बता दें, बीते एक साल से भी ज्यादा समय से कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप के कारण लगे लंबे लॉकडाउन (Lockdown) में लोग घरों में कैद रहे, जो पर्यावरण (Environment) के लिए बेहतर साबित हुआ है.

ये भी पढे़ं : जूही चावला की 5G संबंधी याचिका खारिज, लगा 20 लाख रुपये का जुर्माना

थीम

इस वर्ष 'विश्व पर्यावरण दिवस 2021' की थीम 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली' (Ecosystem Restoration) है. इस बार पाकिस्तान (Pakistan) इस दिन की वैश्विक मेजबानी करेगा.

इस बार बड़ी और चुनौतीपूर्ण समस्याओं के साथ विश्व पर्यावरण दिवस 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली (Restoration) पर' केंद्रित है, जिसकी थीम 'फिर से कल्पना करें' (Reimagine), 'फिर से बनाना' (Recreate), 'पुनर्स्थापित करें' (Restore) है.

इस दिन 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर' संयुक्त राष्ट्र दशक का शुभारंभ भी हो रहा है. बता दें, बीते वर्ष 2020 में इसकी थीम 'सेलिब्रेट बायोडायवर्सिटी' थी.

इतिहास

'विश्व पर्यावरण दिवस' प्रकृति और हरियाली के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा आयोजित सबसे बड़े वार्षिक कार्यक्रमों में से एक है. संयुक्त राष्ट्र सभा ने 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत की थी, जो मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन का पहला दिन था.

1974 में थीम 'ओनली वन अर्थ' के तहत इसे मनाया गया था. तब से कई देश इस दिन का आयोजन कर रहे हैं. बता दें, विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार 1974 में अमेरिका में मनाया गया था.

पारिस्थितिक तंत्र में निवेश यानि जीवन सुरक्षित करना

विश्व पर्यावरण दिवस पर इस वर्ष पाकिस्तान अपने आधिकारिक समारोह के जरिए क्षतिग्रस्त पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान करेगा. पारिस्थितिक तंत्र को बचाने का सीधा अर्थ मानव भविष्य को सुरक्षित करना है.

जंगलों से लेकर तटों तक, सभी अपने अस्तित्व के लिए स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र पर निर्भर हैं. पारिस्थितिक तंत्र को जीवों, पौधों, जानवरों और लोगों के बीच उनके परिवेश के साथ बातचीत के रूप में परिभाषित किया गया है. इसमें प्रकृति ही नहीं मानव निर्मित व्यवस्था जैसे शहर और फर्म भी शामिल हैं.

ये भी पढे़ं : तमिलनाडु : अन्ना जूलॉजिकल पार्क में कोरोना संक्रमण से शेरनी की मौत

महत्व

इस दिन को मनाने का खास मकसद पर्यावरण के महत्व को बताना और लोगों को याद दिलाना है कि प्रकृति को हल्के में ना लिया जाए. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह दिन हमें पर्यावरण को संरक्षित करने और बढ़ाने में समुदायों, उद्यमों और जिम्मेदार आचरण के आधार को व्यापक बनाने का अवसर प्रदान करता है.

इस दिन को पर्यावरण ने हमें जो कुछ भी दिया है, उसका सम्मान और स्वीकार करने और यह प्रतिज्ञा लेने के लिए मनाया जाता है कि हम इसकी रक्षा करेंगे. इस दिन, सरकारें और सामान्य नागरिक जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष पर्यावरणीय मुद्दे पर कार्यक्रम आयोजन का विचार करते हैं.

'पारिस्थितिकी तंत्र बहाली' क्या है

  • 'पारिस्थितिक तंत्र की बहाली' का सीधा अर्थ है कि क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्जीवित करना.
  • इसमें उन पारिस्थितिक तंत्रों का संरक्षण भी शामिल है, जो विनाश के कगार पर है.
  • इसका यह भी मतलब है कि पर्यावरण क्षति को रोकना और प्रकृति के दोहन से लेकर उसके संरक्षण पर बल देना.
  • पारिस्थितिकी तंत्र को कई तरह से पुनर्जीवित किया जा सकता है, जिसमें पेड़ लगाना पर्यावरण की देखभाल के सबसे आसान और उचित तरीकों में से एक है.
  • लोगों को पर्यावरण पर दबाव खत्म करने की जरूरत है.
  • पारिस्थितिक तंत्र को अनुकूलित और पुनर्स्थापित करने के लिए शहरी और ग्रामीण परिदृश्य में अलग-अलग तरीके हैं.

2021-2030 के बीच, 350 मिलियन हेक्टेयर के अवक्रमित स्थलीय और जलीय पारिस्थितिक तंत्र की बहाली से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं में 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का उत्पादन हो सकता है. इसके साथ ही पारिस्थितिक तंत्र में सुधार से वातावरण में 13 से 26 गीगाटन ग्रीनहाउस गैस में कमी आएगी.

विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र दशक (2021-2030) की शुरुआत होगी, जिसका इन 10 सालों में जंगलों से लेकर खेतों तक, पहाड़ों की चोटी से लेकर समुद्र की गहराई तक, अरबों हेक्टेयर पर्यावरण को पुनर्जीवित करने का एक वैश्विक मिशन है.

ये भी पढे़ं : एचआईवी और हेपेटाइटिस की तरह, कोविड मां से नवजात शिशु में नहीं हो सकता : विशेषज्ञ

मेजबान देश पाकिस्तान

विश्व पर्यावरण दिवस की हर साल अलग-अलग देश मेजबानी करते हैं, जिसमें कई आधिकारिक समारोह किए जाते हैं और इस बार यह मौका भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को मिला है.

बता दें, पाकिस्तान सरकार ने पांच वर्षों में फैली '10 बिलियन ट्री सुनामी' (पेड़ों की सुनामी) के माध्यम से देश के जंगलों का विस्तार करने और उन्हें पुनर्स्थापित करने की योजना बनाई है. अभियान में मैंग्रोव और जंगलों को रिस्टोर करना शामिल है. साथ ही शहरों में पेड़ लगाना, जिसमें स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक पार्क और हरित क्षेत्र शामिल हैं.

इसके साथ ही 10 बिलियन ट्री सुनामी के माध्यम से पाकिस्तान बॉन चैलेंज में भी योगदान दे रहा है, जो पारिस्थितिक तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक से जुड़ा एक वैश्विक प्रयास है.

इस चुनौती के तहत, सभी देश 2030 तक दुनिया की वनोन्मूलित और 350 मिलियन हेक्टेयर खराब हो चुकी भूमि को रिस्टोर करने वादा कर रहे हैं.

पारिस्थितिकी तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक (2021-30)

यूएन दशक 2021 से 2030 तक चलेगा, जो कि सतत विकास लक्ष्यों की समय सीमा है और वैज्ञानिकों ने इस समय को विनाशकारी जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए चुना है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के नेतृत्व में, संयुक्त राष्ट्र दशक एक मजबूत और व्यापक वैश्विक मिशन है, जो पर्यावरण की क्षति को रोकने का काम करेगा और मानव जीवन की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा.

ये भी पढे़ं : कोरोना तीसरी लहर से निपटने के लिए किन चीजों पर देना होगा ध्यान ? जाने एक्सपर्ट की राय

कोरोना वायरस ने पर्यावरण को कैसे प्रभावित किया है ?

कोरोना महामारी ने वैश्विक तौर पर भले ही लोगों का बहुत नुकसान किया हो, लेकिन इसके कारण पर्यावरण में सुधार देखने को मिला है. लॉकडाउन के कारण बंद पड़े उद्योग-धंधों की वजह से कार्बन उत्सर्जन में कमी आई, जिसके कारण पारिस्थितिक तंत्र को राहत मिली है, लेकिन महामारी के दौरान कीटाणुनाशक, मास्क, दस्ताने जैसे चिकित्सा कचरे का निपटान का बोझ भी कई गुना बढ़ गया है.

पर्यावरण दिवस पर कुछ खास कहावतें

  • लोग पर्यावरण को दोष देते हैं, लेकिन वह खुद एक दोषी हैं- रॉबर्ट कोलियर
  • 'संरक्षण' मनुष्य और भूमि के बीच सामंजस्य की स्थिति है- एल्डो लियोपोल्ड
  • हमारे ग्रह के लिए सबसे बड़ा खतरा यह विश्वास है कि कोई और इसे बचाएगा- रॉबर्ड स्वान
  • जो देश अपनी मिट्टी को नुकसान पहुंचाता है, दरअसल वो खुद को विनाश की ओर ले जा रहा है- फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट
  • साफ पानी और हवा में जाएं और प्रकृति के शाश्वत यौवन में आप अपना स्वयं का नवीनीकरण कर सकते हैं. चुपचाप, अकेले जाओ; तुम्हें कोई हानि नहीं होगी- जॉन मूइर

हैदराबाद : विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है. इस दिन वैश्विक स्तर पर लोगों को प्रकृति के महत्व के बारे में जागरुक किया जाता है. साथ ही प्रकृति के विनाशकारी पहलू और उसके मूल्यों से भी रूबरू कराया जाता है.

बता दें, बीते एक साल से भी ज्यादा समय से कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप के कारण लगे लंबे लॉकडाउन (Lockdown) में लोग घरों में कैद रहे, जो पर्यावरण (Environment) के लिए बेहतर साबित हुआ है.

ये भी पढे़ं : जूही चावला की 5G संबंधी याचिका खारिज, लगा 20 लाख रुपये का जुर्माना

थीम

इस वर्ष 'विश्व पर्यावरण दिवस 2021' की थीम 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली' (Ecosystem Restoration) है. इस बार पाकिस्तान (Pakistan) इस दिन की वैश्विक मेजबानी करेगा.

इस बार बड़ी और चुनौतीपूर्ण समस्याओं के साथ विश्व पर्यावरण दिवस 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली (Restoration) पर' केंद्रित है, जिसकी थीम 'फिर से कल्पना करें' (Reimagine), 'फिर से बनाना' (Recreate), 'पुनर्स्थापित करें' (Restore) है.

इस दिन 'पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली पर' संयुक्त राष्ट्र दशक का शुभारंभ भी हो रहा है. बता दें, बीते वर्ष 2020 में इसकी थीम 'सेलिब्रेट बायोडायवर्सिटी' थी.

इतिहास

'विश्व पर्यावरण दिवस' प्रकृति और हरियाली के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा आयोजित सबसे बड़े वार्षिक कार्यक्रमों में से एक है. संयुक्त राष्ट्र सभा ने 1972 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत की थी, जो मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन का पहला दिन था.

1974 में थीम 'ओनली वन अर्थ' के तहत इसे मनाया गया था. तब से कई देश इस दिन का आयोजन कर रहे हैं. बता दें, विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार 1974 में अमेरिका में मनाया गया था.

पारिस्थितिक तंत्र में निवेश यानि जीवन सुरक्षित करना

विश्व पर्यावरण दिवस पर इस वर्ष पाकिस्तान अपने आधिकारिक समारोह के जरिए क्षतिग्रस्त पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान करेगा. पारिस्थितिक तंत्र को बचाने का सीधा अर्थ मानव भविष्य को सुरक्षित करना है.

जंगलों से लेकर तटों तक, सभी अपने अस्तित्व के लिए स्वस्थ पारिस्थितिक तंत्र पर निर्भर हैं. पारिस्थितिक तंत्र को जीवों, पौधों, जानवरों और लोगों के बीच उनके परिवेश के साथ बातचीत के रूप में परिभाषित किया गया है. इसमें प्रकृति ही नहीं मानव निर्मित व्यवस्था जैसे शहर और फर्म भी शामिल हैं.

ये भी पढे़ं : तमिलनाडु : अन्ना जूलॉजिकल पार्क में कोरोना संक्रमण से शेरनी की मौत

महत्व

इस दिन को मनाने का खास मकसद पर्यावरण के महत्व को बताना और लोगों को याद दिलाना है कि प्रकृति को हल्के में ना लिया जाए. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, यह दिन हमें पर्यावरण को संरक्षित करने और बढ़ाने में समुदायों, उद्यमों और जिम्मेदार आचरण के आधार को व्यापक बनाने का अवसर प्रदान करता है.

इस दिन को पर्यावरण ने हमें जो कुछ भी दिया है, उसका सम्मान और स्वीकार करने और यह प्रतिज्ञा लेने के लिए मनाया जाता है कि हम इसकी रक्षा करेंगे. इस दिन, सरकारें और सामान्य नागरिक जागरूकता फैलाने के लिए एक विशेष पर्यावरणीय मुद्दे पर कार्यक्रम आयोजन का विचार करते हैं.

'पारिस्थितिकी तंत्र बहाली' क्या है

  • 'पारिस्थितिक तंत्र की बहाली' का सीधा अर्थ है कि क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुके पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्जीवित करना.
  • इसमें उन पारिस्थितिक तंत्रों का संरक्षण भी शामिल है, जो विनाश के कगार पर है.
  • इसका यह भी मतलब है कि पर्यावरण क्षति को रोकना और प्रकृति के दोहन से लेकर उसके संरक्षण पर बल देना.
  • पारिस्थितिकी तंत्र को कई तरह से पुनर्जीवित किया जा सकता है, जिसमें पेड़ लगाना पर्यावरण की देखभाल के सबसे आसान और उचित तरीकों में से एक है.
  • लोगों को पर्यावरण पर दबाव खत्म करने की जरूरत है.
  • पारिस्थितिक तंत्र को अनुकूलित और पुनर्स्थापित करने के लिए शहरी और ग्रामीण परिदृश्य में अलग-अलग तरीके हैं.

2021-2030 के बीच, 350 मिलियन हेक्टेयर के अवक्रमित स्थलीय और जलीय पारिस्थितिक तंत्र की बहाली से पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं में 9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का उत्पादन हो सकता है. इसके साथ ही पारिस्थितिक तंत्र में सुधार से वातावरण में 13 से 26 गीगाटन ग्रीनहाउस गैस में कमी आएगी.

विश्व पर्यावरण दिवस पर संयुक्त राष्ट्र दशक (2021-2030) की शुरुआत होगी, जिसका इन 10 सालों में जंगलों से लेकर खेतों तक, पहाड़ों की चोटी से लेकर समुद्र की गहराई तक, अरबों हेक्टेयर पर्यावरण को पुनर्जीवित करने का एक वैश्विक मिशन है.

ये भी पढे़ं : एचआईवी और हेपेटाइटिस की तरह, कोविड मां से नवजात शिशु में नहीं हो सकता : विशेषज्ञ

मेजबान देश पाकिस्तान

विश्व पर्यावरण दिवस की हर साल अलग-अलग देश मेजबानी करते हैं, जिसमें कई आधिकारिक समारोह किए जाते हैं और इस बार यह मौका भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान को मिला है.

बता दें, पाकिस्तान सरकार ने पांच वर्षों में फैली '10 बिलियन ट्री सुनामी' (पेड़ों की सुनामी) के माध्यम से देश के जंगलों का विस्तार करने और उन्हें पुनर्स्थापित करने की योजना बनाई है. अभियान में मैंग्रोव और जंगलों को रिस्टोर करना शामिल है. साथ ही शहरों में पेड़ लगाना, जिसमें स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक पार्क और हरित क्षेत्र शामिल हैं.

इसके साथ ही 10 बिलियन ट्री सुनामी के माध्यम से पाकिस्तान बॉन चैलेंज में भी योगदान दे रहा है, जो पारिस्थितिक तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक से जुड़ा एक वैश्विक प्रयास है.

इस चुनौती के तहत, सभी देश 2030 तक दुनिया की वनोन्मूलित और 350 मिलियन हेक्टेयर खराब हो चुकी भूमि को रिस्टोर करने वादा कर रहे हैं.

पारिस्थितिकी तंत्र बहाली पर संयुक्त राष्ट्र दशक (2021-30)

यूएन दशक 2021 से 2030 तक चलेगा, जो कि सतत विकास लक्ष्यों की समय सीमा है और वैज्ञानिकों ने इस समय को विनाशकारी जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए चुना है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के नेतृत्व में, संयुक्त राष्ट्र दशक एक मजबूत और व्यापक वैश्विक मिशन है, जो पर्यावरण की क्षति को रोकने का काम करेगा और मानव जीवन की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा.

ये भी पढे़ं : कोरोना तीसरी लहर से निपटने के लिए किन चीजों पर देना होगा ध्यान ? जाने एक्सपर्ट की राय

कोरोना वायरस ने पर्यावरण को कैसे प्रभावित किया है ?

कोरोना महामारी ने वैश्विक तौर पर भले ही लोगों का बहुत नुकसान किया हो, लेकिन इसके कारण पर्यावरण में सुधार देखने को मिला है. लॉकडाउन के कारण बंद पड़े उद्योग-धंधों की वजह से कार्बन उत्सर्जन में कमी आई, जिसके कारण पारिस्थितिक तंत्र को राहत मिली है, लेकिन महामारी के दौरान कीटाणुनाशक, मास्क, दस्ताने जैसे चिकित्सा कचरे का निपटान का बोझ भी कई गुना बढ़ गया है.

पर्यावरण दिवस पर कुछ खास कहावतें

  • लोग पर्यावरण को दोष देते हैं, लेकिन वह खुद एक दोषी हैं- रॉबर्ट कोलियर
  • 'संरक्षण' मनुष्य और भूमि के बीच सामंजस्य की स्थिति है- एल्डो लियोपोल्ड
  • हमारे ग्रह के लिए सबसे बड़ा खतरा यह विश्वास है कि कोई और इसे बचाएगा- रॉबर्ड स्वान
  • जो देश अपनी मिट्टी को नुकसान पहुंचाता है, दरअसल वो खुद को विनाश की ओर ले जा रहा है- फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट
  • साफ पानी और हवा में जाएं और प्रकृति के शाश्वत यौवन में आप अपना स्वयं का नवीनीकरण कर सकते हैं. चुपचाप, अकेले जाओ; तुम्हें कोई हानि नहीं होगी- जॉन मूइर
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.