हैदराबाद : आज विश्व बधिर दिवस है. यह हर साल सितंबर माह के अंतिम सोमवार को मनाया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के World Report On Hearing के आंकड़ों के अनुसार साल 2050 तक दुनिया में 250 करोड़ (2.5 Billion) के करीब लोग श्रवण दोष से पीड़ित हो जायेंगे. इनमें 70 करोड़ (700 Million) लोगों को श्रवण दोष के कारण पुनर्वास की आवश्यकता होगी. पुनर्वास के तहत इन लोगों को स्वास्थ, शिक्षा, उपचार, रोजगार, परिवहन सहित कई सुविधाओं की आवश्यकता होगी. श्रवण दोष से पीड़ितों के पुनर्वास पर काफी बड़ी रकम की आवश्यकता होगा.
बता दें कि 2021 तक धरती पर श्रवण दोष से पीड़ितों की संख्या 150 करोड़ (1.5 Billion) के करीब थी. इनमें 43 करोड़ लोग (430 Million) उच्च या मध्यम स्तर के श्रवण दोष के शिकार थे. विश्व बधिर दिवस 2023 का थीम 'कानों की देखभाल सभी के लिए' (Ear And Hearing Care For All) निर्धारित किया गया है.
श्रवण क्षमता (Hearing Capacity) डेसीबल में मापा जाता है. सुनने के लिए 20 डीबी (डेसीबल) से अधिक क्षमता सांउड की जरूरत होती है तो मेडिकल साइंस के अनुसार वह व्यक्ति श्रवण दोष से पीड़ित है. 2011 में भारत की जनगणना के अनुसार 50 लाख की आबादी श्रवण दोष से पीड़ित हैं. विश्व बधिर महासंघ के आंकड़ों के अनुसार श्रवण बाधित की कुल आबादी की करीबन 80 प्रतिशत विकासशील देशों में रहते हैं.
हर इंसान के पास सुनने की एक अलग तरह की क्षमता होती है. आनुवंशिक, जैविक, व्यवहारिक और पर्यावरणीय कारणों से सुनने की क्षमता प्रभावित होता है. सुनने की क्षमता कुछ लोगों को जन्मजात प्रभावित रहता है, तो कुछ का जन्म के तुरंत बाद होता है तो कुछ का जीवन काल के दौरान होता है. सुनने की क्षमता कई कारणों से प्रभावित होती है. इनमें बीमारी, वायरल संक्रमण, ध्वनी प्रदूषण, खराब जीवन शैली और ओटोटॉक्सिक दवाएं मुख्य रूप से शामिल है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार स्वस्थ कानों की देखभाल के लिए HEARING FORMULA पर काम करने की जरूरत है.
- नियमित रूप से कानों की जांच करना. आवश्यकता अनुसार कदम उठाना
- कान से संबंधित रोगों की रोकथाम व उचिच प्रबंधन करना
- आवश्यकता वाले जगहों पर कानों की सुरक्षा के लिए तकनीक का इस्तेमाल करें
- श्रवण दोष से पीड़ितों के लिए उचित पुनर्वास की व्यवस्था हो
- कानों से संबंधित समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक किया जाय
- आवासीय व गैर आवासीय सभी जगहों पर शोर प्रबंधन ध्यान दिया जाय
- श्रवण दोष रोकथाम के लिए बेहतर सामुदायिक जुड़ाव पैदा किया जाय