नई दिल्ली : लगभग पंद्रह राष्ट्रीय महिला संगठनों ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और शिवराज चौहान सरकार से महिलाओं की सुरक्षा के लिए वर्किंग महिला ट्रेकिंग प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की.
खबरों के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार एक ऐसी प्रणाली तैयार कर रही है, जो महिलाओं को रोजगार देने के लिए अपने मूल स्थानों से बाहर जाने के लिए ग्राम पंचायत के साथ खुद को पंजीकृत करने के लिए बाध्य करेगी.
अभ्युदय, एआईडीएमएएम, एआईडीडब्ल्यूए, एआईएमएसएस, एआईपीडब्ल्यूए, अखिल भारतीय दलित लेखिका मंच, अनहद, आईसीडब्ल्यूएम दिल्ली, मदर टेरेसा फाउंडेशन, मुस्लिम महिला फोरम, एनएफआईडब्ल्यू, पेहचान, पीएमएस, सहेली और एसएनएस सहित प्रदर्शनकारी संगठनों की लगभग 35 महिलाओं को हिरासत में लिया और दिल्ली पुलिस द्वारा और मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
प्रगति राज्य महिला संगठन की महासचिव पूनम कौशिक ने कहा कि हम यहां मध्य प्रदेश सरकार के उस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं, जो घर से बाहर जाने वाली महिलाओं की निगरानी करने की योजना बना रहा है. हम राज्य सरकार से इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग करते हैं क्योंकि यह महिलाओं को उनकी सुरक्षा के नाम पर निगरानी करने की अुनमति देगा.
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वहीं, ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेन्स एसोसिएशन की मैमुना मोल्लाह ने कहा कि पितृ सत्ता की मनुवादी नीति का पालन करना हमेशा से संघ की नीति रही है. चाहे वो खट्टर हों, अजय सिंह हों या शिवराज सिंह चौहान हों, वे महिलाओं को ऐसे देखते हैं, जैसे महिलाओं पर उनका अधिकार हो. हम इसके खिलाफ हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने फैसले खुद ले सकती हैं, उन्हें सुरक्षा की जरूरत है न निगरानी की.