रांची/सिमडेगा : झारखंड के खेल मंत्री हफीजुल हसन अपनी आदतों की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में हैं. इस बार तो उन्होंने झारखंड की जगहंसाई करा दी है. जनाब को सिमडेगा में आयोजित नेशनल जूनियर हॉकी महिला चैंपियनशिप के फाइनल मैच का उद्घाटन करना था. झारखंड और हरियाणा की महिला टीम के बीच मुकाबला होना था. सारी तैयारियां पूरी थी, लेकिन मंत्री जी वक्त पर नहीं पहुंचे. जब उनसे देरी का कारण पूछा गया तो बड़ी सहजता से बोल गए कि नमाज का टाइम था. इसलिए लेट हो गया.
मंत्री जी के इस बयान की खूब चर्चा हो रही है. लोग कह रहे हैं कि तब तो दूसरे धर्म से जुड़े अधिकारी, पदाधिकारी भी इसी तरह का बहाना बनाने लगेंगे. इस बात की भी चर्चा हो रही है कि दूसरे राज्य के खिलाड़ी क्या सोच रहे होंगे. राष्ट्रीय स्तर के आयोजन को इतने हल्के में कैसे लिया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक 29 अक्टूबर को फाइनल मैच का उद्घाटन अपराह्न 3 बजे सिमडेगा के एस्ट्रोटर्फ मैदान में होना था. मंत्री हफीजुल हसन रांची से खूंटी होते हुए सिमडेगा के लिए रवाना हुए थे. बसिया पहुंचने पर नमाज पढ़ने के लिए रुक गये थे. इसी वजह से विलंब से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे. लेकिन लोगों का कहना है कि मंत्री जी ने नमाज का हवाला देकर झारखंड को शर्मिंदा कर दिया है. अगर उनको वक्त पर पहुंचना होता तो समय से पहले अपने आवास से निकले होते.
मंत्री हफीजुल का विवादों से पुराना नाता
झारखंड के पूर्व मंत्री हाजी हुसैन के असमय निधन के कारण उनके पुत्र हफीजुल को उपचुनाव लड़ने से पहले ही हेमंत कैबिनेट में मंत्री बना दिया गया था. उपचुनाव जीतने के बाद दो ऐसे मौके आए जिसकी वजह से मंत्री हफीजुल की खूब चर्चा हुई.
22 अगस्त को देवघर में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में मंत्री ने माइक फेंक दिया था. कार्यक्रम में मंत्री जी माइक पर बोल रहे थे. इस दौरान उन्हें किसी बात पर इतना गुस्सा आया कि उन्होंने माइक फेंक दिया. इतना ही नहीं सभी कर्मचारियों को धमकी भी दी और कड़े लहजे में चेतावनी दी थी कि सबको सही काम करना पड़ेगा. गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
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डॉ. मनमोहन सिंह को दे दी थी श्रद्धांजलि
15 अक्टूबर को देवघर में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हफीजुल हसन चीफ गेस्ट थे. जब उनको बोलने के लिए माइक थमाया गया तो डॉ. एपीजे कलाम के बारे में बोलने की बजाए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के बारे में बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन भी रखवा दिया था. बाद में गलती का अहसास होने पर उन्होंने माफी मांगी थी.