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मानवता की अद्भुत मिसाल : 20 वर्षों से बंदरों को खाना खिला रही है बेंगलुरु की यह महिला - बेंगलुरु की महिला सुवर्णम्मा

कर्नाटक के तुमकूर जिले की मानवीयता का अनोखा उदाहरण देखने को मिला है. यहां की रहने वाली सुवर्णम्मा 20 सालों से बंदरों को खाना खिला रही हैं. वह रोजाना लगभग 400 रुपये की मूंगफली, अंगूर, खीरे, केले, बिस्कुट और टमाटर सहित ताजी सब्जियों बंदरों को खिला देती हैं.

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Published : Mar 19, 2021, 3:01 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 2:02 PM IST

बेंगलुरु : आज के दौर में आमतौर पर हर किसी के घर में जानवर पाले जाते हैं, लेकिन लोगों का ध्यान आवारा पशुओं पर कम ही जाता है, लेकिन कर्नाटक के तुमकूर जिले की सुवर्णम्मा को ऐसे जानवरों से काफी सहानूभूति है. सुवर्णम्मा सालों से भूखे बंदरों को ताजी सब्जियां खिला रहीं हैं.

सुवर्णम्मा, तुमकूर जिले के मधुगिरि तालुक के नगय्यानपालय की रहने वाली हैं.

पढ़ें : किष्किंधा में हनुमान मंदिर निर्माण के लिए निकलेगी रथ यात्रा, 12 साल में पूरी होगी यात्रा

वह रोजाना लगभग इन बंदरों पर 400 रुपये खर्च करती हैं. इससे वह बंदरों मूंगफली, अंगूर, खीरे, केले, बिस्कुट और टमाटर सहित ताजी सब्जियों को खिलाती है. ये सभी बंदर अक्सर कोडागडाला गांव के सरकारी स्कूल के पास रहते हैं.

20 सालों से बंदरों को खाना खिला रही हैं सुवर्णम्मा

सुवर्णम्मा लगभग 20 सालों से यहां आती हैं और बंदरों को खाना खिलाती हैं. अगर वह किसी कारण से नहीं आ पाती हैं तो उनकी जगह उनके पति आकर इन बंदरों को खाना खिलाते हैं.

पढ़ें : कर्नाटक : हाथियों से इंसानों को बचाएंगी मधुमक्खियां, जानें कैसे

सुवर्णम्मा एक सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल की शिक्षिका हैं. उनके तीन बच्चे हैं और उनके बच्चे भी अपनी मां की निस्वार्थ सेवा में उनका सहयोग कर रहे हैं.

बेंगलुरु : आज के दौर में आमतौर पर हर किसी के घर में जानवर पाले जाते हैं, लेकिन लोगों का ध्यान आवारा पशुओं पर कम ही जाता है, लेकिन कर्नाटक के तुमकूर जिले की सुवर्णम्मा को ऐसे जानवरों से काफी सहानूभूति है. सुवर्णम्मा सालों से भूखे बंदरों को ताजी सब्जियां खिला रहीं हैं.

सुवर्णम्मा, तुमकूर जिले के मधुगिरि तालुक के नगय्यानपालय की रहने वाली हैं.

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वह रोजाना लगभग इन बंदरों पर 400 रुपये खर्च करती हैं. इससे वह बंदरों मूंगफली, अंगूर, खीरे, केले, बिस्कुट और टमाटर सहित ताजी सब्जियों को खिलाती है. ये सभी बंदर अक्सर कोडागडाला गांव के सरकारी स्कूल के पास रहते हैं.

20 सालों से बंदरों को खाना खिला रही हैं सुवर्णम्मा

सुवर्णम्मा लगभग 20 सालों से यहां आती हैं और बंदरों को खाना खिलाती हैं. अगर वह किसी कारण से नहीं आ पाती हैं तो उनकी जगह उनके पति आकर इन बंदरों को खाना खिलाते हैं.

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सुवर्णम्मा एक सेवानिवृत्त सरकारी स्कूल की शिक्षिका हैं. उनके तीन बच्चे हैं और उनके बच्चे भी अपनी मां की निस्वार्थ सेवा में उनका सहयोग कर रहे हैं.

Last Updated : Mar 23, 2021, 2:02 PM IST
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