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छत्तीसगढ़ : ₹ 20 करोड़ की ठगी मामले में पूर्व सरकारी महिला कर्मचारी गिरफ्तार - आरोपी महिला मेवा चोपड़ा

छत्तीसगढ़ में एक दंपति से ₹ चार लाख के अलावा 200 बेरोजगार लोगों से नौकरी के नाम पर ₹ 20 करोड़ की ठगी करने का मामला सामने आया है. आरोपी महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मामले में बलौदा बाजार पुलिस जांच कर रही है.

महिला गिरफ्तार
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Published : Feb 8, 2021, 8:12 AM IST

कोरबा : छत्तीसगढ़ की बालको पुलिस ने एक दंपत्ति से ठगी करने वाली महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी महिला पर नौकरी लगाने के नाम पर ₹ चार लाख की धोखाधड़ी का आरोप है. आरोपी महिला का नाम मेवा चोपड़ा है. इस पर 200 बेरोजगारों से ₹ 20 करोड़ ठगी करने का भी आरोप है.

आरोपी महिला मेवा चोपड़ा महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर रह चुकी है. आरोप है कि इसी पद पर रहते हुए उसने ठगी की वारदात को अंजाम दिया.

पढ़ें- भारतीय वैज्ञानिकों ने ग्राफ्टिंग तकनीक से बैगन के पौधे में उगाया टमाटर

न्यायालय से लिया प्रोडक्शन वारंट
बलौदा बाजार के सिटी कोतवाली में भी मेवा चोपड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. बलौदा बाजार के केस में मेवा चोपड़ा गिरफ्तारी के बाद से सेंट्रल जेल रायपुर में बंद थी. बालको थाना में दर्ज मामले में गिरफ्तारी के लिए पतासाजी के दौरान मेवा चोपड़ा का पता चला, अब बालको पुलिस उसी महिला के खिलाफ एक और केस में प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है.

2013 में दंपति से हुई थी पहचान
केस में पीड़ित बालको नगर के भद्रपारा में रहने वाले दिग्विजय कुमार रात्रे की पत्नी से मेवा चोपड़ा की पहचान 2013 में हुई थी. बीच-बीच में दोनों के बीच में मोबाइल से बात होती थी. सितंबर 2017 में मेवा चोपड़ा ने दिग्विजय कुमार रात्रे की पत्नी को आंगनबाड़ी में सुपरवाइजर और दिग्विजय कुमार को मंत्रालय में नौकरी दिलाने का झांसा दिया. जिसके झांसे में आकर दिग्विजय कुमार रात्रे ने मेवा चोपड़ा को ₹ 4 लाख दे दिए, लेकिन इसके बाद नौकरी नहीं लगी. 4 साल तक इंतजार करने के बाद दिग्विजय कुमार रात्रे ने बालको थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है.

कोरबा : छत्तीसगढ़ की बालको पुलिस ने एक दंपत्ति से ठगी करने वाली महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी महिला पर नौकरी लगाने के नाम पर ₹ चार लाख की धोखाधड़ी का आरोप है. आरोपी महिला का नाम मेवा चोपड़ा है. इस पर 200 बेरोजगारों से ₹ 20 करोड़ ठगी करने का भी आरोप है.

आरोपी महिला मेवा चोपड़ा महिला एवं बाल विकास विभाग में सुपरवाइजर रह चुकी है. आरोप है कि इसी पद पर रहते हुए उसने ठगी की वारदात को अंजाम दिया.

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न्यायालय से लिया प्रोडक्शन वारंट
बलौदा बाजार के सिटी कोतवाली में भी मेवा चोपड़ा के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. बलौदा बाजार के केस में मेवा चोपड़ा गिरफ्तारी के बाद से सेंट्रल जेल रायपुर में बंद थी. बालको थाना में दर्ज मामले में गिरफ्तारी के लिए पतासाजी के दौरान मेवा चोपड़ा का पता चला, अब बालको पुलिस उसी महिला के खिलाफ एक और केस में प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई है.

2013 में दंपति से हुई थी पहचान
केस में पीड़ित बालको नगर के भद्रपारा में रहने वाले दिग्विजय कुमार रात्रे की पत्नी से मेवा चोपड़ा की पहचान 2013 में हुई थी. बीच-बीच में दोनों के बीच में मोबाइल से बात होती थी. सितंबर 2017 में मेवा चोपड़ा ने दिग्विजय कुमार रात्रे की पत्नी को आंगनबाड़ी में सुपरवाइजर और दिग्विजय कुमार को मंत्रालय में नौकरी दिलाने का झांसा दिया. जिसके झांसे में आकर दिग्विजय कुमार रात्रे ने मेवा चोपड़ा को ₹ 4 लाख दे दिए, लेकिन इसके बाद नौकरी नहीं लगी. 4 साल तक इंतजार करने के बाद दिग्विजय कुमार रात्रे ने बालको थाना में इसकी शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की है.

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