रायपुर : छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत के साथ सत्ता पर बैठी कांग्रेस सरकार को ढाई साल पूरे होने वाले हैं, लेकिन अबतक निगम मंडलों की नियुक्ति नहीं हो पाई है. निगम मंडलों की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस में अभी भी सिरफुटव्वल के हालात बन रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने रायपुर प्रवास के दौरान इस बात का इशारा कर दिया है कि नाम पर फाइनल मुहर पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress National President Sonia Gandhi ) ही लगाएंगी. (corporation board appointment) इसके बाद अब सियासी गलियारों में इसे लेकर चर्चा तेज हो गई है. कि पार्टी के हर नियुक्ति पर गांधी परिवार की ही मुहर लगना आखिर क्यों जरुरी है? छोटे-छोटे पदों पर नियुक्ति करने के लिए भी गांधी परिवार और पार्टी आलाकमान का निर्णय लेना किस हद तक सही है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लंबे वक्त से इंतजार
छत्तीसगढ़ में 15 साल के वनवास के बाद कांग्रेस को भारी बहुमत मिला है. कार्यकर्ताओं ने इसमें मुख्य भूमिका निभाई है, लेकिन लंबे संघर्ष और सरकार लाने के लिए लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ताओं को अभी भी निगम मंडलों और अन्य आयोगों पर नियुक्ति के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. सरकार बनने के ढाई साल बाद भी निगम मंडलों और अन्य आयोगों में नियुक्तियों के लिए इंतजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनने लगा है. इतना ही नहीं बचे हुए निगम मंडल में नियुक्ति को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम (State President Mohan Markam) और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के साथ घंटों बैठकर कर नामों पर चिंतन कर रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने साफ इशारा कर दिया है कि निगम मंडलों को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी सूची को फाइनल करेंगी. इसे लेकर काग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने पीएल पुनिया के बयान को लेकर तीखा हमला बोला है.
पढ़ें : बिहार : झोपड़ी से बंगले तक का सियासी सफर, पढ़ें कैसे लोजपा आगे बढ़ती गई
भाजपा नेता ने साधा निशाना
भाजपा नेता अशोक बजाज कहते हैं कि कांग्रेस में तो यह परंपरा है कि बिना गांधी परिवार के पूछे एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाते हैं. इनकी बैठकों की तारीखें भी गांधी परिवार की सुविधा अनुसार ही तय होते हैं. कुल मिलाकर कार्यकर्ता ने संघर्ष किया है. उन्हें अब फल के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. संघर्ष करने वाले कार्यकर्ता अब भी इंतजार में बैठे हैं. कांग्रेस जनता को भी ठग रही है और अपने कार्यकर्ताओं को भी ठग रही है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा
छत्तीसगढ़ की राजनीति को करीब से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के दो बड़े कारण थे. पिछली भाजपा सरकार में अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और आम जनता के प्रति बेरुखी. दूसरी तरफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के कठोर परिश्रम के चलते यह सरकार आई है. अकेले नेताओं के भरोसे या चंद लोगों के भरोसे बूथ तक पहुंचना संभव नहीं होता. हर पार्टी का अपना संगठन होता है. संगठन में काम करने वाले लोगों के तरीके से यह परिणाम आता है. छत्तीसगढ़ में ढाई साल सरकार बने हो चुके हैं.
निगम मंडल की नियुक्ति की बात पिछले एक डेढ़ साल से चल रही है. डेढ़ साल में अभी तक केवल बैठकों का दौर चल रहा है. इससे कार्यकर्ताओं में निराशा आ चुकी है. केंद्रीय आलाकमान प्रदेश सरकार के प्रमुख लोग और सत्ता संगठन के लोगों को अपने कार्यकर्ताओं के मान सम्मान और प्रतिष्ठा-पद देने की प्रक्रिया करनी चाहिए. क्योंकि अब लगभग 6 महीने बाद और साल भर बाद भी एक तरह से दूसरे चुनाव की प्रक्रिया और तैयारी शुरू हो जाएगी.