नई दिल्ली: वाणिज्य मंत्रालय की ओर से 14 दिसंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, नवंबर में भारत की थोक मुद्रास्फीति 21 महीने के निचले स्तर 5.85 प्रतिशत पर आ गई. 5.85 प्रतिशत पर, नवीनतम थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मुद्रास्फीति का आंकड़ा दो महीने पहले की तुलना में 470 आधार अंक कम है. एक आधार अंक एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा होता है. WPI मुद्रास्फीति अक्टूबर में 8.39 प्रतिशत और नवंबर 2021 में 14.87 प्रतिशत रही. थोक मुद्रास्फीति में गिरावट की खबर खुदरा महंगाई दर के घटने की खबर के दो दिन बाद आई है.
पढ़ें: सितंबर में थोक मुद्रास्फीति घटकर 10.7 प्रतिशत हुई
सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों में बताया गया था कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति नवंबर महीने में घटकर 5.88 प्रतिशत हो गई थी. कई महीनों के बाद पहली बार यह रिजर्व बैंक के टॉलरेंस बैंड (2-6 प्रतिशत) की ऊपरी सीमा से नीचे आई है. फरवरी 2021 के बाद पहली बार थोक मुद्रास्फीति (WPI) खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) से कम रही है. उस समय थोक मुद्रास्फीति 4.83 प्रतिशत और खुदरा मुद्रास्फीति 5.03 प्रतिशत थी.
पढ़ें: अगस्त में थोक मुद्रास्फीति घटी, 11 महीने के निचले स्तर 12.41 प्रतिशत पर आई
नवंबर में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में तेज गिरावट का कारण डब्ल्यूपीआई टोकरी के तीन प्रमुख कमोडिटी समूहों में से दो की कीमतों में क्रमिक रूप से गिरना था. नवंबर में महीने में खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) 22 महीने के निचले स्तर 2.17 प्रतिशत पर आ गई. यह अक्तूबर महीने के 6.48 प्रतिशत का लगभग एक तिहाई रह गया है. मासिक आधार पर इसमें 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई है. इसके अलावे निर्माण क्षेत्र के उत्पादों के मामले में थोक महंगाई दर 4.42 प्रतिशत से घटकर 3.59 प्रतिशत पर आ गई है. अक्तूबर महीने की तुलना में इसमें 0.3 प्रतिशत की नरमी आई है.
पढ़ें: Explainer: थोक मुद्रास्फीति 14 महीने से दहाई अंकों में क्यों ?