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जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों के नरसंहार के दौरान सत्ता में कौन था: मनोज सिन्हा - नरसंहार के दौरान सत्ता में कौन था

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि शोपियां में निर्दोष गैर स्थानीय मजदूरों और कश्मीरी पंडितों की हत्या करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा.

Who was in power during the massacre of minorities in Jammu and Kashmir says  Manoj SinhaEtv Bharat
जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों के नरसंहार के दौरान सत्ता में कौन था: मनोज सिन्हाEtv Bharat
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Published : Oct 19, 2022, 12:27 PM IST

Updated : Oct 19, 2022, 12:42 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि शोपियां में निर्दोष गैर-स्थानीय मजदूरों और कश्मीरी पंडितों की हत्या करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा और शांति भंग करने वालों को अपने किए पर पछताना होगा. सिन्हा ने कहा कि कुछ लोगों को कश्मीर में शांति और विकास पसंद नहीं है और इसलिए वे स्थिति को बिगाड़ने पर तुले हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें चेतावनी देता है कि उन्हें कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी और उनकी रणनीति को विफल कर दिया जाएगा.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

श्रीनगर में राजभवन से सटे एक सभागार में एक किताब के औपचारिक विमोचन के दौरान मनोज सिन्हा ने ये बातें कहीं.एलजी मनोज सिन्हा ने कश्मीर के राजनीतिक दलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, हम उनसे पूछ रहे हैं कि न्याय किसे दिया जाए? उन्होंने कहा कि जो लोग आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उन्हें वदनहामा गांदरबल में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार, उधमपुर, डोडा और अन्य क्षेत्रों की घटनाओं के बारे में बताना चाहिए. उन दिनों जम्मू-कश्मीर में कौन सत्ता में था? मनोज सिन्हा ने सवाल किया कि कश्मीर में अल्पसंख्यकों के नरसंहार के दौरान सत्ता में कौन था?

ये भी पढ़ें-जम्मू कश्मीर: पुलिस की SIU टीम पुलवामा में कर रही छापेमारी

मनोज सिन्हा ने कहा कि जो लोग सवाल उठाते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आतंकवाद बढ़ा है, लेकिन आंकड़े एक अलग तस्वीर दिखाते हैं और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद इस समय अपने अंतिम चरण में है. मनोज सिन्हा ने फिर दोहराया कि केंद्र सरकार और कश्मीर प्रशासन उग्रवाद पर नकेल कसेंगे और शांति और व्यवस्था को बाधित करने वालों और आतंकवादियों के सहयोगियों को कानून के दायरे में दंडित किया जाएगा.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि शोपियां में निर्दोष गैर-स्थानीय मजदूरों और कश्मीरी पंडितों की हत्या करने वालों को माफ नहीं किया जाएगा और शांति भंग करने वालों को अपने किए पर पछताना होगा. सिन्हा ने कहा कि कुछ लोगों को कश्मीर में शांति और विकास पसंद नहीं है और इसलिए वे स्थिति को बिगाड़ने पर तुले हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें चेतावनी देता है कि उन्हें कड़ी प्रतिक्रिया दी जाएगी और उनकी रणनीति को विफल कर दिया जाएगा.

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

श्रीनगर में राजभवन से सटे एक सभागार में एक किताब के औपचारिक विमोचन के दौरान मनोज सिन्हा ने ये बातें कहीं.एलजी मनोज सिन्हा ने कश्मीर के राजनीतिक दलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जो लोग न्याय की मांग कर रहे हैं, हम उनसे पूछ रहे हैं कि न्याय किसे दिया जाए? उन्होंने कहा कि जो लोग आज घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उन्हें वदनहामा गांदरबल में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार, उधमपुर, डोडा और अन्य क्षेत्रों की घटनाओं के बारे में बताना चाहिए. उन दिनों जम्मू-कश्मीर में कौन सत्ता में था? मनोज सिन्हा ने सवाल किया कि कश्मीर में अल्पसंख्यकों के नरसंहार के दौरान सत्ता में कौन था?

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मनोज सिन्हा ने कहा कि जो लोग सवाल उठाते हैं कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद आतंकवाद बढ़ा है, लेकिन आंकड़े एक अलग तस्वीर दिखाते हैं और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद इस समय अपने अंतिम चरण में है. मनोज सिन्हा ने फिर दोहराया कि केंद्र सरकार और कश्मीर प्रशासन उग्रवाद पर नकेल कसेंगे और शांति और व्यवस्था को बाधित करने वालों और आतंकवादियों के सहयोगियों को कानून के दायरे में दंडित किया जाएगा.

Last Updated : Oct 19, 2022, 12:42 PM IST
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