चंडीगढ़: विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में बिकने वाले एक भारतीय कफ सिरप को नकली बताया है. यह कफ सिरप पंजाब के मोहाली के डेराबस्सी में तैयार की जाती है. इस घटना के बाद पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने सफाई पेश की है. कंपनी ने कहा कि यह भारत सरकार को बदनाम करने की साजिश है. किसी ने खांसी की दवाई की नकल की और मार्शल द्वीप और माइक्रोनेशिया में बेचा है. एफडीए ने जांच के लिए कंबोडिया भेजे गए कफ सिरप के सैंपल ले लिए हैं. क्यूपी फार्मा केम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुधीर पाठक ने बताया कि कफ सिरप की कुल 18,336 बोतलें भेजी गईं.
प्रबंध निदेशक पाठक ने आगे कहा कि एफडीए ने जांच के लिए कंबोडिया भेजे गए कफ सिरप के नमूने ले लिए हैं. WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार Guaifenesin Syrup TG Syrup में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल दूषित पदार्थों की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई. ऑस्ट्रेलिया के थेराप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन की गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं द्वारा मार्शल आइलैंड्स से गुइफेनेसिन सिरप, टीजी सिरप के नमूनों का विश्लेषण किया गया. विश्लेषण में पाया गया कि उत्पाद में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की हानिकारक मात्रा थी.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रिपोर्ट में आगे लिखा है कि अब तक निर्माता और विपणक ने इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर डब्ल्यूएचओ को कोई गारंटी प्रदान की नहीं की है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि भारतीय कंपनी का कफ सिरप मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में दूषित मिला है. इन सिरप के सेवन से इंसानों को खतरा हो सकता है. डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी किए गए मेडिकल अलर्ट में यह नहीं बताया कि भारत निर्मित कफ सिरप से कोई जनहानि हुई है या नहीं.