नई दिल्ली : दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने गुरुवार को कहा कि आघात (stroke) के अनुमानित 70 प्रतिशत मामले और इससे संबंधित 87 प्रतिशत मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं. आघात तब आता है, जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से में रक्त की आपूर्ति रुक जाती है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आसपास की जगह में खून भर जाता है.
शुक्रवार को 'विश्व पक्षाघात दिवस' से पहले एक बयान में उन्होंने कहा कि WHO आघात के जोखिम को कम करने वाले उपायों की पहचान करने और लागू करने के लिए दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सभी देशों का समर्थन जारी रखे हुए है. उन्होंने कहा कि WHO दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र आघात को रोकने, उसके इलाज और प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को मजबूत करने और इससे संबंधित दिव्यांगता के लिए गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास देखभाल प्रदान करने के वास्ते प्रतिबद्ध है.
सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र ने हाल के वर्षों में गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases-NCD) को रोकने, नियंत्रित करने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य दायरे के संबंध में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के सभी देशों में, आघात देखभाल सेवाओं को मजबूत करने में तत्काल प्रगति के लिए कई उपाय लागू किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि आघात के अनुमानित 70 प्रतिशत मामले, इससे संबंधित 87 प्रतिशत मौतें और दिव्यांगता निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं.
सिंह ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के बीच, क्षेत्र के देशों को स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार, स्वास्थ्य प्रणाली की दक्षता बढ़ाने और सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण और विकास को बढ़ावा देने के लिए हर संभव अवसर का लाभ उठाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि विश्व पक्षाघात दिवस पर, डब्ल्यूएचओ ने क्षेत्र के देशों को स्ट्रोक देखभाल सेवाओं को मजबूत करने, मामलों को कम करने, उपचार में सुधार करने और गुणवत्ता पुनर्वास सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. हमें एक बेहतर, स्वस्थ और सतत क्षेत्र हासिल करना है.
(पीटीआई-भाषा)