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एबीवीपी से शुरुआत, टीडीपी में एंट्री, फिर कांग्रेस का थामा हाथ, जानें कौन हैं रेवंत रेड्डी - रेवंत रेड्डी

तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सफलता का श्रेय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को मिल रहा है. वहीं रेवंत रेड्डी ने कहा है कि शहीदों और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय आ गया है. जानिए एबीवीपी से राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले रेवंत रेड्डी के बारे में... know who is revanth reddy, Telangana election 2023 result

Revanth Reddy with Rahul and Priyanka Gandhi
राहुल और प्रियंका गांधी के साथ रेवंत रेड्डी
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By IANS

Published : Dec 3, 2023, 12:51 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 1:05 PM IST

हैदराबाद : तेलंगाना विधानसभा चुनाव में तेलंगाना में बीआरएस से सत्ता हासिल करने की दौड़ में रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि शहीदों और राज्य के चार करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय आ गया है.

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ने श्रीकांत चारी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए आत्‍मदाह करने वाले पहले लोगों में से थे. नलगोंडा जिले के फार्माकोलॉजी के छात्र चारी की 3 दिसंबर 2009 को जलने से मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रेवंत रेड्डी ने एक्स के माध्यम से चारी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने तेलंगाना की आकांक्षाओं को सबसे ऊपर रखा. उन शहीदों को साधुवाद जिन्होंने तेलंगाना की आकांक्षाओं को आसमान में ऊंचा रखा. उनकी और चार करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय आ गया है.

Revanth Reddy with Rahul Gandhi during the election rally.
चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी के साथ रेवंत रेड्डी

30 नवंबर को मतदान संपन्न होने के बाद, रेवंत रेड्डी ने कहा कि इसी दिन चारी ने खुद को आग लगा ली थी और 3 दिसंबर को उनकी मौत हो गई थी. कांग्रेस नेता ने भविष्यवाणी की थी कि पार्टी शहीदों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सत्ता में आएगी. चारी के आत्मदाह ने आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के विभाजन के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. 9 दिसंबर 2009 को केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी. रेवंत रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री 9 दिसंबर को शपथ लेंगे, जो पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का जन्मदिन भी है.

ABVP से राजनीति की शुरुआत करने वाले रेवंत रेड्डी टीडीपी से बने थे दो बार विधायक

अविभाजित आंध्र प्रदेश महबूबनगर जिले में वर्ष 1969 में पैदा हुए ए रेवंत रेड्डी ने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरू कर दी थी. इतना ही नहीं उस्मानिया यूनिवर्सिटी से स्नातक करने वाले रेड्डी उस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए थे. हालांकि बाद में वो चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गए थे. फलस्वरूप टीडीपी प्रत्याशी के रूप में उन्होंने 2009 में आंध्र प्रदेश की कोडांगल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

Revanth Reddy with Congress candidates
कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ रेवंत रेड्डी

वहीं रेवंत रेड्डी 2014 में तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए. लेकिन 2017 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली. इसके बाद 2018 में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में उन्हें टीआरएस प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था. दूसरी ओर विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को 2019 के लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरि से प्रत्याशी बनाया जिसमें उन्होंने 10,919 वोटों से जीत हासिल की. इसको देखते हुए कांग्रेस ने 2021 में बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर सौंप दी थी.

पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री की भतीजी से की थी शादी

रेवंत रेड्डी ने 7 मई 1992 को कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री जयपाल रेड्डी की भतीजी अनुमुला गीता से उन्होंने शादी कर ली. शुरू में परिवार के लोग इस रिश्ते के खिलाफ थे लेकिन बाद परिवार वाले मान गए और उन्होंने अनुमुला गीता साथ वैवाहिक रिश्ते की शुरुआत की. रेवंत रेड्डी की एक बेटी है जिसका नाम न्यामिषा है.

Revanth Reddy addressing the public during the election rally.
चुनावी सभा के दौरान जनता को संबोधित करते रेवंत रेड्डी

विवादों से भी रहा है नाता

रेवंत रेड्डी मई 2015 में उस समय विवाद में आ गए थे, जब तेलंगाना की अपराध निरोधक शाखा (ABC) ने उनको रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. उनके विरुद्ध मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को विधान परिषद चुनाव के दौरान टीडीप उम्मीदवार के पक्ष में मतदान से जुड़े एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया था. हालांकि इस मामले में तेलंगाना हाई कोर्ट ने 30 जून को रेवंत रेड्डी को सशर्त जमानत दे दी थी. वहीं पिछले महीने ही हैदराबाद गन पार्क में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में भी उनको गिरफ्तार किया गया था.

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हैदराबाद : तेलंगाना विधानसभा चुनाव में तेलंगाना में बीआरएस से सत्ता हासिल करने की दौड़ में रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ए. रेवंत रेड्डी ने कहा कि शहीदों और राज्य के चार करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय आ गया है.

तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष ने श्रीकांत चारी को श्रद्धांजलि अर्पित की, जो तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए आत्‍मदाह करने वाले पहले लोगों में से थे. नलगोंडा जिले के फार्माकोलॉजी के छात्र चारी की 3 दिसंबर 2009 को जलने से मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार रेवंत रेड्डी ने एक्स के माध्यम से चारी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने तेलंगाना की आकांक्षाओं को सबसे ऊपर रखा. उन शहीदों को साधुवाद जिन्होंने तेलंगाना की आकांक्षाओं को आसमान में ऊंचा रखा. उनकी और चार करोड़ लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का समय आ गया है.

Revanth Reddy with Rahul Gandhi during the election rally.
चुनावी सभा के दौरान राहुल गांधी के साथ रेवंत रेड्डी

30 नवंबर को मतदान संपन्न होने के बाद, रेवंत रेड्डी ने कहा कि इसी दिन चारी ने खुद को आग लगा ली थी और 3 दिसंबर को उनकी मौत हो गई थी. कांग्रेस नेता ने भविष्यवाणी की थी कि पार्टी शहीदों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सत्ता में आएगी. चारी के आत्मदाह ने आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के विभाजन के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. 9 दिसंबर 2009 को केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की थी. रेवंत रेड्डी पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री 9 दिसंबर को शपथ लेंगे, जो पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का जन्मदिन भी है.

ABVP से राजनीति की शुरुआत करने वाले रेवंत रेड्डी टीडीपी से बने थे दो बार विधायक

अविभाजित आंध्र प्रदेश महबूबनगर जिले में वर्ष 1969 में पैदा हुए ए रेवंत रेड्डी ने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरू कर दी थी. इतना ही नहीं उस्मानिया यूनिवर्सिटी से स्नातक करने वाले रेड्डी उस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए थे. हालांकि बाद में वो चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गए थे. फलस्वरूप टीडीपी प्रत्याशी के रूप में उन्होंने 2009 में आंध्र प्रदेश की कोडांगल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

Revanth Reddy with Congress candidates
कांग्रेस प्रत्याशियों के साथ रेवंत रेड्डी

वहीं रेवंत रेड्डी 2014 में तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए. लेकिन 2017 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली. इसके बाद 2018 में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव में उन्हें टीआरएस प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था. दूसरी ओर विधानसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को 2019 के लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरि से प्रत्याशी बनाया जिसमें उन्होंने 10,919 वोटों से जीत हासिल की. इसको देखते हुए कांग्रेस ने 2021 में बड़ी जिम्मेदारी सौंपते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर सौंप दी थी.

पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री की भतीजी से की थी शादी

रेवंत रेड्डी ने 7 मई 1992 को कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री जयपाल रेड्डी की भतीजी अनुमुला गीता से उन्होंने शादी कर ली. शुरू में परिवार के लोग इस रिश्ते के खिलाफ थे लेकिन बाद परिवार वाले मान गए और उन्होंने अनुमुला गीता साथ वैवाहिक रिश्ते की शुरुआत की. रेवंत रेड्डी की एक बेटी है जिसका नाम न्यामिषा है.

Revanth Reddy addressing the public during the election rally.
चुनावी सभा के दौरान जनता को संबोधित करते रेवंत रेड्डी

विवादों से भी रहा है नाता

रेवंत रेड्डी मई 2015 में उस समय विवाद में आ गए थे, जब तेलंगाना की अपराध निरोधक शाखा (ABC) ने उनको रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था. उनके विरुद्ध मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को विधान परिषद चुनाव के दौरान टीडीप उम्मीदवार के पक्ष में मतदान से जुड़े एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया था. हालांकि इस मामले में तेलंगाना हाई कोर्ट ने 30 जून को रेवंत रेड्डी को सशर्त जमानत दे दी थी. वहीं पिछले महीने ही हैदराबाद गन पार्क में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में भी उनको गिरफ्तार किया गया था.

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Last Updated : Dec 3, 2023, 1:05 PM IST
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