नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के खिलाफ भारत की पहल की सराहना करते हुए इसे दुनिया में गैर-संचारी रोगों की देखभाल का सबसे बड़ा विस्तार बताया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि इस साल की शुरुआत में भारत ने 2025 तक हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित 7.5 करोड़ लोगों तक इलाज पहुंचाने का लक्ष्य रखा था.
टेड्रोस ने कहा कि अब तक करीब 1.1 करोड़ लोगों का इलाज चल रहा है. 5 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य आईडी कार्ड एनसीडी पोर्टल से जुड़े हुए हैं. 13 करोड़ 20 लाख लोगों की हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या कैंसर के लिए जांच की गई और 15 करोड़ लोगों को 188000 प्रदाताओं के माध्यम से ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सेवा प्रदान की गई.
टेड्रोस ने कहा कि 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने हाई ब्लड प्रेशर के लिए एक उपचार प्रोटोकॉल विकसित किया है, और 17 ने HEARTS के आधार पर डायबिटीज के लिए उपचार प्रोटोकॉल विकसित किया है.
HEARTS WHO द्वारा शुरू किए गए हस्तक्षेपों का एक तकनीकी पैकेज है. गौरतलब है कि इस साल मई में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 2025 तक हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज से पीड़ित 7.5 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग और उन्हें मानक देखभाल पर रखने की महत्वाकांक्षी पहल शुरू की थी.
यह घोषणा G20 सह-ब्रांडेड कार्यक्रम में की गई थी. हाई ब्लड प्रेशर की रोकथाम और प्रबंधन में तेजी लाने के लिए, केंद्र ने राज्यों से सभी एसओपी, विशेषकर स्क्रीनिंग एसओपी का जमीनी स्तर पर सही ढंग से पालन करने का आग्रह किया है क्योंकि स्क्रीनिंग किसी भी बीमारी के सफल प्रबंधन का आधार है.
केंद्र ने इस प्रयास में निजी क्षेत्र की भागीदारी और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मॉडल और विभिन्न बिल्डिंग ब्लॉक बनाने में अकादमिक और अनुसंधान क्षेत्र के योगदान के लिए भी कहा है.
लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, केंद्र ने जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (शहरी सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र) के साथ-साथ स्वास्थ्य और कल्याण उप केंद्र सहित स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की तीन लेयर को सुव्यवस्थित किया है.