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GAC Effect On WhatsApp bans : व्हाट्सएप ने चार महीने में बैन किए 2 करोड़ से ज्यादा अकाउंट, रंग ला रहा सरकार का जीएसी गठन करना

व्हाट्सएप ने 74 लाख खातों पर रोक लगा दी है. ऐसा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत किया गया है.इससे पहले जुलाई महीने में भी 72 लाख अकाउंट बैन किए गए थे. ये सब हो रहा सरकार के शिकायत अपीलीय समिति का गठन करने के बाद से. जानिए क्या है जीएसी और क्यों पड़ी इसकी जरूरत.

WhatsApp bans 74 lakh accounts
74 लाख खातों पर रोक लगाई
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2023, 3:48 PM IST

Updated : Oct 2, 2023, 4:54 PM IST

नई दिल्ली : मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने भारत में अगस्त महीने में 74 लाख खातों को बैन कर दिया है. व्हाट्सएप ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत ये कार्रवाई की है. मेटा की ओर से भारत पर जारी रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है. आंकड़ों पर गौर करें तो चार महीने में दो करोड़ से ज्यादा अकाउंट बैन किए जा चुके हैं. कार्रवाई में ये तेजी सरकार के शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) के गठन के बाद से आई है.

शिकायत मिलने से पहले ही बैन किए 35 लाख अकाउंट : कंपनी की ओर से कहा गया कि 74 लाख में से 35 लाख अकाउंट पर उसने खुद पहल करते हुए बैन लगाया है. उसका कहना है कि इनके संबंध में कोई शिकायत मिलने से पहले ही इन्हें बैन कर दिया गया.

व्हाट्सएप की 'प्रयोगकर्ता सुरक्षा रिपोर्ट' में लोगों की ओर से मिली शिकायतों और उनपर की गई कार्रवाई का ब्योरा दिया गया है. कंपनी ने कहा, 'एक अगस्त से 31 अगस्त के दौरान कुल 7,42,0,748 व्हाट्सएप खातों पर रोक लगाई गई. इनमें से 3,50,6,905 खातों पर रोक प्रयोगकर्ताओं की ओर से कोई शिकायत मिलने से पहले लगाई गई.'

मासिक रिपोर्ट में ये बताया : व्हाट्सएप ने अक्टूबर के लिए अपनी भारत मासिक रिपोर्ट में कहा 'हम दुरुपयोग को रोकने और मुकाबला करने में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं के बीच अगृणी हैं. हमारी सुरक्षा सुविधाओं और नियंत्रणों के अलावा, हम इंजीनियरों, डेटा वैज्ञानिकों, विश्लेषकों, शोधकर्ताओं और कानून प्रवर्तन में विशेषज्ञों की एक टीम को नियुक्त करते हैं.

एकाउंट्स एक्शन्ड' उन रिपोर्टों को दर्शाता है, जिनके आधार पर कंपनी ने सुधारात्मक कार्रवाई की. कार्रवाई करने का मतलब या तो किसी खाते पर प्रतिबंध लगाना है या शिकायत के परिणामस्वरूप पहले से प्रतिबंधित खाते को बहाल करना है.

कंपनी ने रिपोर्ट में कहा, 'इस उपयोगकर्ता-सुरक्षा रिपोर्ट में प्राप्त उपयोगकर्ता शिकायतों और व्हाट्सएप द्वारा की गई कार्रवाई के साथ-साथ हमारे प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग से निपटने के लिए व्हाट्सएप की स्वयं की निवारक कार्रवाइयों का विवरण शामिल है.'

मई से बैन हो चुके 2 करोड़ 18 लाख अकाउंट : इससे पहले जुलाई महीने में भारत में 72 लाख से ज्यादा आपत्तिजनक अकाउंट्स पर बैन लगा दिया था. वहीं जून महीने की बात करें तो भारत में 66 लाख से अधिक बैड अकाउंट्स को ब्लाक किया गया. इसी तरह से मई में भारत में 65 लाख से ज्‍यादा अकाउंट बंद किए गए थे. यानी मई महीने से अगस्त 2023 तक दो करोड़ 18 लाख अकाउंट बंद किए जा चुके हैं.

जीएसी की हुई थी शुरुआत : गैरतलब है कि सरकार ने इस साल की शुरुआत में शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) तंत्र शुरू किया था, जो उपयोगकर्ताओं को एक नए पोर्टल पर अपनी शिकायतें दर्ज करके सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के फैसलों के खिलाफ अपील करने की अनुमति देता है. दरअसल जीएसी (Grievance Appellate Committee), वास्तव में, एक ऑनलाइन विवाद समाधान तंत्र है, और किसी मध्यस्थ, जैसे मेटा या ट्विटर के शिकायत अधिकारी के निर्णय से पीड़ित उपयोगकर्ता नए पोर्टल के माध्यम से अपनी अपील या शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

इसलिए महसूस की गई जीएसी की जरूरत : अब सवाल ये है कि जीएसी की आवश्यकता आखिर क्यों महसूस हुई. तो इसका जवाब है बड़ी संख्या में शिकायतों का समाधान न किए जाने या इंटरनेट मध्यस्थों की ओर से संतोषजनक रिस्पॉन्स न मिलने के कारण शिकायत अपील समितियों (जीएसी) की जरूरत पड़ी.

वाट्सएप और इंटरनेट संबंधी सेवाओं का लाभ उठाने वाले किसी भी व्यक्ति के पास इन सेवाओं से असंतुष्ट होने पर शिकायत करने का विकल्प है. समिति 30 दिनों की अवधि के भीतर उपयोगकर्ता की अपील का समाधान करने का प्रयास करती है. एक मार्च 2023 से ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू हुआ था.

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नई दिल्ली : मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने भारत में अगस्त महीने में 74 लाख खातों को बैन कर दिया है. व्हाट्सएप ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों के तहत ये कार्रवाई की है. मेटा की ओर से भारत पर जारी रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है. आंकड़ों पर गौर करें तो चार महीने में दो करोड़ से ज्यादा अकाउंट बैन किए जा चुके हैं. कार्रवाई में ये तेजी सरकार के शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) के गठन के बाद से आई है.

शिकायत मिलने से पहले ही बैन किए 35 लाख अकाउंट : कंपनी की ओर से कहा गया कि 74 लाख में से 35 लाख अकाउंट पर उसने खुद पहल करते हुए बैन लगाया है. उसका कहना है कि इनके संबंध में कोई शिकायत मिलने से पहले ही इन्हें बैन कर दिया गया.

व्हाट्सएप की 'प्रयोगकर्ता सुरक्षा रिपोर्ट' में लोगों की ओर से मिली शिकायतों और उनपर की गई कार्रवाई का ब्योरा दिया गया है. कंपनी ने कहा, 'एक अगस्त से 31 अगस्त के दौरान कुल 7,42,0,748 व्हाट्सएप खातों पर रोक लगाई गई. इनमें से 3,50,6,905 खातों पर रोक प्रयोगकर्ताओं की ओर से कोई शिकायत मिलने से पहले लगाई गई.'

मासिक रिपोर्ट में ये बताया : व्हाट्सएप ने अक्टूबर के लिए अपनी भारत मासिक रिपोर्ट में कहा 'हम दुरुपयोग को रोकने और मुकाबला करने में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं के बीच अगृणी हैं. हमारी सुरक्षा सुविधाओं और नियंत्रणों के अलावा, हम इंजीनियरों, डेटा वैज्ञानिकों, विश्लेषकों, शोधकर्ताओं और कानून प्रवर्तन में विशेषज्ञों की एक टीम को नियुक्त करते हैं.

एकाउंट्स एक्शन्ड' उन रिपोर्टों को दर्शाता है, जिनके आधार पर कंपनी ने सुधारात्मक कार्रवाई की. कार्रवाई करने का मतलब या तो किसी खाते पर प्रतिबंध लगाना है या शिकायत के परिणामस्वरूप पहले से प्रतिबंधित खाते को बहाल करना है.

कंपनी ने रिपोर्ट में कहा, 'इस उपयोगकर्ता-सुरक्षा रिपोर्ट में प्राप्त उपयोगकर्ता शिकायतों और व्हाट्सएप द्वारा की गई कार्रवाई के साथ-साथ हमारे प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग से निपटने के लिए व्हाट्सएप की स्वयं की निवारक कार्रवाइयों का विवरण शामिल है.'

मई से बैन हो चुके 2 करोड़ 18 लाख अकाउंट : इससे पहले जुलाई महीने में भारत में 72 लाख से ज्यादा आपत्तिजनक अकाउंट्स पर बैन लगा दिया था. वहीं जून महीने की बात करें तो भारत में 66 लाख से अधिक बैड अकाउंट्स को ब्लाक किया गया. इसी तरह से मई में भारत में 65 लाख से ज्‍यादा अकाउंट बंद किए गए थे. यानी मई महीने से अगस्त 2023 तक दो करोड़ 18 लाख अकाउंट बंद किए जा चुके हैं.

जीएसी की हुई थी शुरुआत : गैरतलब है कि सरकार ने इस साल की शुरुआत में शिकायत अपीलीय समिति (जीएसी) तंत्र शुरू किया था, जो उपयोगकर्ताओं को एक नए पोर्टल पर अपनी शिकायतें दर्ज करके सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के फैसलों के खिलाफ अपील करने की अनुमति देता है. दरअसल जीएसी (Grievance Appellate Committee), वास्तव में, एक ऑनलाइन विवाद समाधान तंत्र है, और किसी मध्यस्थ, जैसे मेटा या ट्विटर के शिकायत अधिकारी के निर्णय से पीड़ित उपयोगकर्ता नए पोर्टल के माध्यम से अपनी अपील या शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

इसलिए महसूस की गई जीएसी की जरूरत : अब सवाल ये है कि जीएसी की आवश्यकता आखिर क्यों महसूस हुई. तो इसका जवाब है बड़ी संख्या में शिकायतों का समाधान न किए जाने या इंटरनेट मध्यस्थों की ओर से संतोषजनक रिस्पॉन्स न मिलने के कारण शिकायत अपील समितियों (जीएसी) की जरूरत पड़ी.

वाट्सएप और इंटरनेट संबंधी सेवाओं का लाभ उठाने वाले किसी भी व्यक्ति के पास इन सेवाओं से असंतुष्ट होने पर शिकायत करने का विकल्प है. समिति 30 दिनों की अवधि के भीतर उपयोगकर्ता की अपील का समाधान करने का प्रयास करती है. एक मार्च 2023 से ये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शुरू हुआ था.

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Last Updated : Oct 2, 2023, 4:54 PM IST
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