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विधानसभा सदन में क्या दी जाएगी माफिया अतीक और अशरफ को श्रद्धांजलि?

माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ दोनों विधानसभा सदस्य रह चुके हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश विधानसभा में जब सदन की कार्यवाही शुरू होगी तो इन दोनों को श्रद्धांजलि दी जाएगी या नहीं? इस बारे में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से जानिए...

अतीक अशरफ हत्या
अतीक अशरफ हत्या
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Published : Apr 19, 2023, 5:01 PM IST

Updated : Apr 19, 2023, 5:48 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में जब सदन की कार्यवाही शुरू होती है तो दिवंगत विधानसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि देने को लेकर शोक प्रस्ताव पढ़ा जाता है. कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष, नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री सहित अन्य नेताओं की तरफ से शोक प्रस्ताव पर अपने विचार करते हुए दिवंगत विधानसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि दिए जाने की परंपरा रही है. पूर्व विधानसभा सदस्य के निधन की सूचना पर भी शोक प्रस्ताव सदन की कार्यवाही के दौरान पढ़ा जाता है. ऐसे में अब यह चर्चा हो रही है कि आखिर अगले विधानसभा सत्र की सदन की कार्यवाही के दौरान क्या माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ को श्रद्धांजलि दी जाएगी या नहीं. 15 अप्रैल की शाम प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते समय दोनों माफियाओं की हत्या कर दी गई थी. माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ दोनों विधानसभा के पूर्व सदस्य रहे हैं. अतीक पांच बार और उसका भाई अशरफ एक बार विधानसभा सदस्य रहा है.

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उत्तर प्रदेश विधानसभा.

शोक प्रस्ताव पढ़ने की परंपरा है नियम नहींः इस विषय पर ईटीवी भारत ने विधानसभा सदन की कार्यवाही के दौरान दिवंगत विधानसभा सदस्य या पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बारे में जानकारी करने की कोशिश की. उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित कहते हैं कि सदन की कार्यवाही के दौरान दिवंगत हुए पूर्व सदस्य या वर्तमान सदस्य के भी दिवंगत होने पर शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देने की परंपरा रही है. माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ अहमद कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिए हैं. ऐसे में क्या इन दोनों पूर्व विधानसभा सदस्यों के रूप में विधानसभा सदन की कार्यवाही के दौरान श्रद्धांजलि दिए जाने की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा या नहीं इस पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित कहते हैं कि यह कोई नियम नहीं है यह एक परंपरा रही है. अब जब सदन की कार्यवाही शुरू होगी तो इसके बारे में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को फैसला करना है. तात्कालिक रूप से आने वाले विषयों के बारे में सदन की कार्यवाही से पहले एजेंडे पर चर्चा होती है और उसी दौरान सर्वदलीय बैठक आदि में इस तरह के विषयों पर चर्चा कर के फैसले किए जाते हैं.

विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष लेंगे फैसलाः ईटीवी भारत में इस विषय में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से भी बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया. वहीं, विधानसभा सचिवालय से जुड़े अधिकारियों को कहना है जब आगामी विधानसभा सत्र के दौरान तात्कालिक रूप से इस विषय पर कोई फैसला किया जाएगा. अभी इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा. सूत्रों के मुताबिक सदन की कार्यवाही के दौरान सिर्फ निधन की सूचना दी जाएगी कि इन पूर्व विधायकों को निधन हो गया है. इसके अलावा श्रद्धांजलि जैसी बात या उनके बारे में बोला नहीं जाएगा. जैसे अन्य सदस्यों के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए श्रद्धांजलि देने की परंपरा रही है.

इसे भी पढ़ें-माफिया अतीक अहमद और बिल्डर का चैट वायरल, पैसों को लेकर किया था वाट्सएप मैसेज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में जब सदन की कार्यवाही शुरू होती है तो दिवंगत विधानसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि देने को लेकर शोक प्रस्ताव पढ़ा जाता है. कार्यवाही के दौरान विधानसभा अध्यक्ष, नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री सहित अन्य नेताओं की तरफ से शोक प्रस्ताव पर अपने विचार करते हुए दिवंगत विधानसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि दिए जाने की परंपरा रही है. पूर्व विधानसभा सदस्य के निधन की सूचना पर भी शोक प्रस्ताव सदन की कार्यवाही के दौरान पढ़ा जाता है. ऐसे में अब यह चर्चा हो रही है कि आखिर अगले विधानसभा सत्र की सदन की कार्यवाही के दौरान क्या माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ को श्रद्धांजलि दी जाएगी या नहीं. 15 अप्रैल की शाम प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते समय दोनों माफियाओं की हत्या कर दी गई थी. माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ दोनों विधानसभा के पूर्व सदस्य रहे हैं. अतीक पांच बार और उसका भाई अशरफ एक बार विधानसभा सदस्य रहा है.

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उत्तर प्रदेश विधानसभा.

शोक प्रस्ताव पढ़ने की परंपरा है नियम नहींः इस विषय पर ईटीवी भारत ने विधानसभा सदन की कार्यवाही के दौरान दिवंगत विधानसभा सदस्य या पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बारे में जानकारी करने की कोशिश की. उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित कहते हैं कि सदन की कार्यवाही के दौरान दिवंगत हुए पूर्व सदस्य या वर्तमान सदस्य के भी दिवंगत होने पर शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देने की परंपरा रही है. माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ अहमद कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिए हैं. ऐसे में क्या इन दोनों पूर्व विधानसभा सदस्यों के रूप में विधानसभा सदन की कार्यवाही के दौरान श्रद्धांजलि दिए जाने की परंपरा का निर्वहन किया जाएगा या नहीं इस पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित कहते हैं कि यह कोई नियम नहीं है यह एक परंपरा रही है. अब जब सदन की कार्यवाही शुरू होगी तो इसके बारे में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को फैसला करना है. तात्कालिक रूप से आने वाले विषयों के बारे में सदन की कार्यवाही से पहले एजेंडे पर चर्चा होती है और उसी दौरान सर्वदलीय बैठक आदि में इस तरह के विषयों पर चर्चा कर के फैसले किए जाते हैं.

विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष लेंगे फैसलाः ईटीवी भारत में इस विषय में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से भी बात करने की कोशिश की तो उन्होंने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया. वहीं, विधानसभा सचिवालय से जुड़े अधिकारियों को कहना है जब आगामी विधानसभा सत्र के दौरान तात्कालिक रूप से इस विषय पर कोई फैसला किया जाएगा. अभी इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं होगा. सूत्रों के मुताबिक सदन की कार्यवाही के दौरान सिर्फ निधन की सूचना दी जाएगी कि इन पूर्व विधायकों को निधन हो गया है. इसके अलावा श्रद्धांजलि जैसी बात या उनके बारे में बोला नहीं जाएगा. जैसे अन्य सदस्यों के निधन पर शोक प्रस्ताव पढ़ते हुए श्रद्धांजलि देने की परंपरा रही है.

इसे भी पढ़ें-माफिया अतीक अहमद और बिल्डर का चैट वायरल, पैसों को लेकर किया था वाट्सएप मैसेज

Last Updated : Apr 19, 2023, 5:48 PM IST
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