वाराणसी: सीएम योगी आदित्यनाथ को ज्ञानवापी मामले में पक्षकार बनाने को लेकर विश्व वैदिक सनातन संघ की तरफ से घोषणा किए जाने के बाद पहली बार विश्व वैदिक सनातन संघ के किसी पदाधिकारी ने कैमरे पर बयान जारी किया है.
विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा है कि सीएम योगी को इस मामले में पावर ऑफ अटॉर्नी देने का मकसद सिर्फ और सिर्फ पूरे विश्व में हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरे के रूप में उनकी पहचान है. विश्व वैदिक सनातन संघ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा है कि हमारे अधिवक्ताओं और वादियों को संतोषजनक तरीके से पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई है. ज्ञानवापी परिसर में हुई कमीशन की कार्रवाई के वीडियो और फोटो लीक हुई. इसकी सीबीआई जांच की मांग की गई, लेकिन उस पर आज तक सुनवाई नहीं हुई.
विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक साजिश के तहत जेल भेजने का काम किया गया ताकि, वह डर जाएं और ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमे छोड़ दें. संतोष सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हिंदुस्तान के बड़े चेहरे हैं. वह हिंदुत्व के लिए ही जीते हैं, हिंदुत्व के लिए ही काम करते हैं. जब वह इस केस से जुड़ेंगे तो साजिश रचने वाले भाग खड़े होंगे.
यदि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पॉवर ऑफ अटॉर्नी नहीं स्वीकार करेंगे तब क्या होगा. इस सवाल पर संतोष सिंह ने कहा कि वह पॉवर ऑफ अटॉर्नी नहीं स्वीकार करेंगे तो ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. विश्व वैदिक सनातन संघ अब भी अपने दम पर सभी मुकदमे लड़ रहा है और आगे भी लड़ता रहेगा. शेष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञानवापी से जुड़े मुकदमों की पॉवर ऑफ अटॉर्नी क्यों सौंपना चाह रहे हैं, यह प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से विस्तार से हमारे प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन जल्द ही बताएंगे.
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