हैदराबाद : कोरोना महामारी से लड़ने में दवाओं के साथ विभिन्न उपकरणों का सहारा लिया जा रहा है. इसी में कोविड-19 के उपचार के दौरान इवरमेक्टिन का भी इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड के उपचार के लिए इवरमेक्टिन के सामान्य रूप से उपयोग नहीं करने की सिफारिश की है. वहीं डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन का भी कहना है कि किसी भी दवा का उपयोग करते समय सुरक्षा और उसकी प्रभावकारिता अहम होती है.
हालांकि, भारत के कुछ राज्यों में अभी भी कोविड के खिलाफ लड़ने के लिए इवरमेक्टिन की मंजूरी दी गई है. लेकिन इन दवाओं का उपयोग करने से पहले आपको यह जानना होगा कि यह क्या है.
इवरमेक्टिन क्या है?
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा इवरमेक्टिन एक अनुमोदित एंटीपैरासिटिक दवा है. इसका उपयोग कई रोगों के इलाज के लिए किया जाता है, जिसमें ओंकोसेरसियासिस, हेल्मिन्थियसिस और खुजली शामिल हैं. इसके अलावा मच्छरों के काटने से होने वाले मलेरिया को रोकने में भी मदद मिलती है.
साथ ही इवरमेक्टिन का व्यापक रूप से उपयोग किए जाने तथा इस दवा की अधिक खुराक लेना भी नुकसानदायक हो सकता है. हालांकि, वायरल संक्रमण के इलाज के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है.
उपयोग
इस दवा का उपयोग कुछ परजीवी राउंडवॉर्म संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है. इसमें परजीवी संक्रमण के इलाज से जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद मिलती है.
इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में राउंडवॉर्म संक्रमण का इलाज करने से गंभीर या जानलेवा होने वाले संक्रमण को कम किया जा सकता है. इवरमेक्टिन दवा का एंटीहेलमिंटिक्स नामक दवाओं के एक वर्ग से संबंध होने से यह परजीवियों को कमजोर करने और उन्हें मारने का काम करता है.
हालांकि, हार्टवॉर्म रोग को रोकने के लिए जानवरों में इवरमेक्टिन का कुछ रूपों का उपयोग किया जाता है. लेकिन इसमें यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये उत्पाद लोगों के लिए अलग हैं, और केवल जानवरों के लिए निर्धारित होने पर सुरक्षित है.
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कोविड के उपयोग के लिए इवरमेक्टिन को मंजूरी नहीं दी
खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कोविड-19 रोगियों के इलाज या कोविड को रोकने के लिए इवरमेक्टिन के उपयोग के बारे में आंकड़े की समीक्षा नहीं की गई है, हालांकि, अभी इस पर कुछ प्रारंभिक शोध चल रहे हैं.
इतना ही नहीं खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने अप्रैल 2020 में एक चेतावनी जारी की थी कि जानवरों में उपयोग किए जाने वाले इवरमेक्टिन का उपयोग मनुष्यों में कोविड-19 के इलाज के लिए नहीं किया जाना चाहिए. ऐसे में दवा का लेना खतरनाक हो सकता है.
इवरमेक्टिन का साइड इफेक्ट
सिरदर्द, चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, जी मिचलाना व दस्त लगना शामिल है.
भारत के वह राज्य जहां पर इवरमेक्टिन मुहैया कराई जाती है
गोवा
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने 10 मई 2021 को कहा कि तटीय राज्य के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर इवरमेक्टिन दवा उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि सभी निवासियों को, भले ही उनमें कोविड-19 के लक्षण हों या नहीं, उन्हें इसे लेना चाहिए.
इसके अलावा कोरोना रोगियों को पांच दिनों की अवधि के लिए इवरमेक्टिन 12 मिलीग्राम दी जाएगी क्योंकि ब्रिटेन, इटली, स्पेन और जापान के विशेषज्ञ पैनल ने पाया कि इस दवा के प्रयोग से कोविड-19 रोगियों में मृत्यु दर, ठीक होने में समय और वायरल में कमी पाई गई.
उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को क्लीनिकल टेक्निकल कमेटी की अनुशंसा के आधार पर इवरमेक्टिन दवा किट तैयार कर संक्रमण से बचाव की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. सरकार का कहना है कि 15 साल से ऊपर के लोगों को यह दवा तीन दिन तक दी जा सकती है.
तमिलनाडु
तमिलनाडु सरकार द्वारा जारी एक कोविड-19 केस मैनेजमेंट प्रोटोकॉल के अंर्तगत कोविड के हल्के, मध्यम और गंभीर तीनों हो रूपों वाले मरीजों को तीन दिनों के लिए इवरमेक्टिन की 12 मिलीग्राम दवा निर्धारित की गई है. हालांकि, विशेषज्ञों ने कहा है कि प्रोटोकॉल के मुताबिक एक एंटीबायोटिक (एज़िथ्रोमाइसिन) की भी सिफारिश करता है, जिसका उपयोग का औचित्य नहीं रह जाता है.
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि वह पहला राज्य था जिसने बड़े पैमाने पर रोगनिरोधी और चिकित्सीय में इवरमेक्टिन के उपयोग का शुरुआत की. इससे राज्य को अन्य राज्यों की तुलना में कम मृत्यु दर और सकारात्मकता की दर बनाए रखने में मदद मिली.
ओडिशा
ओडिशा के स्वास्थ्य विभाग ने इवरमेक्टिन के उपयोग की सिफारिश होम आइसोलेशन रोगियों के लिए की है. सरकार ने ओडिशा स्टेट मेडिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (OSMCL) से इसके लिए 7.2 लाख टैबलेट खरीदने को कहा है.