नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और ओडिशा के मुख्यमंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए. सरकार के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि गृह मंत्रालय की ओर से बुलाई गई बैठक में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकासात्मक गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी. सूत्रों ने कहा कि बैठक में पिछले कुछ वर्षों में नक्सलवाद को खत्म करने में समग्र सफलता की भी समीक्षा की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक, विभिन्न राज्य सरकार के प्रतिनिधी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी सफलता पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी. बैठक में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को अगले स्तर तक ले जाने की रणनीति पर चर्चा होनी है. गृह मंत्री शाह ने एक ट्वीट में कहा कि नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप है, केंद्र इसे इसके सभी रूपों में जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. बैठक में आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं. अन्य राज्यों का प्रतिनिधित्व उनके अधिकारी करेंगे.
बैठक में मुख्यमंत्रियों के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल राज्यों के गृह मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल होंगे. बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारी और केंद्र और राज्य सरकारों के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. बैठक में सभी नक्सल प्रभावित राज्यों के डीजीपी भी शामिल होंगे.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा है कि 2024 तक देश से नक्सलवाद का सफाया हो जाएगा. उन्होंने कहा है कि केंद्र देश से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए काम कर रहा है. शाह ने कहा कि हम अब नक्सल प्रभावित इलाकों को खतरे से मुक्त कराने की कगार पर हैं.