कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच खींचतान के कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है. नई दिल्ली से लौटने के तुरंत बाद, बोस ने गुरुवार को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर बिना रोक-टोक हमला किया. पांच मिनट के वीडियो में, राज्यपाल ने राज्य सरकार पर उन सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को डराने का आरोप लगाया, जिन्हें उनके द्वारा नियुक्त किया गया है.
बोस ने कहा कि राज्य सरकार मेरे द्वारा चुने गए सभी कुलपतियों को धमकाने और डराने के लिए हर तरह की दबाव रणनीति अपना रही है. यह काफी गंभीर मुद्दा है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है. अब तक पांच कुलपतियों ने इस्तीफा दे दिया है. ऐसी स्थिति जहां शिक्षाविदों और शीर्ष पदों पर बैठे लोगों को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है, किसी व्यवस्था के लिए अच्छी बात नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं कुछ अच्छा काम करने की उम्मीद से पश्चिम बंगाल आया हूं. मेरा मानना है कि नई पीढ़ी सबसे बड़े संसाधनों में से एक है. कई मेधावी छात्र, जो उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने की उम्मीद रखते हैं, इस तथ्य के कारण निराश हैं कि उन्हें संस्थानों में अनुकूल माहौल नहीं दिया जाता है. इन सभी विश्वविद्यालयों को हिंसा और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की आवश्यकता है.
उन्होंने आगे कहा कि उन महत्वाकांक्षी छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की आवश्यकता है, जो सक्षम शिक्षकों के अधीन तैयार होना चाहते हैं. राज्य शिक्षा विभाग पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग नियमों का घोर उल्लंघन कर कुलपतियों की भर्ती कर रहा है. बोस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उन लोगों को भर्ती करने पर जोर दे रही है, जो या तो वित्तीय या नैतिक भ्रष्टाचार में शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि यह कोई आदर्श स्थिति नहीं है. राज्य सरकार की पसंद के घोटालेबाज व्यक्तियों को शिक्षा के उच्चतम पायदान पर अपनी जगह नहीं बनानी चाहिए. अब आप ही बताएं कि एक संरक्षक के रूप में मैं उन लोगों को कुलपति कैसे नियुक्त कर सकता हूं? बोस के अनुसार, इस्तीफा देने के लिए मजबूर किए गए पांच कुलपतियों ने राज्य सरकार के खिलाफ उनसे शिकायत की और कहा कि सरकार के इशारे पर गुंडों ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है.
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए अंत तक लड़ने की कसम खाई. उन्होंने कहा कि मैं नेता जी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानन्द के नाम पर शपथ ले रहा हूं कि बुराई को खत्म करने के लिए अंत तक लड़ूंगा. मुझे विश्वास है कि बंगाल के 10 करोड़ भाई-बहन मेरे साथ हैं.