सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल): तवांग में भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी तनाव से रक्षा मंत्रालय सतर्क है. पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बागडोगरा एयरफोर्स बेस को सीमा सुरक्षा चाक-चौबंद करने के लिए खुद को तैयार रखने को कहा गया है. इसे लेक हाई अलर्ट भी जारी किया गया है. पता चला है कि भारतीय सेना को भी स्टैंडबाय मोड में रहने के लिए कहा गया है.
पूर्वी भारत में सभी पूर्वी वायु कमान प्रणालियों को रक्षा मंत्रालय द्वारा सतर्क कर दिया गया है. सिलीगुड़ी के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को विशेष रूप से अलर्ट किया गया है. साथ ही भारत-चीन सीमा पर विशेष चौकसी बढ़ाने को कहा गया है. इस बात पर भी नजर रखी जा रही है कि चीन की ओर से सीमा पर ड्रोन या किसी अन्य तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है या नहीं. एल-70 (L-70) एयर डिफेंस गन को भारत-चीन सीमा पर तैनात किया गया है.
यह तोप दुश्मन के युद्धक विमानों और ड्रोन पर फायर करने में सक्षम है. हासीमारा एयरफोर्स बेस पर भी अलर्ट जारी किया गया है. सभी फाइटर जेट्स को स्टैंडबाय पर रहने को कहा गया है. हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सेना के अधिकारी भारत-चीन सीमा पर की गई व्यवस्था को लेकर चुप्पी साधे हुए थे. संयोग से, भारतीय वायु सेना के उत्तर बंगाल में दो हवाई अड्डे हैं. एक बागडोगरा और दूसरा हासीमारा. दोनों एयरफोर्स बेस भारत-चीन सीमा से कुछ ही दूरी पर हैं.
इसके अलावा, बागडोगरा हवाई अड्डे का प्रबंधन हवाई अड्डा प्राधिकरण द्वारा किया जाता है, लेकिन वायु सेना द्वारा इसका रखरखाव किया जाता है. इस बीच केंद्र सरकार ने भारत-चीन सीमा पर बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेवक-रंगपो रेल परियोजना पर भी जोर दिया है.
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भारतीय सेना के सिलीगुड़ी में एक सैन्य अधिकारी मेजर अंजन कुमार बसुमतारी ने कहा, 'इस मामले पर दिल्ली और मुख्यालय से नजर रखी जा रही है. निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी. हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं. सेना ने भारत-चीन सीमा पर पहले से ही कड़ी सुरक्षा और चौकसी बनाए रखी है. साथ ही हम वायुसेना के साथ तालमेल बिठाकर बहुत जल्द एक ड्रिल का आयोजन करेंगे.