नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) में सात रिक्तियों को भरने के लिए उपचुनाव (By-Election) कराने का आग्रह किया है. उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से विधानसभा चुनाव हार गई थी. उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए पांच नवंबर तक विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना होगा. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस जल्द उपचुनाव के पक्ष में है.
गुरुवार को टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा से मुलाकात की. पश्चिम बंगाल में उपचुनाव कराने के मामले में आयोग को एक पत्र सौंपा गया है. प्रतिनिधिमंडल में टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय (TMC MP Sudip Bandyopadhyay), सौगत रॉय (Saugata Roy), डेरेक ओ ब्रायन (Derek O'Brien), कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee), सुखेंदु शेखर रे (Sukhendu Sekhar Ray) और डॉ काकोली घोष दस्तीदार (Dr Kakoli Ghosh Dastidar) शामिल थे.
आयोग के बाहर टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा कि हमने अपील की है कि पश्चिम बंगाल में उपचुनाव (West Bengal By-Election) छह महीने के भीतर कराएं. उन्होंने हमारी बात सुनी और हमें उम्मीद है कि हमारी चर्चा सफल होगी.'
सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जब पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव आयोजित किये जा रहे थे तब राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले 6000 से 17000 के बीच पहुंच गए थे. संक्रमण के लगातार बढ़ते दर और तृणमूल के आग्रह के बावजूद दो चरणों को एक साथ जोड़ कर चुनाव नहीं कराए गए.
बंदोपाध्याय ने कहा कि आज कोरोना संक्रमण की स्थिति राज्य में 17 गुना तक कम हो गई है. तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि यह चुनाव आयोजित करने के लिये आदर्श समय है और चुनाव आयोग द्वारा तय किए कोरोना संबंधी तमाम दिशानिर्देशों के साथ चुनाव हो सकते हैं. तृणमूल सांसदों ने यह भी कहा कि वह एक सप्ताह के समय सीमा के अंदर भी यदि चुनाव आयोजित हो तो वह इसके लिए तैयार हैं.
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दरअसल सात में से दो विधानसभा सीटें, समसेरगंज और मुर्शिदाबाद विधानसभा सीटों पर दो उम्मीदवारों की मृत्यु होने के कारण वहां चुनाव स्थगित हो गए थे. बाकी की पांच सीटें, भवानीपुर, संतीपुर, दिनहाटा, खरदाहा और गोसाबा विधानसभा सीट, चुनाव नतीजों के बाद खाली हुई हैं. इनमें से एक सीट पर सफल उम्मीदवार की मृत्यु हो गई है, जबकि अलग अलग कारणों से चार विजयी उम्मीदवारों ने इस्तीफा दे दिया था. नियमानुसार किसी भी सीट के खाली होने की परिस्थिति में चुनाव आयोग को छह महीने के भीतर चुनाव आयोजित कराने होते हैं. गत दो मई को चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद अब दो महीने बीत चुके हैं.
दिलचस्प है कि चुनाव परिणाम के बाद भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस विधायक शोभनदेब चटोपाध्याय ने सीट खाली कर दी थी ताकि ममता वहां से चुनाव लड़ सकें. ममता भवानीपुर सीट पर 2011 से दो बार जीत चुकी हैं.