किशनगंज: बिहार के सीमांचल जिलों के कई स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी पर बखेरा खड़ा हो (weekly holiday on friday in many schools) गया है. अभी किशनगंज के 37 स्कूलों में छुट्टी की बात चल ही रही थी कि कटिहार के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि हमारे जिले में करीब 100 ऐसे विद्यालय है, जिसमें रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश रहता है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि मुस्लिम बहुल आबादी वाले सरकारी स्कूलों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी रहती है. जबकि उसी जिले में गैर मुस्लिम आबादी वाले स्कूलों में रविवार को छुट्टी रहती है. इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. वहीं शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) ने डीईओ से रिपोर्ट तलब किया है.
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जुमे को स्कूल की छुट्टी?: ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार में स्कूल मदरसे के रास्ते पर चल रहे हैं? जिस प्रकार से मदरसों में शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी होती है, उसी प्रकार से मुस्लिम आबादी वाले स्कूलों में भी शुक्रवार के दिन साप्ताहिक छुट्टी की परंपरा कई सालों से चल रही है, जिसके कारण सरकार के सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वैसे यहां यह परंपरा दशकों से चली आ रही है.
जमुई में लाइन उर्दू मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक मो. वसीम का तर्क है कि यह पहले से हो रहा है. ऐसा अभी नहीं हुआ है. यह सालों से चल रहा है. हमारा स्कूल शुक्रवार को बंद होता है. इससे लाभ मिला है कि हमारा ऑफिशियल पेंडिंग वर्क पूरा हो जाता है. रविवार को हम लोगों का कार्यालय बंद रहने से निजी काम नहीं हो पाता था. हमको कोई आपत्ति नहीं है. विभाग कहेगा शुक्रवार नहीं रविवार तो ठीक. विभाग जो आदेश दे. हम लोग विभाग के अधीन हैं.
''शिक्षा पदाधिकारी बताएं किसके आदेश पर शुक्रवार को स्कूल बंद रहता है. यह कोई इस्लामिक कंट्री नहीं है जो शुक्रवार को बंद होगा. हिंदुस्तान में एक ही नियम चलेगा.''- सिकंदर सिंह, पूर्व विधायक भाजपा
''मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के कारण स्कूल स्थानीय समिति का दबाव के कारण ऐसा हो रहा है. शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारी को संज्ञान में आया है. हमलोगों को पहले से जानकारी थी. हिन्दू शिक्षक व शिक्षिका वहां जाते हैं तो स्थानीय प्रबंधन समिति के दबाव में काम करते हैं. सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को बंदी हो रही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण विषय है. तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और जो नियमानुकूल बनता है उसपर चलना चाहिए. बिहार सरकार का शैक्षणिक कलेंडर का पालन होना चाहिए. शिक्षक के मौलिक अधिकारों का हनन है.'' - सुशांत दास, भाजपा जिलाध्यक्ष
''हिजाब मामले में हाल ही के दिन में सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि शिक्षा का कोई धर्म नहीं होता. किस आधार पर किशनगंज में धर्म विशेष के लिए शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही है. इसको बंद किया जाना चाहिए, नहीं तो हम लोगों का भी सावन का महीना चल रहा है सोमवार को छुट्टी दी जाए और मंगलवार को हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए छुट्टी दी जाए.''- गणेश झा, पूर्व जिला संयोजक, बजरंग दल
''भाजपा गंदी राजनीति कर रही हैं. किशनगंज गंगा जमुनी की तहजीब है. हमारा देश अनेकता में एकता का देश है. देश में संस्कृति को माना जाता है, पढ़ाई होती है. जहां पढ़ने वाले बच्चे पढ़ते हैं. शुक्रवार को बंदी से पढ़ने वालों को दिक्कत नहीं है. पढ़ाने वालों को दिक्कत नहीं. सभी खुशी खुशी रविवार को आ रहे हैं. भाजपा की राजनीति पहले हिजाब, मंदिर, मस्जिद पर थी अब दिन पर हो रही है.''- इशहाक आलम, एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष
''हमारे यहां कुल 37 ऐसे स्कूल हैं जो शुक्रवार को बंद रहते हैं. यह परंपरागत तरीके से चल रहा है. बहुत लंबे समय से चल रहा है. किशनगंज कभी पूर्णिया जिला का अंग हुआ करता था. पूर्णिया डीईओ से संपर्क करने का प्रयास किया कि उस समय कोई पत्राचार हुआ हो तब बता पाएंगे. अभी कोई जानकारी नहीं है.''- सुभाष गुप्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी , किशनगंज
DEO से शिक्षा मंत्री ने मांगी रिपोर्ट: पूरे मामले पर शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister On Friday Holiday In Schools) ने कहा कि हाल में ही कुछ जगह से इस तरह की सूचना आई है. जहां जहां से सूचना आई है हमने वहां डीईओ (जिला शिक्षा पदाधिकारी) से प्रतिवेदन मांगा है. स्कूलों में क्या स्थिति है? कब छुट्टी रहती है और किसके आदेश से छुट्टी शुक्रवार (जुमे के दिन) को दी गई है?
"प्रतिवेदन आने के बाद उस हिसाब से लेकिन जो नियम संगत होगा, वैधानिक होगा वही किया जाएगा. हम मुख्यालय में चर्चा करेंगे कि किस स्थिति में क्या हो रहा है. अगर शुक्रवार को स्कूल बंद है तो रविवार को स्कूल चलता है कि नहीं या कोई गफलत का फायदा उठाकर दोनों दिन स्कूल बंद कर दे रहा है. किस दिन क्या हो रहा है सब रिपोर्ट आने के बाद नियम कायदे के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी."- विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री, बिहार