श्रीनगर : पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद गुपकार गठबंधन के नेताओं ने शनिवार को श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस कॉन्फ्रेंस में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला व उनके बेटे उमर अब्दुल्ला पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में 'अविश्वास का स्तर' बरकरार है और इसे खत्म करना केंद्र की जिम्मेदारी है. वहीं, फारुक के पुत्र और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विधानसभा चुनाव कराने के पहले जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की.
'पीएम से मुलाकात बहुत अच्छी रही'
इस मौके पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, पीएम से मुलाकात बहुत अच्छी रही. सभी पार्टियों ने अपनी बात उनके सामने रखा. उनकी तरफ से ये पहला कदम था कि किसी भी तरीके से जम्मू-कश्मीर के हालात बेहतर बनाए जाएं और एक सियासी दौर शुरू किया जाए. जब तक मैं अपनी जमात से बात नहीं कर लेता कुछ कह नहीं सकता.
पत्रकारों से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने पीएम से मुलाकात के दौरान अविश्वास को मिटाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करेगी.
आजादी नहीं स्वायत्तता मांगी है
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से जनमत संग्रह का वादा किया था, लेकिन वह पलट गए. फारूक ने यह भी कहा कि 1996 के चुनाव से पहले तत्कालीन प्रधान मंत्री पी वी नरसिंह राव ने सदन के पटल से स्वायत्तता का वादा किया था. फारुक ने पूछा, "चुनाव से पहले नरसिंह राव जी ने हमें स्वायत्तता का वादा किया और कहा कि आकाश अनंत है, लेकिन स्वतंत्रता नहीं. हमने कहा कि हमने कभी आजादी नहीं मांगी, हमने स्वायत्तता मांगी है. उन्होंने हमसे सदन में वादा किया था। कहां गया वह वादा?" फारुक ने कहा, "अविश्वास का स्तर है...हमें इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि वे (केंद्र) क्या करते हैं... क्या वे अविश्वास को दूर करेंगे या इसे जारी रहने देंगे."
5 अगस्त कबूल नहीं
वहीं, उमर अब्दुल्ला ने कहा, वहां किसी ने प्रधानमंत्री से नहीं कहा कि हम 5 अगस्त कबूल करते हैं. हमने कहा कि हम इससे नाराज हैं. PM से महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला ने साफ कहा कि भाजपा को 370 हटाने का एजेंडा कामयाब कराने में 70 साल लगे. हमें 70 महीने लगेंगे तो भी हम अपने मिशन से पीछे नहीं हटेंगे.
इसी के साथ Alliance for Gupkar Alliance (PAGD) के भविष्य पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नेता पीएजीडी के घटक के रूप में नहीं, बल्कि अपनी व्यक्तिगत क्षमता में पीएम से मिलने गए थे.
पढ़ें : जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ PM मोदी की बैठक को पाक ने बताया 'नाटक'
पहले राज्य का दर्जा, फिर चुनाव
उन्होंने कहा, गुलाम नबी आजाद ने हम सबकी तरफ से वहां बात की और कहा कि हम ये टाइमलाइन नहीं मानते हैं. डिलिमिटेशन, चुनाव और राज्य का दर्जा नहीं. पहले डिलिमिटेशन फिर राज्य का दर्जा फिर चुनाव. चुनाव कराना ही है तो पहले राज्य का दर्जा लौटा दीजिए. उसके बाद हम चुनाव पर बात करेंगे.