चमोली: जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद शासन-प्रशासन लगातार हालातों पर नजर बनाए हुए है. आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने जोशीमठ के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया जोशीमठ में पानी का डिस्चार्ज घटकर 136 एलपीएम हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया अभी तक जोशीमठ के 863 भवनों में दरारें मिली हैं. गांधीनगर में 1, सिंहधार में 2, मनोहरबाग में 5, सुनील वॉर्ड में 7 क्षेत्र असुरक्षित घोषित किए गए हैं. 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. 274 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये हैं. विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 921 है.
शनिवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव और भूस्खलन के बाद आपदा सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव तथा स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की जानकारी दी. उन्होंने बताया जोशीमठ में अग्रिम राहत के तौर पर 3.62 करोड़ रूपये की धनराशि 242 प्रभावित परिवारों को वितरित की गई है.
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सचिव आपदा प्रबन्धन ने बताया जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो 06 जनवरी को 540 एलपीएम था, वर्तमान में घटकर 136 एलपीएम हो गया है. अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 650 कक्ष हैं, जिनकी क्षमता 2919 लोगों की है. पीपलकोटी में 491 कक्ष हैं. जिनकी क्षमता 2205 लोगों की है.
इसके अलावा जोशीमठ में कड़ाके की ठंड है, इसलिए प्रशासन को हीटर, गर्म कपड़े और दवाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. वर्तमान समय में जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव के अध्ययन को लेकर 8 संस्थान काम कर रहे हैं. जल्द ही इन सभी की रिपोर्ट आने की उम्मीद है.