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गर्मी शुरू होते ही राजधानी दिल्ली में गहराया जल संकट, यमुना नदी में बढ़ी अमोनिया की मात्रा - Yamuna river in Haryana

अभी तो गर्मी की शुरुआत ही है, लेकिन आने वाले समय में राजधानी दिल्ली में लोगों को पेयजल संकट से दो-चार होना पड़ सकता है. आलम यह है कि दिल्ली के चंद्रावल और वजीराबाद जल शोधक यंत्र अमोनिया की मात्रा को साफ नहीं कर पा रहे हैं. हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर का कहना है कि फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायन यमुना नदी में अमोनिया में बढ़ोतरी का मुख्य कारण है. (ammonia level increase in Yamuna river)

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
राजधानी दिल्ली में गहराया जल संकट
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Published : Mar 31, 2023, 6:58 PM IST

Updated : Mar 31, 2023, 7:27 PM IST

पानीपत: आने वाली गर्मियों में हरियाणा और देश की राजधानी दिल्ली में पानी की बड़ी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. इसका मुख्य कारण यह है कि यमुना नदी के पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करने वाली राजधानी दिल्ली में पानी के अंदर इस समय अमोनिया की बढ़ चुकी है. इतना ही नहीं दिल्ली जल बोर्ड के दो संयंत्र भी इस पानी के अमोनिया की मात्रा को साफ नहीं कर पा रहे हैं. आने वाले दिनों में दिल्ली में पेयजल संकट की स्थिति पैदा हो सकती है.

दिल्ली जल बोर्ड द्वारा यमुना के पानी का अमोनिया 5.0 पीपीएम दर्ज किया गया है और दिल्ली के वजीराबाद और चंद्रावल जल शोधक यंत्र इस अमोनिया की मात्रा को साफ नहीं कर पा रहे हैं, जिसे पीने के पानी के उत्पादन 20 से 50% तक घट गया है. दिल्ली जल बोर्ड का मानना है कि पानी में अमोनिया की मात्रा जब तक कम नहीं होगी तो आपूर्ति भी पूरी नहीं की जा सकेगी.

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
यमुना नदी में बढ़ी अमोनिया की मात्रा.

क्या है अमोनिया बढ़ने का कारण: हरियाणा के कई जिलों का डोमेस्टिक वेस्ट यमुना नदी में छोड़ा जाता है. पानीपत जिले से निकलने वाली ड्रेन नंबर-2 करनाल का डोमेस्टिक वेस्ट लेकर सीधी यमुना में मिलती है और इनके अलावा एक बड़ा कारण ड्रेन नंबर-2 में चोरी से डाई हाउस का गंदा पानी भी छोड़ा जा रहा है. पानी में अमोनिया की मात्रा का अधिक होना चोरी से छोड़ा गया एसिड युक्त पानी है. इसके अलावा ड्रेन नंबर-2 में बहुत से ऐसे पॉइंट है जिसमें केमिकल युक्त पानी छोड़ा जाता है, जो सीधा यमुना में जाकर मिलता है और यमुना के पानी को दिल्ली में जल शोधक यंत्रों से साफ कर पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायन यमुना नदी में अमोनिया बढ़ने का मुख्य कारण.

दिल्ली के कई क्षेत्र रहेंगे प्रभावित: दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी के अनुसार, यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा अधिक होने के कारण सिविल लाइन, हिंदू राव अस्पताल, इंदिरापुरम, कालकाजी, गोविंदपुरी, प्रेम नगर, संगम विहार, अंबेडकरनगर, प्रहलादपुर, रामलीला मैदान, सुभाष पार्क, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, दिल्ली छावनी और जहांगीरपुरी, करोल बाग, पहाड़गंज, पटेल नगर, बलजीत नगर और तुगलकाबाद जैसे क्षेत्रों में आने वाली गर्मियों में पेयजल की किल्लत रहेगी.

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
यमुना नदी में गिराया जा रहा प्रदूषित पानी.

कितनी होनी चाहिए अमोनिया की मात्रा: विशेषज्ञ के अनुसार पानी में अमोनिया की मात्रा 0.5 ppm होनी चाहिए, लेकिन अब यह बढ़कर 5.0 ppm हो चुकी है. 3 पीपीएम तक की अमोनिया की मात्रा को जल शोधक यंत्र साफ कर सकते हैं. इस समय उच्च स्तर का अमोनिया पानी में आ रहा है, जिसे जल शोधक यंत्र भी साफ नहीं कर सकते. इसके चलते कई इलाकों में पानी की सप्लाई बाधित रहती है. पानी में अमोनिया बढ़ने का कारण ज्यादातर औद्योगिक केमिकल युक्त पानी है.

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
पानी में अमोनिया की मात्रा 0.5 ppm होनी चाहिए.

यमुना नदी में बढ़ रही अमोनिया की मात्रा: हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर कमलजीत सिंह ने बताया कि अमोनिया की मात्रा यमुना नदी में बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायन है. उद्यमियों को जागरूक करने के लिए उनको ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी जाती है. ट्रेनिंग में बताया जाता है कि डाई हाउस में किस केमिकल का प्रयोग करना चाहिए. समय-समय पर डाई हाउस के सैंपल भी लिए जाते हैं. नियमों की अवहेलना करने उन लोगों खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है जो चोरी से ड्रेन नंबर-2 में गंदा केमिकल युक्त पानी छोड़ते हैं.

ये भी पढ़ें: MP Water Crisis: मालवा में गहराया जल संकट, अब भी नहीं चेते तो बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे

पानीपत: आने वाली गर्मियों में हरियाणा और देश की राजधानी दिल्ली में पानी की बड़ी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. इसका मुख्य कारण यह है कि यमुना नदी के पानी को पीने के लिए इस्तेमाल करने वाली राजधानी दिल्ली में पानी के अंदर इस समय अमोनिया की बढ़ चुकी है. इतना ही नहीं दिल्ली जल बोर्ड के दो संयंत्र भी इस पानी के अमोनिया की मात्रा को साफ नहीं कर पा रहे हैं. आने वाले दिनों में दिल्ली में पेयजल संकट की स्थिति पैदा हो सकती है.

दिल्ली जल बोर्ड द्वारा यमुना के पानी का अमोनिया 5.0 पीपीएम दर्ज किया गया है और दिल्ली के वजीराबाद और चंद्रावल जल शोधक यंत्र इस अमोनिया की मात्रा को साफ नहीं कर पा रहे हैं, जिसे पीने के पानी के उत्पादन 20 से 50% तक घट गया है. दिल्ली जल बोर्ड का मानना है कि पानी में अमोनिया की मात्रा जब तक कम नहीं होगी तो आपूर्ति भी पूरी नहीं की जा सकेगी.

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
यमुना नदी में बढ़ी अमोनिया की मात्रा.

क्या है अमोनिया बढ़ने का कारण: हरियाणा के कई जिलों का डोमेस्टिक वेस्ट यमुना नदी में छोड़ा जाता है. पानीपत जिले से निकलने वाली ड्रेन नंबर-2 करनाल का डोमेस्टिक वेस्ट लेकर सीधी यमुना में मिलती है और इनके अलावा एक बड़ा कारण ड्रेन नंबर-2 में चोरी से डाई हाउस का गंदा पानी भी छोड़ा जा रहा है. पानी में अमोनिया की मात्रा का अधिक होना चोरी से छोड़ा गया एसिड युक्त पानी है. इसके अलावा ड्रेन नंबर-2 में बहुत से ऐसे पॉइंट है जिसमें केमिकल युक्त पानी छोड़ा जाता है, जो सीधा यमुना में जाकर मिलता है और यमुना के पानी को दिल्ली में जल शोधक यंत्रों से साफ कर पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायन यमुना नदी में अमोनिया बढ़ने का मुख्य कारण.

दिल्ली के कई क्षेत्र रहेंगे प्रभावित: दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी के अनुसार, यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा अधिक होने के कारण सिविल लाइन, हिंदू राव अस्पताल, इंदिरापुरम, कालकाजी, गोविंदपुरी, प्रेम नगर, संगम विहार, अंबेडकरनगर, प्रहलादपुर, रामलीला मैदान, सुभाष पार्क, गुलाबी बाग, पंजाबी बाग, मूलचंद, साउथ एक्सटेंशन, ग्रेटर कैलाश, दिल्ली छावनी और जहांगीरपुरी, करोल बाग, पहाड़गंज, पटेल नगर, बलजीत नगर और तुगलकाबाद जैसे क्षेत्रों में आने वाली गर्मियों में पेयजल की किल्लत रहेगी.

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
यमुना नदी में गिराया जा रहा प्रदूषित पानी.

कितनी होनी चाहिए अमोनिया की मात्रा: विशेषज्ञ के अनुसार पानी में अमोनिया की मात्रा 0.5 ppm होनी चाहिए, लेकिन अब यह बढ़कर 5.0 ppm हो चुकी है. 3 पीपीएम तक की अमोनिया की मात्रा को जल शोधक यंत्र साफ कर सकते हैं. इस समय उच्च स्तर का अमोनिया पानी में आ रहा है, जिसे जल शोधक यंत्र भी साफ नहीं कर सकते. इसके चलते कई इलाकों में पानी की सप्लाई बाधित रहती है. पानी में अमोनिया बढ़ने का कारण ज्यादातर औद्योगिक केमिकल युक्त पानी है.

ammonia level increase in Yamuna river in Haryana
पानी में अमोनिया की मात्रा 0.5 ppm होनी चाहिए.

यमुना नदी में बढ़ रही अमोनिया की मात्रा: हरियाणा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के रीजनल ऑफिसर कमलजीत सिंह ने बताया कि अमोनिया की मात्रा यमुना नदी में बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण फैक्ट्रियों से निकलने वाला रसायन है. उद्यमियों को जागरूक करने के लिए उनको ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी जाती है. ट्रेनिंग में बताया जाता है कि डाई हाउस में किस केमिकल का प्रयोग करना चाहिए. समय-समय पर डाई हाउस के सैंपल भी लिए जाते हैं. नियमों की अवहेलना करने उन लोगों खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है जो चोरी से ड्रेन नंबर-2 में गंदा केमिकल युक्त पानी छोड़ते हैं.

ये भी पढ़ें: MP Water Crisis: मालवा में गहराया जल संकट, अब भी नहीं चेते तो बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे

Last Updated : Mar 31, 2023, 7:27 PM IST
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