अगरतला : त्रिपुरा के आदिवासी जिला परिषद के चुनावों में कई हिस्सों से छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. इन घटनाओं में बूथ कैप्चरिंग, मतदाताओं को धमकाने और चुनाव प्रक्रिया में हेरफेर करने की कोशिशें भी शामिल हैं. बता दें, सुरक्षा व्यवस्था के बीच अभी भी मतदान जारी है.
वहीं, सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) सुब्रत चक्रवर्ती ने बताया कि आदिवासी जिला परिषद के चुनावों को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की छह कंपनियां, त्रिपुरा राज्य राइफल्स के 5684 जवान और 263 होम गार्ड तैनात किए गए हैं. उन्होंने कहा कि टीटीएएडीसी क्षेत्र के सभी 61 थानों को अलर्ट पर रखा गया है और वहां पर अतिरिक्त बल भी भेजा गया है. चक्रवर्ती ने बताया कि जहां-जहां चुनाव हो रहा है, वहां पर लगातार गश्त जारी है.
इससे इतर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव प्रसेनजीत भट्टाचार्य ने बयान दिया कि मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ. इसके साथ-साथ उन्होंने कहा कि कुछ जगहों से ईवीएम में खराबी की सूचना मिली थी, लेकिन समय रहते उनको बदल दिया गया है.
वहीं, एक अधिकारी ने जानकारी दी कि शुरुआती चार घंटों में 30 फीसद से अधिक मतदान रिकॉर्ड किया गया है. बता दें, इस चुनाव में 157 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से भाजपा के 14, वाम मोर्चे के 28, कांग्रेस के 28, इंडीजीनियस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के 17 और इंडीजीनियस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्वीप्रा (आईएनपीटी) के चार प्रत्याशी शामिल हैं. वहीं, कुल 8,65,041 मतदाता हैं.
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जानकारी के मुताबिक, आमेटली-गोलाघाटी एडीसी निर्वाचन क्षेत्र के तहत धारीताल एडीसी गांव में तनाव देखने को मिला, जहां कुछ उपद्रवियों ने मतदान केंद्र पर तोड़फोड़ की कोशिश की. जिस स्कूल को मतदान केंद्र बनाया गया था, वहां तोड़फोड़ के दौरान दरवाजे टूट गए और कुछ फर्नीचरों को बाहर फेंक दिया गया. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और हालात को संभालने के लिए हवा में फायरिंग की. इस घटना की वजह से मतदान को थोड़े देर के लिए रोकना भी पड़ा, लेकिन भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कुछ देर बाद मतदान को फिर से शुरू कराया गया.