चेन्नई : वीके शशिकला ने अपने बयान में कहा है कि वे एआईएडीएमके को एकजुट रखना चाहती हैं, जिससे डीएमके को तमिलनाडु की सत्ता से बाहर रखा जा सके. शशिकला ने जयललिता के समर्थकों के अपील की है कि जयललिता का जिन लोगों ने भी समर्थन किया है, वे आगामी चुनावों में डीएमके को तमिलनाडु की सत्ता से दूर रखने के लिए वोट करें.
शशिकला ने कहा कि एआईएडीएमके में फूट न पड़े इसलिए वे राजनीति से संन्यास ले रही हैं.
बता दें कि विगत 23 फरवरी को केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का एलान किया था. ऐसे में चुनावों से ठीक पहले शशिकला का राजनीति से संन्यास अप्रत्याशित माना जा रहा है.
निर्वाचन आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को मतदान कराए जाने हैं. चुनाव परिणाम दो मई को घोषित किए जाएंगे.
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पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक और तुगलक के संपादक एस गुरुमूर्ति, वीके शशिकला और AIADMK के वफादारों के लिए बलि का बकरा बन गए हैं. दरअसल, DMK को सत्ता से बाहर रखने के लिए शशिकला के भतीजे ने शशिकला के AIADMK के साथ आने की वकालत की, जिस पर एस गुरुमूर्ति ने मक्कल मुनेत्र कझगम (AMMK) की तुलना सीवर से कर डाली.
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गौरतलब है कि तमिलनाडु प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की नजदीकी सहयोगी वीके शशिकला की जेल से रिहाई का राज्य की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने खबरों का हवाला देते हुए विगत जनवरी में कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा सत्ताधारी अन्नाद्रमुक पर शशिकला को पार्टी में लेने के लिए दबाव बना रही है.
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जेल में शशिकला
बेंगलुरु की पराप्पना अग्रहरा सेंट्रल जेल में रहीं शशिकला ने एक साल से अधिक समय तक बागवानी की. जेल के नियमों के मुताबिक बंद शशिकला और इलावरासी हर दिन बगीचे में सब्जियां, पत्ते और पपीता उगाते थे. उनकी टीम में शामिल 6 लोग भी यही काम करते थे. इस काम के लिए वह एक दिन में 75 रुपये कमाती थीं.
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इसके साथ-साथ उनको सैलरी भी मिलती थी. चिनम्मा जेल की रसोई में हर तीन दिन में सब्जियां भी देती थीं. जेल में पहुंचने के बाद कुछ दिनों तक उन्होंने सिलाई का काम भी किया. जब चिन्नम्मा को कुछ दिन बीत गए तो उन्होंने बगीचे में सब्जी उगाने का फैसला किया.
शशिकला बीते 27 जनवरी को जेल से रिहा हुईं थीं. तमिलनाडु की पूर्व सीएम स्व. जयललिता की करीबी और अन्नाद्रमुक नेता शशिकला 4 साल बाद जेल से रिहा हो गईं. भ्रष्टाचार मामले में जुड़े एक केस में शशिकला को सजा सुनाई गई थी. शशिकला आय से अधिक मामले में बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा जेल में बंद थीं.
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अन्नाद्रमुक से निष्कासित नेता वीके शशिकला आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की जेल की सजा बेंगलुरु में काटने के कुछ दिन बाद फरवरी के पहले सप्ताह में तमिलनाडु लौटीं थीं, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया था. शशिकला की वापसी ऐसे समय हुई है जब राज्य में सत्ताधारी अन्नाद्रमुक के साथ उनके टकराव के संकेत मिल रहे हैं.
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बता दें कि मशहूर फिल्मकार रामगोपाल वर्मा ने पिछले दिनों एलान किया था कि वे शशिकला के जीवन पर आधारित एक फिल्म का निर्माण करेंगे.
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अप्रैल, 2019 में रामगोपाल वर्मा ने जयललिता और शशिकला की तस्वीर वाला एक पोस्टर साझा किया जिसमें लिखा था, 'निर्दयी पुरुषों, जेलों और मन्नारगुडी गिरोहों के खिलाफ एक रिश्ते की कहानी. 'शशिकला'. प्रेम खतरनाक रूप से राजनीतिक है. राम गोपाल वर्मा की फिल्म.'